शिमला।निजी स्कूलों की ओर से फीस बढ़ोतरी कर मचाई जा रही लूट पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अंकुश लगाया है। मामला डीएवी सेनेटेनरी पब्लिक स्कूल चैपाल का है। अदालत ने स्कूल के प्रिसिंपल को निर्देश दिए है कि वो बढाई गई फीस को वसूलने के लिए छात्रों के अभिभावकों को मजबूर न करे।इसके अलावा प्रदेश हाईकोट्र ने हिमाचल के शिक्षा सचिव व मोदी सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट ने मदन सरगेटा नामक शख्स की याचिका पर ये निर्देश जारी किए हैं। याचिकाकर्ता ने कहा हैं कि स्कूल की ओर से डवलपमेंट फंड,बिल्डिंग फंड वसूलना शुरू कर दिया हैं। यहीं नहीं स्कूल छोड़ने के लिए लिए जाने वाले प्रमाणपत्र की एवज में भी चार्जिज वसूले जा रहे हैं।
यहीं नहीं परीक्षा केंद्र के रजिस्ट्रेशन के नाम पर दसवीं कक्षा के हर छात्र से पांच हजार व बाकी छात्रों से एक एक हजार जबरन वसूले जा रहे हैं।इस साल फीस में अचानक 27 फीसद बढोतरी कर दी गई और ये सब मिड सेशन में किया गया। याचिका कर्ता ने कहा हैं कि स्कूल प्रबंधन धमका रहा हैं कि या तो फीस जमा कराओ अन्यथा बच्चे का नाम स्कूल से काट दिया जाएगा।
याचिका कता्र ने कहा कि इस बढ़ोतरी को मिड सेशन में अदा करने के लिए स्टूडेंटस को मजबूर न किया जाए।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अहमद मीर व जस्टिस त्रिलौक चैहान की खंडपीठ ने ये आदेश दिए।
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