शिमला। जिला किन्नौर के निगुलसराई में आज दोपहर को पहाड़ी दरकने से बड़ी बडी चटटानों और मलबे की चपेट में परिवहन निगम की यात्रियों से भरी एक बस, एक टाटा सूमो, एक ट्रक व दो कारों समेत कई वाहन आने से दस लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 13 घायलों को निकाला गया है और 60 के करीब लोगों के फंसे होने की आंशका है। शाम छह बजे के करीब राहत व बचाव कार्यकार्य दल ने यात्रियों से भरी एक सूमों को मलबे के नीचे से निकाला उसमें पांच महिलाओं, दो बच्चों और एक पुरूष के शव को निकाला गया है। इन सभी शवों को भावानगर अस्पताल को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है।शाम को साढे आठ बजे के करीब तक हिंदुसतान तिब्बत राजमार्ग -5 को साफ कर दिया गया था लेकिन परिवहन निगम की बस व एक बुलेरो कार का कही कोई पता नहीं चला है।
इस हादसे में 13 घायलों में 11 को मामूली चोटें जबकि दो को गंभीर चोटें आई है। राहत व बचाव दल शाम छह बजे तक भी मलबे के नीचे दबी परिवहन निगम की बस तक नहीं पहुंच पाई थी । यह बस रिकांगपिओ से हरिद वार के लिए जा रही थी। लेकिन यहां पर हादसे का शिकार हो गई। इस बस में रिकांगपिओ से 24 यात्री सवार हुए थे। ऐसे में मृतकों की संख्या ज्यादा हो सकती है। परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अजेंद्र चौधरी ने कहा कि रिकांगपिओ से 24 यात्री सवार हुए थे। जहां हादसा हुआ है वहां पर ऊपर से पत्थर आ रहे थे इसलिए बस को रोक दिया गया व चालक व परिचालक जाम खुला है या नहीं ये देखने नीचे उतर गए थे। इसके अलाचा चार पांच यात्री भी नीचे उतर गए थे। इनमें से कंडक्टर गुलाब सिंह को ज्यादा चोटें आई है। जबकि चार घायल ठीक है। एक महिला को रिकांगपिओं के अस्पताल को रेफर किया गया है।
उन्होंने कहा कि बस सड़क में ही मलबे के नीचे दबी है या यह चटटानों व मलबे के साथ नीचे चली गई है। इसका अभी कुछ पता नहीं चल रहा है। बस नहीं मिल रही है। मशीनें ने लगी हुई है। इसमें 20 के करीब लोग अंदर बैठे हो सकते है लेकिन सही तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
दोपहर को एक शव निकाला गया था जबकि साढ़े चार बजे के करीब दूसरा शव निकाला गया है। इससे पहले राहत व बचाव कार्य दल ने यहां चटटान की आड़ में आश्रय लिए चार में से तीन लोगों को सरक्षित बचा लिया है। इस हादसे में परिवहन निगम की बस के चालक की जान बच गई है और वह बुरी तरह से घायल है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव सुदेश मोक्टा ने कहा कि राहत व बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चला हुआ है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शाम को छह बजे के करीब कहा कि साठ के करीब लोग व कई वाहन यहां दबे हो सकते है व राहत कार्य जारी है और सेना के हैलीकाप्टर को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है।
सुबह जब यह पहाडी दरकी तो इसकी चपेट में एक ट्रक भी आ गया जिसमें बड़ी चटटानी टकराई और इसे नीचे नाले में ले गई। इस ट्रक के चालक की मौके पर ही मौत हो गई है। इसकी पहचान सुजानपुर के विजय कुमार के रूप में हुई है। इसके अलावा एक अन्य शव निकाला गया है व इसकी पहचान रामपुर के गांव कैया के रोहित के रूम में हुई है। शाम चार बजे तक यह बिलकुल भी जाानकारी नहीं थी कि यहां पर यात्रियों से भरी एक टाटा सूमो भी हो सकती है। यहां मलबे के नीचे कितने वाहन दबे है इसकी सही जानकारी नहीं लग पाई थी।
हादसे के बाद जिला प्रशासन ने मौके पर दस एंबुलेंस, चार बडी जेसीबी, आइटीबीपी की 17वीं वाहिनी के 52 जवानों, पुलिस के 30 जवानों और एनडीआरएफ के 27 जवानों की तुरंत तैनाती कर दी।इसके अलावा स्थानीय लोग भी बचाव व राहत कार्य में जुडे गए।
हादसे की जानकारी देत मे हुए दोपहहर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्हें गृहमंत्री अमित शाह ने फोन कर हर तरह की मदद करने का भरोसा दिया है। इसके अलावा सेना की ओर से भी हैलीकाप्टर की मदद देने का भरोसा दिया गया है। सरकार ने हैलीकाप्टर को तैयार रखने का आग्रह किया है।
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