शिमला। हिमाचल लोकहित पार्टी के संयोजक व विधायक महेश्वर सिंह ने हिमाचल क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से स्टेडियम बनाने के लिए जमीन लेने की गई में बरती गई अनियमितताओं की जांच को सही करार दिया है। उन्होंने शिमला में पत्रकारों से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि वो क्रिकेट के खिलाफ नहीं है। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की ओर से 2005 में कंपनी एक्ट के तहत रजिस्टर की गई हिमालयन प्लेयर्स क्रिकेट एसोसिएशन में महेश्वर सिंह का बेटा धनवेंदर सिंह उपाध्यक्ष है।सात लोगों की लिस्ट ऑफ डायरेक्टर्स में उनके बेटे का नाम दूसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर का नाम है। इनके अलावा सूची में रुप सिंह कपूर, विशाल मारवाह,संजय ठाकुर,आर पी सिंह व प्रेम ठाकुर शामिल है। इनमें से विजीलेंस आरपी सिंह,विशाल मारवाह और रुप सिंह कपूर से पूदताछ कर चुकी है।
उनसे सवाल किया गया था कि हिमालयन प्लेयर्स क्रिकेट एसोसिएशन में उनका बेटा भी शामिल है। इस सवाल पर महेश्वर सिंह ने कहा कि जिसकी जैसी करनी वैसी भरनी। ये जांच में पता चलेगा कि किसके नाम पहले थे व किसके नाम बाद में जोड़े गए।अनियमितता की जांच हो रही है ये अच्छा है।
गौरतलब हो एचपीसीए मामले में एफआईआर दर्ज हो जाने के बाद कांगड़ा के एक वकील विनय शर्मा ने कांगड़ा के डीसी के पास अर्जी दायर की है जिसमें एचपीसीए को दी गई जमीन को वापस लेने के मांग की गई है।
अर्जी में कहा गया है कि लीज नियमों का उल्लंघन हुआ है व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना हुई है इसलिए इस जमीन को सरकार वापस ले।डीसी ने इस अर्जी पर फैसला लेना है। विनय शर्मा ने ही पहले एचपीसीए मामले में धर्मशाला की अदालत में मामला दर्ज करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी। अदालत ने उनकी याचिका विजीलेंस को जांच सौंपी थी।
बेनामी सौदों की हो जांच
महेश्वर सिंह ने हिमाचल प्रदेश भू सुधार अधिनियम की उस धरा को निरस्त करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया जिसमें पूर्व की धूमल सरकार ने इंतकाल करने के अधिकार जलसा ए आम के बजाय तहसीलदार के पास करने का प्रावधान कर दिया था। महेश्वर सिंह ने कहा कि राजस्व मंत्री ने सदन में माना है कि इस दौरान धारा 118 में छूट लेकर बेनामी संपतियों के सौदे हुए वआईआरडीपी के लोगों की जमीने भी बेची गई।उन्होंने सरकार से इन सब सौदों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। ये सब लोगों की नजरों से दूर रहकर किया गया।
आपदा राहत में न हो भेदभाव
महेश्वर सिंह ने कहा कि उतराखंड व हिमाचल में बारिश से हुई मौतों और नुकसान पर दोनों राज्यों में अलग राहत दी जा रही है। उतराखंड में जिन लोगों की मौत हुई उनके आश्रितों को तीन लाख रुपए केंद्र सरकार व दो लाख रुपए की राहत राशि राज्य सरकार दे रही है। जबकि हिमाचल में केवल डेढ लाख रुपए ही दिए जा रहे है। उन्होंने वीरभद्र सिंह सरकार से मांग की कि वो अस मामले के केंद्र से उठाए व जिन लोगों की हिमाचल में जानें गई है उन्हें भी बराबर राहत दी जाए। भेदभाव नहीं होना चाहिए। ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिमाचल के चार सांसदों की आवाज पांच सौ से ज्यादा की संसद में सुनी नहीं जाती है।
बिल्डर्स की डिटेल छानेंगे
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बिल्डर्स को कालोनियां बनाने के लिए दी गई मंजूरियों को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान माना है कि उसके कार्यकाल में 18 बिल्डर्स को मंजूरी दी गई है। वो पूरी डिटेल छानेंगे व उसके बाद आगामी कार्रवाई करेंगे। अगर गलत किया गया होगा तो सरकार को नहीं बख्शेंगे।विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस और हिलोपा
ने भाजपा पर प्रदेश को बिल्डर्स के हवाले करने का आरोप लगाया था।उन्होंने लोगों की ओर से सरकारी जमीन पर किए कब्जों को नियमित करने के लिए सरकार से नीति बनाने की मांग की है।
(1)