शिमला। बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप व हत्या मामले के एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत में हुई हत्या के मामले में गिरफ्तार 9 पुलिस वालों को आज शिमला में सीबीआई की विशेष अदालत ने 25 नवम्बर तक फिर से न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
पहले से ही न्यायिक हिरासत में चल रहे इन आरोपियों में प्रदेश पुलिस के आईजी जहूर एच जैदी, एसपी विजीलेंस व शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी और ठियोग के पूर्व डीएसपी मनोज जोशी सहित एसएचओ राजेंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद, एचएचसी रहे सूरत सिंह, मोहन लाल, हेड कांस्टेबल रफीक अली और कांस्टेबल रंजीत शामिल हैं। इन सभी पर हिरासत में हत्या और फिर इस मामले के सबूत मिटाने के आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने का आरोप है।
सूरज की हिरासत में हत्या के उक्त 8 आरोपियों को सीबीआई ने 29 अगस्त को गिरफ्तार किया था और 14 सितंबर से ये सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। सीबीआई इनके खिलाफ 30 नवम्बर से पहले चार्जशीट अदालत में दाखिल करेगी।
इसी केस में एसपी डीडब्ल्यू नेगी 16 नवंबर को गिरफ्तार हुए थे। नेगी पर सूरज हत्याकांड का फर्जी मामला बनाने और जांच को गलत दिशा देने का आरोप है। डी डब्ल्यू नेगी के अलावा ये सभी पुलिस वाले गुड़िया मामले में गठित एसआईटी के सदस्य थे। आईजी जहूर जैदी के नेतृत्व में एसआईटी बनाई गई थी।
उधर, आरोपियों के वॉयस सैम्पल मामले की सुनवाई अदालत ने आज फिर टाल दी। आरोपी पुलिस वालों की पैरवी करने वाले अधिवक्ता के अनुपस्थित रहने पर इस मामले की सुनवाई नहीं हो पाई। अदालत ने इसकी सुनवाई अब 25 नवंबर को तय की है।
दरअसल सीबीआई ने अंवेषण के दौरान उक्त पुलिस वालों के मोबाइल और कम्प्यूटर कब्जे में लिए थे। सूरज मामले को लेकर इन पुलिस वालों की मोबाइल पर हुई बातचीत के अंश सीबीआई के हाथ लगे थे। अब सीबीआई वॉयस सैम्पल लेकर इनकी आवाज़ के नमूनों को पुष्ट करना चाहती हैए ताकी सबूत के तौर पर इसे अदालत में पेश किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि 10वीं की छात्रा गुड़िया शिमला जिले के कोटखाई स्कूल में पढ़ रही थी। इसी साल 4 जुलाई को वह अचानक लापता हो गई। 6 जुलाई की सुबह गुड़िया का शव इलाके के हलाइला जंगल मे पड़ा मिला। जांच में खुलासा हुआ कि सामूहिक बलात्कार के बाद बर्बरता से उसकी हत्या हुई।
इस मामले में पुलिस की एसआईटी ने सूरज सहित 6 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी पुलिस हिरासत में चल रहे थे कि 18 जुलाई की रात्रि एक आरोपी सूरज की कोटखाई थाने के लॉकअप में मौत ही गई। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई गुड़िया और सूरज हत्या मामलों की जांच कर रही है।
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