शिमला।केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई नार्थ जोन काउंसिल की महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नहीं जा पाए। बैठक में प्रदेश के वरिष्ठ मंत्रीकौल सिंह ठाकुर ने मोर्चा संभाला व केंद्र के समक्ष बीबीएमबी में हिस्सेदारी के अलावा जम्मू कश्मीर के साथ चल रहे सीमा विवाद का मसला उठा दिया व सीमा से आईटीबीपी की टुकडि़यों को हटाने पर विरोध जताया। कौल सिंह ने राजनाथ सिंह से कहा कि हिमाचल सरकार का जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ अच्छा अनुभव नहीं रहा हैं। याद रहे आंतक ग्रसत राज्य जम्मू कश्मीर में भाजपा –पीडीपी गठबंधन की सरकार हैं।
उन्होंने मोदी सरकार से इसकी आबादी के अनुपात में भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड की समस्त परियोजनाओं में 7.19 प्रतिशत बिजली प्रदान की पुनः मांग की है। राज्य ने पंजाब तथा हरियाणा के विरूद्ध अन्तरराज्जीय ऊर्जा समझौता दर के अनुसार एरियर दावों की गणना करने की भी मांग की है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने यह मांग शुक्रवार को चंडीगढ़ में आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लेते हुए की।
उन्होंने कहा कि हिमाचल भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड की परियोजनाओं में ऊर्जा के 7.19 प्रतिशत हिस्से के लिए बार-बार आग्रह कर रहा है, लेकिन अभी तक राज्य को इसका बाजिव हिस्सा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब तथा हरियाणा राज्यों के विरूद्ध एरियर दावों की गणना राष्ट्रीय फर्टिलाइजरस लिमिटेड की दरों पर की गई है, जो पूरी तरह से अनुचित है और इन दरों को अन्तरराज्जीय ऊर्जा समझौता दरों, जो बदरपुर थर्मल पावर स्टेशन में है, के अनुसार दिया जाना चाहिए और सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मांग को जायज ठहराया है।
उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री, जो क्षेत्रीय परिषद के अध्यक्ष भी हैं, से केन्द्रीय ऊर्जा मंत्रियों तथा सम्बन्धित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक आयोजित करने का आग्रह किया ताकि हिमाचल प्रदेश अपना जायज अधिकार व हिस्सा बिना किसी और विलंब के प्राप्त कर सके।
ठाकुर ने केन्द्रीय सरकार से रेणूकाजी बांध में 90:10 के अनुपात में केन्द्रीय-राज्य हिस्से के आधार पर जल विद्युत प्लांट के निर्माण के लिए धनराशि प्रदान करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है और राज्य बड़ी आबादी का विस्थापन कर बड़ा बलिदान कर रहा है।
उन्होंने मण्डी जिला के गांव खयूरी (बागी) की 25 मेगावाट विद्युत परियोजना का कार्य हिमाचल प्रदेश को सौंपने तथा राज्य की नदियों से पीने तथा सिंचाई के लिए जल का उपयोग करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की शर्त में छूट देने का आग्रह किया।
मंत्री ने हिमाचल की मुख्य वन भूमि के दृष्टिगत वन भूमि का विकासात्मक गतिविधियों के लिए हस्तांतरण की शक्तियां पांच हेक्टेयर तक बढ़ाने का भी सुझाव दिया ताकि वन स्वीकृतियों के अभाव में राज्य में विकासात्मक कार्यों में किसी प्रकार की कठिनाई न आए।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों तथा शराब की समस्या से निपटने के लिए पड़ौसी राज्यों को संयुक्त रूप से एक रणनीति तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज में यह समस्या अपनी गहरी जड़ें जमा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य अकेले इस समस्या का समाधान नहीं कर सकता और इन सामाजिक बुराइयों के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए सांझे प्रयासों व सहयोग की नितांत आवश्यकता है।
कौल सिंह ठाकुर ने अंतरराज्जीय सीमा विवाद का शीघ्र समाधान करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिमाचल को जम्मू व कश्मीर की पुलिस को लेकर अच्छा अनुभव नहीं है। वहां की पुलिस लाहौल स्पीति जिले की सीमा में 15 किलोमीटर अंदर तक घुस गई है और इसे अपना क्षेत्र बता रही है। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों के बीच सीमाओं पर से आईटीबीपी बलों को हाल ही में हटा दिया गया है, जिन्हें किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुनः तैनात किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की सरकारों तथा प्रशासन को सद्भावपूर्ण समाधान को महत्व प्रदान करना चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उत्तरी क्षेत्र के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों के अलावा भारत सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
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