शिमला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सखा अमित शाह ने जिस साइबर आर्मी के बूते 2014 के लोकसभा चुनाव जीता था व जिनके दम पर ये दोनों अपने दुश्मनों को धूल चटाते हैं, उसी तरह के किसी साइबर आर्मी ने हिमाचल में बीजेपी के प्रत्याशियों के नामों की लिस्टें जारी कर पार्टी को मुश्किल में डाल दिया है। साइबर आर्मी के इन लंकेशों ने बीजेपी को तमाशा बना कर रख दिया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ये सब पार्टी के लोगों ने अंजाम दिया है व निश्चित तौर पर बड़े नेताओं की शह पर ही हुआ होगा।
लेकिन ये बीजेपी के लिए खतरे से कम नहीं है। आज तो चुनावों से पहले प्रत्याशियों की लिस्टें जारी हुई हैं, इसकी क्या गारंटी है कि कल सरकार बनने पर सरकारी फैसलें जो हुए ही न हो वो लागू होने लग जाए।
उधर, पार्टी के भीतर ये भी दावा किया जा रहा है कि इस तरह की कोई शरारत कांग्रेस पार्टी की ओर से भी हो सकती है। कहा ये भी जा रहा है कि पार्टी के पास ऐसे संकेत मिले हैं कि ये कांग्रेस का काम हो सकता है, इसीलिए ही तो इसे साइबर सेल में शिकायत दी गई है। बहरहाल अगर ऐसा है तो कांग्रेस ने भाजपा के वार रूम में सेंध लगा दी है। लेकिन ऐसा लगता नहीं है। कांग्रेस खुद में ही इतनी उलझी हुई है कि वो अपने ही मंत्री की सीडी निकालने में व्यस्त है। बाकी तो जांच में सामने आ ही जाएगा। अगर जांच साइबर पुलिस कर पाई तो।
बड़ी बात ये है कि इस बावत बीजेपी आइटी सेल ने शिमला में साइबर सेल में एफआइआर दर्ज कर दी है। साथ भाजपा के प्रदेश मुखिया सतपाल सती ने पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को आगाह किया है कि अगर कोई इन फर्जी लिस्टों को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती व भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं द्वारा बार-बार आग्रह करने पर कि इस तरह की लिस्टे सोशल मीडिया में डालकर भ्रांतिया न फैलाये, पर भी इस तरह की झूठी लिस्टें सोशल मीडिया में चल रही है। इसी के मद्देनजर भाजपा आइटी सेल व कानून एवं विधिक विषय विभाग ने इसके खिलाफ शिमला साइबर सेल में शिकायत दर्ज की है जिसका नं0 50000001491700001 है। यह जानकारी भाजपा आइटी एवं संवाद प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रवि राय राणा ने दी।
मजे की बात है कि अब वीरभद्र सिंह सरकार की पुलिस इस मामले की जांच करेगी। विश्वसनीयता खो चुकी हिमाचल पुलिस किस तरह की जांच करती है और क्या खंगाल पाती है, इसका इंतजार रहेगा। लेकिन मजेदार बात ये है कि बीजेपी जिस वीरभद्र सरकार व उनकी पुलिस पर निशाना साधती है, उसी से लिस्टें जारी करने वालों को ढूंढने की फरियाद करती है।
चूंकि संभवत: मामला पार्टी का अंदरूनी था तो पार्टी स्तर पर ही जांच करानी चाहिए थी। अगर ये लिस्टें धूमल, नडडा व शांता खेमें में से किसी ने जारी कराई होंगी तो फिर क्या वीरभद्र की पुलिस ने उन्हें पकड़ लेगी क्या।
रवि राय राणा ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि यदि पार्टी का किसी भी स्तर का कोई भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता इन झूठी लिस्टों को अपलोड करते व शेयर करते हुए पाया जाता है तो उसके विरूद्ध भी कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सभी पार्टी कार्यकर्ताओं व जनता से कहा है कि सोशल नेटवर्किंग साइटस पर डाली जा रही इन लिस्टों का भारतीय जनता पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है और इस तरह की झूठी लिस्टों पर विश्वास न करें।
रवि राणा ने बताया कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की गलत जानकारियों की मॉनिटरिंग के लिए आइटी सेल के 5 सदस्यों की टीम गठित की है जो सोशल मीडिया में अपलोड की जा रही गलत जानकारियों की पूरी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी।
ये टीम क्या कर पाएगी ये अलग मसला हैं लेकिन जिस पार्टी के समर्थक जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी खुद सोशल मीडिया पर फॉलो करते हों और जो किसी महिला पत्रकार के कत्ल किए जाने पर उसे कुतिया कहते हो, और प्रधानमंत्री उसे अनफॉलो न करे तो ,ऐसे में इस तरह के कांड तो होंगे ही। प्रधानमंत्री मोदी के एक समर्थक ने कर्नाटक में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर देने पर उसे कुतिया कह दिया था। इस पर देश भर में जमकर बवाल मचा ।
यहां तो अभी प्रत्याशियों की फर्जी लिस्टें ही जारी हुई हैं।इनमें से इसकी क्या गांरटी है कि ये सही नहीं है। सही भी तो हो सकती हैं। इसकी गारंटी है कि इनमें अमित शाह व बाकियों की कोई चाल नहीं हैं। प्रतिक्रिया जानने के लिए ऐसा जानबूझ कर भी तो किया जा सकता है।
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