शिमला। दिल्ली चुनावों में व्यस्त होने के कारण मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रदेश का राजपाट दिल्ली से ही चला रहे है। बर्फबारी से मुश्किलों में फंसे हिमाचल के लोगों को उन्होंने व उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने अकेला छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री पूरा राजपाट दिल्ली से ही चला रहे है।बर्फबारी की वजह से प्रदेश में आज भी सौ के करीब सड़कें बंद है। कई इलाकों में पानी व बिजली नहीं है।लेकिन मुख्यमंत्री प्रदेश की कोई सुध नहीं ले रहे है।
वह दिल्ली में चुनाव प्रचार में मशगूल हो गए है।
यही नहीं इसी महीने के आखिर में प्रदेश का बजट सत्र शुरू होने वाला है।उसकी अभी कोई तैयारी नहीं हो रही है। केवल तबादलों पर रोक का एक फरमान निकला था।राजीव बिंदल भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष बन गए है। ऐसे में विधानसभा के अध्यक्ष का पद खाली है।ऐसे में बजट सत्र कैसे चलेगा ,इसे लेकर सवाल उठने लगे है।
हिमाचल से राज्यसभा सांसद जगत प्रकाश नडडा के भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष्ा बनने के बाद से प्रदेश की राजनीति की धूरी अब नडडा बन गए है। ऐसे में बीते रोज जयराम ने दिल्ली में नडडा के साथ मुलाकात की व समझा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और विधानसभा अध्यक्ष किसे बनाया जाए इस पर दोनों नेताओं के बीच विचार विमर्श हुआ है।
मुख्यमंत्री तीस जनवरी से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए है व छह व सात फरवरी को उनका प्रदेश आने का कार्यक्रम है। हालांकि शुक्रवार को वह हरियाणा के मोरनी में किसी निजी कार्यक्रम में जरूर पहुंचे थे ।लेकिन वह वहीं से दिल्ली की ओर मुड़ गए । राजधानी शिमला आए ही नहीं।हालांकि वह एक दो दिनों के लिए राजधानी आ सकते थे।
दिल्ली चुनावों के फेर में उन्होंने धर्मशाला प्रवास भी टाल दिया। हालांकि कहा जा रहा है कि वह आठ फरवरी से कांगड़ा के प्रवास पर जा सकते है। पिछले 20 सालों से तमाम मुख्यमंत्री धर्मशाला को दूसरी राजधानी के रूप में लेकर वहां का प्रवास करते आए हैं।उधर उनके दिल्ली में ही रमे रहने के कारण कांग्रेस ने भी सवाल उठाने शुरू कर दिए है।
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