शिमला। विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों के वाकआउट करने के बाद भाजपा विधायक व सिंचाई व जनस्वास्थ्य मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सदन में उनके साथ 1997 में तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार की ओर से किए गए व्यवहार को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक यह कह कर कि जयराम ठाकुर सरकार विधायक की संस्था को कमतर करने को कोशिश कर रही है,यह गलत है।
उन्होंने कहा कि 1997 में वह धर्मपुर हलके से कांग्रेस के विधायक थे। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री व अब वाकआउट कर गए वीरभद्र सिंह दिसंबर 1997 को उनके हलके में आए। सभा हुई और तब के उद्योग मंत्री रंगीला राम राव को मंच पर बोलने को बुलाया गया। वहीं पर कांगेस के नत्थाराम भी थे। उन्होंने कहा कि तब उन्होंने वीरभद्र सिंह से आग्रह किया कि वह स्थानीय विधायक है,उन्हें बोलने दिया जाए। वह स्थानीय समस्याओं को सरकार के समक्ष रखना चाहते है। इतना कहने पर वीरभद्र सिंह ने वहां खड़े एसपी को आदेश दिए किए विधायक को गिरफतार किया जाए।वहां सादी वर्दी में कई युवक थे। उन्होंने सोचा कि ये युवा कांग्रेस या एनएसयूआई के कार्यकर्ता है। लेकिन वह पुलिस के लोग थे।
उन्हें पकड़ा गया और आठ फुट ऊंचे मंच से नीचे फेंका गया। इसके बाद चारों टांगों से बकरे की तरह उठाकर जिप्सी में डाल दिया गया । दो डीएसपी पहले ही जिप्सी के पास थे। वहां पर स्कूली बच्चे व स्थानीय लोग थे। उन्हें पुलिस के लोगों ने लाते मारी। मुख्यमंत्रीमंच पर बैठे रहे। वहां बीस किलोमीटर दूर थाना था। उन्हें वहां नहीं ले जाया गया जोगेंद्र नगर के थाने में ले जाया गया और जेल में बंद कर दिया। मुख्यमंत्री का अगले दिन का कार्यक्रम उन्हीं के हलके में मढ़ी में था। लोगों ने पूछा कि हमारा विधायक कहां है। उनकी छोटी बेटी जो उस समय 14 साल की थी व उनकी पत्नी को भी गिरफतार कर लिया गया।
बिलकुल खामोश सदन में महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि रात को 11 बजे दो डीएसपी जेल में आए व बोले कि आपकी जमानत करानी है। आपको मंडी एडीएम के समक्ष पेश करना है। उन्होंने कहा कि यहां का एसडीएम भी और मंडी का एडीएम भी एचाएएस अधिकारी है। तो यहीं जमानत करा लीजिए। करीब तीन बजे उन्हें जिप्सी में डाला और जिप्सी डेढ घंटे बाद मंडी से सुंदरनगर की ओर चल पड़ी। पूछने पर पुलिस ने बताया कि उन्हें आदेश है कि जब तक मुख्यमंत्री का प्रवास धर्मपुर का है तब तक महेंद्र सिंह को धर्मपुर से बाहर रखा जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें पौने चार बजे गोहर थाने में बंद कर दिया। जब तक वीरभद्र सिंह घर्मपुर में रहे उन्हें अलग अलग थानों में घुमाया जाता रहा। उन्होंने कहा कि ये वाकआउट करने वाले सवाल उठाते है कि जयराम सरकार विधायक की संस्था को कमतर कर रहे है। यह तो बात तक नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि वह तीस सालों से विधानसभा में लगातार चुनकर आते रहे है। लेकिन वाइएएस परमार को छोड़कर उन्हें अब तक के हरेक मुख्यमंत्री के साथ वास्ता पड़ चुका है। लेकिन जितने मिलनसार व सरल अब के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर है इतना कोई नहीं था। उन्होंने वीरभद्र सिंह की ओर ईशारा करते हुए कहा कि जिस तरह से उन्होंने कागज टेबल पर फेंके वह उनकी उम्र के तकाजे के हिसाब से भी शोभनीय नहीं है। महेंद्र सिंह ठाकुर ने इस तरह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आज सीधे निशाने पर ले लिया।
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