दिल्ली में नक्सली केजरीवाल ने सता पर कब्जा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व अमित शाह की धोतियां उतार कर सूखने रख दी है। जब तक ये धोतियां सूखती नहीं है बेचारे बाहर नहीं आ सकते है। संघ व कुछ कारपोरेट घरानों को आग जलाने का काम दे रखा है ताकि इनकी कुछ इज्जत बची रह सके।पर इधर इन धोतियों पर विरोधियों की नजर लग गई है। बताते है कि इन्हें तार- तार कर देंगे। जैसे दुशासन ने द्रोपदी के साथ किया था । मोदी व अमित शाह के साथ भी ऐसा होने वाला है। ये हो न हो ये अलग बात है। सपना तो देख ही रहे है।- दोनों ने अपने पलटू केजरी की खूब बेइज्जती की थी। अपने पलटू केजरी ने ऐसा मारा दोनों को कि अब दोनों अपना माथा फोड़ रहे है। दिल्ली में केजरी की जीत से उत्साही बलमा इन दिनों तू भी केजरी,मैं भी केजरी का खेल खेलने निकल पड़े है। हर राज्य और हर राजधानी में अपनी नौटंकी टीम लेकर। हिमाचल में हिमाचली केजरी की तलाश शुरू हो गई है। दिल्ली से पलट कर आई टीम ने सुशांत राजन को लेकर कोई अच्छी फीड माल रोड पर नहीं दी लोगों को। बोले, कहीं दीखें ही नहीं वो।दिल्ली में हम तो घर -घर गए। एक बार नहीं। तीन -तीन बार।उनका पता नहीं। आगे चलकर ये बिन्नी या अश्वनी उपाध्याय न बन जाए ये। याद रखना चाहिए उनका क्या हाल किया अपने केजरी भाई ने। किरण बेदी व शाजिया इल्मी की बती भी कहीं बुझ गई है। जनता के झाडू़ ने बेचारों को कहीं का न रखा।
दिल्ली से आकर टीम ने स्कैंडल प्वाइंट पर एलान कर दिया है कि हमें कोई बिलकुल फ्रेश केजरी चाहिए। बिलकुल पवित्र।नक्सली टाइप का जो नदी,नाले और घाट घाट नाप सके और जिसमें मिलावट न हो।सुशांत भाजपा से आएं है आम आदमी पार्टी में।भाजपा के सबसे महागुरु पंडित शांता कुमार बड़े घाघ है राजनीति के ।सुशांत के ये गुरु है। गुरु-चेले प्रदेश में राजनीति करने आए है।जबकि केजरी भाई का मंत्र है कि हमें राजनीति नहीं करनी है।हम राजनीति बदलने आए है।दिल्ली से लौटी ये टीम अब इस जिद पर है उन्हें राजनीति करने वाले नहीं राजनीति बदलने वाले केजरी चाहिए। बिलकुल हिमाचली केजरी।
हिमाचल में घाघ राजनेताओं की कमी नहीं है। एक से बढ़कर एक है। सिक्स टाइमर सीएम वीरभद्र सिंह है तो प्रधानमंत्री मोदी के चेले धूमल है। इनके पास गाड़ी,बंगला,पैसा सब है।इसके अलावा इनके पास इनकी सबसे बड़ी पूंजी इनके लाडले है। ऐसे लाडले जिनका दुनिया में कोई मुकाबला नहीं है।
एक को क्रिकेट का चस्का लगा हुआ है तो दूसरे बेचारे को भाजपाइयों ने तबाह कर दिया। अदालतों के धकके खा रहे है। केजरी के पास ऐसा कुछ नहीं था। अपने केजरी बोले मेरे पास बीवी है। इनकी वजह से जीता। फिल्मी डायलॉग बदल दिया। फिल्मों का डायलॉग है,मेरे पास मां है। लेकिन अपने केजरी ऐसा नहीं बोले।
अब हिमाचल में हर कोई केजरी बनने को उतावला हो गया है। हिमाचल में विधानसभा चुनाव 2017 में होने है और हिमाचल का केजरी कौन होगा ये फाइनल नहीं हो पा रहा है।सवाल ये भी उछाल दिया है कि क्या सफेद दाढ़ी वाले दडि़यल सुशांत हिमाचली केजरी बन पाएंगे या उन्हें शांति भूषण की जगह फिट करना है।दिल्ली की हुंकार से वीरभद्र व धूमल भी थरथर्राएं हुए है।भाजपा ने तो धूमल को पछाड़ कर नडडा को आगे कर भी दिया है। नडडा को लोग आज भी याद करते है।गोली देने के मास्टर है नडडा।उनके जुमले बड़े मशहूर हुए थे प्रदेश में।क्या अपने केजरी के लपेटे से बच पाएंगे वो। सुनते है अपने केजरी उन्हें दिलली में ही लपेटने वाले है।
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