शिमला।अपने लाडले अफसर मुख्य सचिव वी सी फारका की कुर्सी विधानसभा चुनावों तक बचाने की खातिर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह सरकार ने कैट के आदेशों की पालना करते हुए वरिष्ठ अफसरों दीपक सानन व विनीत चौधरी को एडजेस्ट करने के लिए एक्स कैडर की पोस्टें सृजित कर दोनों को प्रधान सलाहकार बना दिया हैं।बताते है कि वीरभद्र के कुछ लाडले सलाहकार इन दोनों को कैट के आदेशों के बावजूद तैनाती देने के मुड़ में नहीं थे। इन लाडलों की मंशा थी कि दोनों की और फजीहत करने के लिए अदालत में कुछ और स्टैंड लिया जाए। लेकिन सरकार को डर था कि कहीं सरकार की फजीहत न हो जाए और फारका की चीफ सेकेटरीशिप ही न खत्म हो जाए। ऐसे में कुछ झुकते हुए ये फैसला लिया गया ।सलाहकार की ये पोस्टें डिफंक्ट पोस्टेंं हैं। कैट में अतिरिकत मुख्य सचिव पसर्नल तरुण श्रीधर पर भी आंच आ सकती हैं।
इन दोनों अफसरों में से 1982 बैच के आइएएस अफसर दीपक सानन इस पद पर केवल सात दिन ही रहेंंगे । वह 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं।
जबकि 1982 बैच के ही आइएएस अफसर विनीत चौधरी सरकार के प्रधान सलाहकार के पद पर एक साल या जब तक वो इस पद पर रहेंगे तब तक नियुक्ति दे दी हैं। इन दोनों अफसरों को कैट के आदेशों के बाद ये नियुक्तियां दी गई हैं।बहरहाल ये अंतरिम राहत मिली हैं। वीरभद्र के लाडले फारका कीचीफसेक्रेटरीशिप पर अभी भी तलवार लटकी हुई हैं।सानन व चौधरी की याचिका का निपटारा अभी होना हैैं ।सूत्र बताते हैं कि सानन व चौधरी ने अदालत में जंग जारी रखने का फैसला किया हैं।कैट में इन अफसरों ने कहा है कि फारका तो अतिरिक्त मुख्य सचिव भी गलत तरीके से बनाया हें। वह एसीएस ही नहीं बन सकता था। ऐसे में फारका को चीफ सेक्रेटरी बनाया जाना कानूनन गलत हैं।
कैट में अगली सुनवाई 27 जनवरी को होनी हैं व सरकार को अदालत में अनुपालना रिपोर्ट पेश करनी हैं। सरकार ने अभी तक कैट में जवाब तक दायर नहीं किया हैं।
सानन व चौधरी दोनों ही 1983 बैच के आइएएस अफसर व चीफ सेक्रेटरी वी सी फारका से सीनियर थे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने इन दोनों अफसरों के अलावा1983 बैच की आइएएस अफसर उपमा चौधरी की वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनयिर 1983 बैच के ही आइएएस अफसर वी सी फारका को 31 मई 2016 को चीफ सेक्रेटरी बना दिया था।
वरिष्ठता को दरकिनार करता देख ये तीनों अफसर छुटटी पर चले गए थे।इस बीच केंद्र सरकार ने उपमा चौधरी को एआइएस अफसरों को मंसूरी स्थिति ट्रेेनिंग देने वाली लाल बहादुर शास्त्री अकादमी का निदेशक तैनात कर दिया गया।
इस बीच वीरभद्र सिंह व चीफ सेक्रेटरी वीसी फारका समेत अफसरेां की एक जुंडली ने इन दोनों की फजीहत कराने के लिए चीफ सेकेटरी सेे स्वंतंत्र पोस्टिंग नहीं दी। आखिर में सानन व चौधरी ने कैट में फारका को चीफ सेकेटरी बनाने के खिलाफ याचिका दायर कर दी। जिस पर कैट ने वीरभद्र सरकार को आदेश दिए कि वो 27 जनवरी से पहले दोनों अफसरों को चीफ सेक्रेटरी से स्वतंत्र पोस्टिंग दें और अनुपालना रिपोर्ट तलब कर ली।विनीत चौधरी 2018 में रिटायर होने हैं।
वीरभद्र सरकार ने सरकार के प्रधान सलाहकार के दो एक्स कैडर के पद सृजित कर दिए व दीपक सानन को प्रशासनिक सुधार व प्रशिक्षण व विनीत चौधरी को प्रधान सलाहकार जन शिकायत निवारण तैनात कर दिया हैं।
सरकार ने इन दोनों को ये पोस्टिंग देकर चीफ सेक्रेटरी वी सी फारका की चीफ सेक्रेटरीशिप पर लटकी तलवार फिलहाल कैट में याचिका कनिप्टारे तक हटी हुईहैं।
गौरतलब हो कि वीरभद्र सिंह आगामी विधानसभा चुनावों तक सभी मुख्य पदों पर अपने लाडले अफसरों को रखना चाहते हैं। इसीलिए उन्होंने चीफ सेक्रेटरी के पद पर जूनियर फारका को तैनात कर दिया । जबकि प्रधान निजी सचिव के पद पर रिटायरी टीजी नेगी व निजी सचिव के पद पर रिटायरी सुभाष आहलुवालिया को तैनाती दी हैं। अब पूरी जुडंली विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीतियां बनाने में जुटे हैं।व
वीरभद्र सिंह चाहते हैं कि फारका समेत उनके सारे लाडले मुख्य पदों पर तैनात रहेंं ताकि चुनावों में मनमुताबिक रणनीति को अंजाम दिया जा सके। अब देखना ये हैं कि कैट से आखिरी फैसला कब आता हैं। कहा जा रहा हैं कि इस याचिका पर आने वाला फैसला दूरगामी होगा।
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