शाहुपर/ कांगड़ा। पठानकोट एयरबेस हमले में शहीद हुए शाहपुर के सिहुंता के जाबांज संजीवन राणा की शहादत के बाद उनकी याद में शाहपुर कॉलेज का नामकरण शहीद के नाम पर करने और उनके बेटे को नौकरी देने का मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का वादा जुमला निकला है।
वीरभद्र सरकार की इस वादाखिलाफी व रवैये से गुस्से में आए शहीद के परिजनों और ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध रैली निकाली और जम कर सरकार विरोधी नारे लगाए।
ग्रामीणें ने इल्जाम लगाया कि संजीवन राणा की शहादत हुए अब डेढ साल हो गया हैं, लेकिन सरकार ने शहीद के परिवार के साथ किए एक भी वादे को पूरा नहीं किया है।
याद रहे कि जब आतंकवादियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया था तो जांबाज राणा एयरबेस कैंप के एंट्री गेट पर तैनात थे। इस दौरान आतंकियों से लोहा लेते वक्त उनके सीने में पांच गोलियां समा गई। लेकिन बुरी तरह जख्मी होने के बावजूद आतंकियों का डट कर सामना किया और एक आतंकवादी को मार गिराया। आखिर में ये जांबाज सिपाही ने इस अस्पताल में इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
संजीवन राणा की पत्नी और बच्चों को अब अफसोस इस बात का है कि उनके साथ झूठे वादे क्यों किए गए। शहीद की पत्नी, पिंकी, दो बेटियां कोमल और शिवानी और बेटा शुभम अब सरकार और तमाम नेताओं से एक ही बात पूछते हैं कि क्या देश के खातिर बलिदान देने की ऐसी ही सौगात मिलती है।
याद रहे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शहीद संजीवन राणा के बेटे को नौकरी व राजकीय महाविद्यालय शाहपुर का नाम शहीद के नाम रखने का वादा किया था। इसके अलावा शहीद के गांव में बस स्टॉप बनाने का भी वादा किया था। लेकिन, आज तक यह घोषणा मात्र घोषणा ही बन कर रह गई
इस मौके पर शहीद के परिजनों के साथ-साथ सिहुंवा पंचायत की प्रधान मधुबाला, उपप्रधान बिंदु राणा, वार्ड सदस्यों सुषमा, सपना, कृष्णा, नरेंद्र, विक्रम, महिला मंडल प्रधान अनीता राणा, कार्निक पाधा, कैप्टन ओंकार सिंह, हुकुम सिंह, प्रीतम सिंह, जोगिंद्र सिंह, अजय राणा, इंदिरा देवी सहित अन्य ने उपस्थिति दर्ज करवाई।
कंटेंट व फोटो :रूही शर्मा
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