शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के प्रदेश के नए मुख्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति को लेकर हुई बैठक का बहिष्कार करने और मुख्यमंत्री वीरभद्र का बीच बैठक से उठकर चले जाने के ड्रामे के बीच वरिष्ठ आईएएस अफसर अतिरिक्त मुख्य सचिव नरेंद्र चौहान को मुख्य सूचना आयुक्त की कुर्सी मिली गई हैं।
सचिवालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक नए सीआईसी को नियुक्त करने के लिए आज बुलाई गई बैठक में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल शामिल नहीं हुए। इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व मंत्रीविद्या स्टोक्स बैठें। सूत्र बताते है कि इस बीच हिमाचल पब्लिक सर्विस कमिशन के हाल ही में रिटायर हुए चेयरमैन व वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी खजान सिंह तोमर को सीआईसी बनाने के मसले पर धूमल से हामी मांगी गई। सूत्र बताते है कि धूमल ने तोमर के नाम को इंकार कर दिया।
इसके बाद अफसरों ने नई सूची वीरभद्र व विद्या स्टोक्स के सामने रखी गई, तो उसमें चीफ सेक्रेटरी वीसी फारका का नाम देखकर वो नाराज हो गए बैठक से उठकर चले गए। तब विद्या स्टोक्स अकेली ही रह गई । इसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचि䈟ఀव पीडब्ल्यू डी नरेंद्र चौहान जो 2018 में मार्च में रिटायर होने हैं के नाम को आगे किया गया । इस पर किसी ने कोई आपति नहीं जताई तो उन्हें प्रदेश का नया मुख्य सूना आयुक्त बना दिया गया हैं।
मुख्य सूचना आयुक्त की कुर्सी एक अरसे से खाली थी। इसके बाद आयोग केवल एक ही सदस्य के डी बातिश के सहारे चल रहा था। बीते दिनो भी रिटायर हो गए थे। ऐसे में सूचना आयोग खाली था।
बताते है कि इस पद पर विराजमान होने के लिए खजान सिंह तोमर एक अरसे से ताकत लगाए हुए थे।धूमल को मनाने के भी कई प्रयास हुए। इसके लिए धूमल के करीबियों को काम पर लगाया गया।लेकिन धूमल नहीं माने। तोमर पत्रकाररह चुके हैं। वीरभद्र के साथ नजदीकियां होने के कारण उन्हें पब्लिक सर्विस कमिशन का चेयरमैन लगा दिया गया था। उनका कार्याकाल कुछ ही दिन पहले समाप्त हुआ था।लेकिन वो और नौकरी चाहते थे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।
सीआईसी के पद पर चीफ सेक्रेटरी वी सी फारका भी नजर गढ़ाए हुए थे। बताते है कि विधानसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लगने पर उनकी कुर्सी को खतराहो सकता हैं। क्योंकि वो चीफ सेक्रेटरी बनने से पहले मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचि䈟ఀव रह चुके हैं। ऐसे में चुनावों के दौरान ऐसे व्यक्ति को,जो मुख्यमंत्री के बेहद करीब रहा हो को, चीफ सेक्रेटरी के पद पर रखना चुनाव आयोग को आपतिजनक लग सकता हैं।अगर किसी ने इस बावत आयोग से शिकायत कर दी तो आयोग संज्ञान लेकर उन्हें हटा सकता हैं। फारका को हटाने के पीछे पहले ही उनसे सीनियर आईएएस विनीत चौधरी पूरा जोर लगाए हुए हैं।
(22)