शिमला। 4 मई को छठे वेतन आयोग के तहत वेतन सम्बन्धी वार्ता के लिए पंजाब सचिवालय के आमंत्रण पर हिमाचल और पंजाब स्कूल प्राध्यापक संघ संयुक्त रूप से अध्यापकों का नेतृत्व करेगा। इसके लिए पंजाब स्कूल प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष सरदार हाकम सिंह आहलुवालिया व हिमाचल प्रदेश स्कूल प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष अश्वनी कुमार की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल का गठन किया गया है जो पांचवे वेतन आयोग में वेतन सम्बन्धी विसंगतियों को दुरुस्त करने और छठे वेतन आयोग की सिफारिशों पर चर्चा करने के लिए प्राध्यापकों की पैरवी करेंगे।
संघ के अध्यक्ष अश्वनी कुमार ने कहा कि छठे वेतन आयोग में एकरूपता लाने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को ध्यान में रखा जाना चाहिए। अपने संयुक्त बयान में दोनों संघाध्यक्षों ने कहा कि स्कूल प्राध्यापक संघ की शैक्षणिक योग्यता एम.ए., बीएड है और मुख्याध्यापकों की शैक्षणिक योग्यता बी.ए. बीएड है लेकिन उनका पे स्केल 10,300-34,800 रुपये है और ग्रेड पे 5400 रुपये है इसके मुकाबले सामान्य एम.ए. की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले पॉलिटेक्निकल प्राध्यापकों का पे स्केल 15,600-39,100 और ग्रेड पे 5400 निर्धारित किया गया है। इस विसंगति के कारण उच्च शैक्षणिक योग्यता रखने के बावजूद स्कूल प्राध्यापकों और मुख्याध्यापकों को 700 रुपये का सीधा नुकसान हो रहा है।
स्कूल प्राध्यापकसंघ का मानना है कि एक ओर सरकारें अध्यापकों से शिक्षा की उच्च गुणवत्ता की अपेक्षा रखती है और दूसरी ओर उनकी शैक्षणिक योग्यता को नज़रअंदाज़ करती हैं।
संघ प्रतिनिधि वार्ता के दौरान ये भी मांग करेंगे कि केन्द्र द्धारा सातवें वेतन आयोग में वेतन को उच्च वेतन में बदले जाने की तर्ज पर पंजाब छठे वेतन आयोग में भी प्राध्यापकों को एक स्तर बढ़ाकर दिया जाए। वर्तमान में 10,300-34,800 और 5400 ग्रेड पे के स्थान पर 6,000 दिया जाए। वहीं स्कूल प्राध्यापक का वेतनमान 15,600-6,000 कुल 21,600 गुणा 3.31 कुल 71496 जो कि राउंड आॅफ 71,500 को लेवल 11 का अवार्ड किया जाए जिसमें 5 प्रतिशत वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए।
इसके अलावा संघ मांग करेंगे कि पदोन्नति के कम अवसर होने के कारण प्राध्यपाकों को 10 वर्ष के सेवाकाल के बाद प्रधानाचार्य का वेतनमान दिया जाए। उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले प्राध्यापकों यानी एम.फिल. डिग्री होने पर 2 वेतन वृद्धि तथा पी.एच.डी. की डिग्री लेने वाले प्राध्यापकों को 3 वेतन वृद्धि भी दी जाए। विज्ञान प्राध्यापकों को प्रेक्टिकल भत्ता देने की मांग भी रखी जाएगी।
(2)