नई दिल्ली/शिमला। नेश्नल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने हिमाचल प्रदेशपॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खासमखास कुलदीप सिंह पठानिया अपनी कुर्सी बचा गए हैं या उन्हें हटना पड़ेगा इस पर सस्पेंस बना हुआ हैं। एनजीटी ने आज जुबानी आब्जर्वेशन दी है कि विभिन्न राज्यों के प्रदूषण कंट्रोल बोर्डों के जो चेयरमैन योग्यता पूरी नहीं करते है उन्हें हटना होगा।
प्रदेश प्रदूषण कंट्राल बोर्ड के चेयरमैन व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी कुलदीप पठानिया ने एजेंसी से कहा कि एनजीटी नेverbal आदेश दिए हैं। उनका नाम है या नहीं ये क्लीयर नहीं हुआ हैं।
वो चेयरमैन बनने की योग्यता को पूरी करते हैं। एनजीटी ने उनसे नोटिस देकर जवाब मांगा था जिसे अदालत में दायर कर दिया था। उन्होंने कहा ऐसे में चेयरमैनशिप के पद से हटने का कोई सवाल ही नहीं हैं।
गौरतलब हो कि एनजीटी ने 2016 में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन और सदस्य सचिवों की नियुक्ति को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। लेकिन बहुत से राज्यों की ओर से उसकी अनुपालना नहीं की गई वबीते रोज भी गोवा ने समय मांगा।इस पर अदालत ने राज्यों का फटकार लगा दी और आज जवाब देने के निर्देश दिए।आज अदालत ने कहा कि जो चेयरमैन एनजीटी की पहले की गाइडलांइस के मुताबिक नियुक्त नहीं हुए हैं ,वो हटा दिए जाएं।बहरहाल अभी पूरा आर्डर बाहर नहीं आया लेकिन इससे हिमाचल प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में हड़कंप मचा गया ।
अगर पठानिया की कुर्सी गई तो ये मुख्यमंत्रीके लिए बड़ा झटका होगा। इससे पहले उनके एक और खासमखास उद्योग विभाग के बददी में तैनात ज्वाइंट डायरेक्टर तिलक राज शर्मा को सीबीआई उड़ा के ले गई हैं। लेकिन वहां क्रप्शन का मामला था जबकि यहां योग्यता का मसला हैं।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के शासन में यही बड़ा इल्जाम लगता रहा हैं कि उन्होंने की-पोस्टों पर मेरिटोरियस लोगों को दरकिनार कर अपने लाडलों को बिठाया।
एनजीटी के आदेशों का पता चलने के तुरंत बाद प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुख्यालय में दोपहर बाद बैठकों का दौर चलता रहा हैं ।
बीते दिनों बाकी राज्यों के चेयरमैनेां समेत पठानिया को नोटिस जारी कर एनजीटी ने पूछा था चूंकि वो बोर्ड की चेयरमैनशिप के लिए अयोग्य हैं,ऐसे में उन्हें क्यों न उनके पद से हटा दिया जाए। बताते हैं पठानिया ने वकीलों की मार्फत इस नोटिस का जवाब बीते रोज ही एनजीटी में दायर कर दिया। उन्होंने जवाब में कहा कि वो साइंस ग्रेजुएट हैं व इस पद बने रहने की पूरी योग्यता रखते हैं।
उन्के मामले को सचिवालय में भी मीटिंगों का दौर चला। हालांकि पठानिया ने खुद माना है कि अदालत में कुछ हुआ हैं लेकिन उसमें उनका नाम हैं या नहीं अभी इसका पता नहीं चला हैं। उन्होंने एजेंसी से ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने का अभी कोई समय नहीं आया हैं।आदेश देखने के बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।
चंबा के भटियात विधानसभा हलके से चुना हारे कुलदीप सिंह पठानिया एक अरसा पहले इसलिए विवादों में आए थे जब एक बेनाम चिट्ठी उनके विधानसभा हलके में सर्कुलेट हो गई थी । इस चिटठी में कहा गया था कि पठानिया ने बोर्ड के एक एक अधिकारी की महीनावार खास काम करने की डयूटी लगा रखी थी।
उनके कार्याकाल हाल ही में एनजीटी ने परवाणु में होटलों का एक कांड पकड़ा हैं। इस मामले में एनजीटी ने पांच होटलों के अवैध हिस्सों को गिराने के आदेश दे रखे हैं इसके अलावा मुख्यसचि≑व की अध्यक्षता में टीम गठित कर बोर्ड के किन अफसरों ने क्या कारनामें कर रखे हें, इस बावत जांच करने के आदेश दे रखे हैं। मामले में प्रभावशाली अफसर जांच के घेरे में हैं,जिन पर सीएम कार्यालय का आसरा हैं।
अब सब एनजीटी के आदेशों के इंतजाम में हैं।
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