शिमला। जीत से गदगद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पार्टी व पार्टी के बाहर के उन बड़े नेताओं को ईशारों -ईशारों में गलतफहमी दूर करने की नसीहत दी है जो यह समझते है कि प्रदेश में उन्हीं के कहने पर सब कुछ होता है। वह राजधानी में संवाददाताओं सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कई लोगों ने बड़ी बातें की। जयराम ने कहा कि इस बार उन्होंने सुना ज्यादा व समझा भी ।
उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं का तो नाम नहीं लिया लेकिन सुखराम का नाम लेकर उन्होंने कहा कि वह उनके पोते को तो अपने मतदान केंद्र पर भी बढ़त नहीं मिली है। जयराम ने कहा लोगों को अब सच्चाई स्वीकार कर लेनी चाहिए। हालांकि उन्होंने माना कि मंडी सीट निकालना उनके लिए कठिन था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में विधानसभा व लोकसभा चुनावों में चाहे मुख्यमंत्री खुद चुनाव मैदान उतरे हो या वह सता में रहे हो सिराज से इतनी बढ़त कभी भी किसी को नहीं मिली है। सिराज से इस बार 37हजार 147मतों की बढ़त मिली है। सबसे ज्यादा 39970 मतों की बढ़त नालागढ़ हलके से मिली। यह इतिहास में पहली बार है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव लंबे समय तक इतिहास का हिस्सा रहेगा। जीत का अंतर भी इतिहास में कभी इतना नहीं रहा ।
उन्होंने कहा कि नौ विधानसभा हलकों में 30 हजार से ज्यादा की बढ़त है। 34 हलकों में 20 हजार से ज्यादा, 21 हलकों मे दस हजार और 4 हलकों में दस हजार या उससे कम की बढ़त रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा को 69.11 वोट शेयर मिला जो देश के किसी भी दूसरे राज्यों में से सबसे ज्यादा है। जबकि कांग्रेस को कुल 27.30 फीसद वोट शेयर मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बड़े बउÞे दिग्गज अपने हलकों में पिछड़ गए। मंडी से आश्रय शर्मा 27491 मतों से पिछड़ गए व अपने मतदान केंद्र पर भी पीछे रहे।
कांगउÞा से पवन काजल अपने हलके से 23643 मतोें से पीछे रहे सोलन से शांडिल 10833मतों से पीछे रहे। वीरभद्र सिंह की ओर ईशारा करते हुए जयराम ने कहा कि रोहड़ू, रामपुर व अर्की से भी कांग्रेस के नेता अपने प्रत्याशियों को बढ़त नहीं दिला पाए।
याद रहे भाजपा के बड़े नेता प्रेम कुमार धूमल और अनुराग ठाकुर समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं को जयरम ठाकुर का मुख्यमंत्री बनाया जाना गंवारा नहीं गुजरा था। जयराम कई बार बोल भी चुके थे कि वह मुख्यमंत्री बन गए है अब तो मान भी लो। लेकिन चारों सीटों पर मिली अप्रत्याशित जीत ने उन्हें प्रदेश के अब तक बड़े नेताओं की कतार में खड़ा कर दिया है।
उन्होंने खुद को छोटा आंकने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी निशाने पर लिया व कहा कि वीरभद्र सिंह ने बीते रोज कहा था कि मुख्यमंत्री तो केवल अपने ही हलके सिराज में ही प्रचार करने गए है।उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह की जानकारी कितनी कम है। उन्हें पता होना चाहिए कि वह रोहड़ू भी गए व रामपुर भी । अर्की में भी जनसभाएं की। उन्होंने वीरभद्र सिंह को भी जनादेश का सम्मान करने की सलाह दी।
उन्होंने कांग्रेस नेताओें की ओर से इस जीत के लिए ईवीएम को दोष देने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह तो 19 मई को ही पता था। उन्होंने रोना भी शुरू कर दिया था। लेकिन इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग पहले ही अपना फैसला दे चुके है। अब वीरभद्र समेत तमाम कांग्रेस नेताओं को जनादेश को स्वीकार करना चाहिए।
अनिल शर्मा को लेकर मंगवाई रिपोर्ट
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि अनिल शर्मा की ओर से इन चुनावों के दौरान क्या -क्या कारगुजारियां की गई है इस बावत पार्टी से रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट तलब करने के बाद अनिल शर्मा को लेकर फैसला किया जाएगा कि उन्हें पार्टी से निकालना है या नहीं।
मंत्रिमंडल में फेरबदल वरिष्ठ नेताओं से विचार के बाद
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल में दो पद खाली हो गए है। एक ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा का और दूसरा खाद्य व आपूर्ति मंत्री किश्न कपूर का । इन दोनों पदों को भरने के लिए पार्टी नेताओं से विचार करने के बाद फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनावों में मिली बढ़त को भी ध्यान में रखा जाएगा।
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