शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे व आखिरी दिन भी प्रश्न काल नहीं चला। स्पीकर बृज बिहारी बुटेल ने दस मिनट के भीतर ही भारी मन से कहा कि कुछ लोग सदन चलाने में इंटरेस्टिड नहीं हैं, इसलिए वो 12 बजे तक सदन की कार्यवाही को स्थगित करते हैं और अपने सीट से उठ कर चले गए। स्पीकर के इस फैसले से पक्ष व विपक्ष थोड़ी देर के लिए सकते में आ गए।
11 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई और स्पीकर ने प्रश्नकाल चलाना चाहा उससे पहले ही भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने बोलना शुरू किया व कहा कि उनकी ओर से नियम 67 के तहत दो महत्वपूर्ण मामलों में नोटिस दिया गए हैं।
सदन के नेता के खिलाफ सीबीआई ने अदालत में चार्जशीट दायर कर रखी हैं।भ्रष्टाचार प्रूव हो रहा हैं। जवाब नहीं हैं। सीएम जमानत पर हैं।
इस पर स्पीकर ने कहा कि ये मामला न्यायालय के अधीन हैं,चर्चा नहीं करेंगे।
इसके बाद सुरेश भारद्वाज ने गुडिया मामले में वीरभद्र सरकार की ओर से गठित एसआईटी की ओर से सीबीआई जांच में सहयोग न देने का मसला उठाया । उन्होंने कहा कि बीते रोज हाईकोर्ट में सीबीआई ने अदालत में कहा है कि प्रदेश सरकार सीबीआई जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं।
इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपनी सीट पर उठ खड़े हुए व बोले कि गुडिया केस में उन्होंने खुद मामला सीबीआई को भेजा, प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और गृह मंत्री से बात की। इसके अलावा सीबीआई को जो भी मदद चाहिए सरकार पूरी तरह से वो मदद दे रही हैं।सरकार चाहती है कि दोषियों को सजा दी जाए।
इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष चाहता है कि काम न हो व वैसे ही बिना थैंक्स कहे लौट जाए।
भाजपा विधायक रविंद्र रवि ने कहा कि आपने मामला सीबीआई को भेजा उसके लिए धन्यवाद। इसके बाद उन्होंने सवाल उठाया कि गुडिया चार जुलाई को गायब हो गई थी । उसकी लाश छह तारीख को मिली तो तीन दिन तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं हुई।
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सदन को गुमराह करने की बात कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि आप पूरी तरह से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने ब्लैक शीप भी कहा।
इस तरह चौथे दिन भी शोरगुल बंद न होने के चलते स्पीकर नाराज हो गए और भारी मन से कहा कि ” मैं समझता हूं कि कुछ लोग यहां इंटरेस्टिड नहीं हैं, इसलिए सदन को 12 बजे तक स्थगित करता हूं और वो अपनी सीट से उठकर चले गए।
स्पीकर के इस कदम से पक्ष व विपक्ष दोनों सकते में आ गए और सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिए।
चार दिन के मानसून सत्र के दौरान एक भी दिन प्रश्नकाल नहीं चला। इसके अलावा पिछले तीन दिनों में कोई चर्चा नहीं हुई हैं।
हंगामें का रिकार्ड बना पर निजी मेडिकल संस्थानों को काबू करने का हुआ ये इंतजाम
चार दिवसीय मानसून सत्र के दौरान एक भी दिन प्रश्नकाल और किसी मसले पर चर्चा न करने के रिकार्ड के साथ ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज प्रदेश में चल रहे निजी मेडिकल संस्थानों को नियमित करने के लिए हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विज्ञान यूनिवर्सिटी बिल पास कर दिया।
पिछले चार दिनों में सदन में पक्ष व विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ और दस्तावेजों को पटल पर रखने व तीन विधेयकों के पारित करने के बाद सदन में कुछ भी नहीं हुआ।
ये विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुआ हैं कि विधानसभा के पूरे सत्र में प्रश्नकाल एक दिन भी न चला हो। पहले भी सदन में हंगामें होते रहे थे लेकिन गतिरिोध समाप्त हो जाता था व प्रश्नकाल जरूर चलता था। लेकिन इस बार न प्रश्नकाल चला और न ही किसी मसले पर चर्चा ही हुई।
ये अपने आप आश्चर्यजनक व सतापक्ष व विपक्ष दोनों को कटघरे में खड़ा करने वाला हैं।
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