शिमला। मोदी सरकार में मंत्री रहे सर्बानंद सोनोवाल को आसाम भेजकर मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का प्रयोग सफल रहने के बाद अब हिमाचल मेंं अक्तूबर2017 के आगामी विधानसभा चुनावों मेंं मोदी सरकार में मंत्री जगत प्रकाश नडडा को बीजेपी की ओर से बतौर मुख्यमंत्री उतारने का लगभग मूक एलान हो गया है।
हालांकि नडडा के नाम का किसी ने कहीं कोई एलान नहीं किया लेकिन राजधानी के एक नामी सरकारी होटल पीटरहाफ में नडडा ने जिस तरह से प्रदेश की वीरभद्र सिंह सरकार और मोदी सरकार में सड़क मंत्री गडकरी के मंत्रालय के नेशनल हाइवे के अधिकारियों के साथ फर्राटा बैठक की व अपने मंत्रालय के नहीं गडकरी के मंत्रालय में दखल लेकर अधिकारियों की क्लास ली है,वो सब कुछ साफ साफ बयां कर गई हैं।
इसके अलावा नडडा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ एक भी बोल नहीं बोला। यहांं तक सरकार के कामकाज पर भी मौन साध गए। जबकि प्रदेश भाजपा व धूमल खेमा पिछले तीन सालों से वीरभद्र सिंह पर ताबड़तोड़ हमले करता आया है।वीरभद्र सिंह के खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के न तोदेश के प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी कुछ बोलते हें और न ही उनके मंत्री जेपी नडडा कोई हमला बोलते हैं।जबकि मोदी सरकार की सीबीआई वीरभद्र सिंह के खिलाफ जांच कर रही हैं। यहां ये महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व जगत प्रकाश नडडा दोनों के ही वीरभद्र सिंह से दोस्ताना रिश्ते हैं।दूसरे वीरभद्र सिंह की ये मजबूरी है कि प्रदेश में धूमल नहीं कोई और नेता भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा बने ।
उधर दूसरी ओर प्रदेश में ऐसा कभी नहीं हुआ है कि किसी केंद्रीय मंत्री ने दूसरे मंत्री के मंत्रालय के कामकाजों का जायजा लिया हो। गडकरी व नडडा के आपस में याराना रिश्ते है।शायद ये लिबर्टी गडकरी की ओर से इसी याराना की वजह से मिली हो।
इसके अलावा पीटरहाफ में भाजपा नेताओं की फौज जिस तरह से खड़ी हुई वो अपने अाप में चौंकाने वाली थी। उनके स्वागत में बैंड बाजा भी बजा तो फूल-मालाएंं पहनाने को भाजपा नेता आतुर रहे।भाजपा अध्यक्ष सतपाल सती से लेकर धूमल खेमे के विरोधी मंडी जिला से विधायक महेंद्र सिंह ठाकुर, जयराम ठाकुर,शिमला के विधायक सुरेश भारद्वाज,अर्की के विधायक गोबिंद शर्मा नडडा के चारों ओर घूमते रहे।
इसके अलावा धूमल खेमा भी पीछे नहीं था।जिला कुल्लू से गोबिंद ठाकुर,जिला सिरमौर(पहले सोलन)राजीव बिंदल उनके आसपास रहे। इसके अलावा भाजपा सांसद रामस्वरूप शर्मा व बीरेंद्र कश्यप भी इस मौके पर मौजूद रहे लेकिन जलवा सिर्फ नडडा का ही रहा। राजीव बिंदल मीडिया को काबू में रखने का काम करते रहे चूंकि नडडा मीडिया से बात करने में तय समय से देरी से आ रहे थे। सो बिंदल पूरी तरह से चौकस रहे।
नडडा ने कहा कि मोदी सरकार ने दो सालों में 60 नेश्नल हाइवे हिमाचल को दिए है जिन पर कम से कम 13 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसमें से 56 नेशनल हाईवे तो इसी साल मंजूूर किए गए हैं। इन हाईवे की अधिसूचना उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के अफसरों से उनकी बैठक हुई है व उन्होंंने अफसरोंं को निर्देश दिए है कि वो एक सप्ताह के भीतर इन हाइवे में होनेे वाले किसी भी तरह के बदलाव की रिपोर्ट मोदी सरकार को भेज दें ताकि इन पर काम हो सके।नडडा ने कहा कि जैसे ही बदलाव की रिपोर्ट मोदी सरकार केपास पहुंचेगी उसी के साथ डीपीआर तैयार करने के लिए कंस्लटेंट नियुक्त करना शुरू कर देंगे।उन्होंने कहा कि वो चाहते है कि प्रदेश को ज्यादा से ज्यादा लाभ हो।
वीरभद्र सिंह सरकार परहमला करनेे से बचते हुए नडडा ने केवल इतना कहा कि जिस रफ्तार में मोदी सरकार काम कर रही है वीरभद्र सिंह सरकार भी उसीरफ्तार में काम करें। वीरभद्र सिंह सरकार की रफ्तार तेज नहीं है। 2017 के विधानसभा चुनावोंं में वो भाजपाकी ओर से मुख्यमंत्री काचेहरा होंगे उन्होंने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। वो बोले वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केबिनेट में बाखुबी काम कर रहे है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो विकास के मसले पर बात करने आए है।दिलचस्प ये रहा कि वो वीरभद्र सिंह व उनके सरकार के कामकाज पर किसी भी तरह का हमला करने से बार -बार बचते रहे।उन्होंने उन पर सीधा हमला नहीं किया।
यहांये महत्वपूर्ण है कि अगर नडडा को हिमाचल से मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर उतारा जाता है तो फिर धूमल परिवार की राजनीति पर विराम लगना तय है। आगामी चुनावों में प्रदेश मेंपिता पुत्रों की सरकार एक बड़ा चुनावी मुददा बनने वाला है। ये भााजपा आलाकमान भी जानता है। कांग्रेस में वीरभद्र सिंह व विक्रमादित्य सता पर काबिज है तो भााजपा पर धूमल व अनुराग का कब्जा है।
आज दिलचस्प स्थिति भाजपा अध्यक्ष सतपाल सती की रही है।वो नडडा खेमे की ओर भी है औरधूमल खेमे की ओर भी।हालांकि वो अपना झुकाव किस ओर रखेंगे ये आगामी दिनों में तय हो जाएगा।समझा जा रह है एबीवीपी का खेमाा नडडा की ओर झुकेगा। एबीवीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नागेश कुमार भी बिलासपुर से हैं ।बताते है कि वो राज्यसभा जाने का सपना पाले हैंं।नडडा उनके लिए सीढ़ी बन सकते है। इन सबकों को एक दूसरे की जरूरत हैै।हालांकि भाजपा के लिए धूमल को नजरअंदाज करना आसान नहीं हैं।लेकिन कहते है कि उनके लिए गवर्नरी का पद रखा हुआ है जबकि उनके पुत्र अनुराग ठाकुर के लिए हमीरपुर लोकसभा सीट सुरक्षित है।ऐसे मेंं नडडा को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने से पिता- पुत्र की सरकार की काट भी मिल जाएगी। अब देखना ये है कि भाजपा आगे क्या करती है।
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