शिमला। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह की पूर्व डीसी महेंद्रलाल व बाकियों के साथ लेन देन की हुई बातचीत को लेकर जिस सीडी कांड ने प्रदेश की राजनीति में तूफान मचा दिया था उसे सुप्रीम कोर्ट ने फ्राड करार दे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को बड़ी राहत दी है। पूर्व आईएएस अफसर सुरेंद्र मोहन कटवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस गोपाल गौड़ा व अमिता राय की खंड पीठ ने कहा कि इस सीडी में 1989 में की बातें रिकार्ड है। उस समय तो सीडी होती ही नहीं थी फिर रिकार्ड कैसे हुए। खंडपीठ ने इस फ्राड करार दे दिया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप(कटवाल) चार पर प्रदेश सरकार की ओर से दायर मामलों में दोषी पाए जा चुके हो । ऐसे में आप बदले की भावना से इस मामले को तुल दे रहे हो।सुप्रीम कोर्ट ने इन टिप्पणियों केसाथ कटवाल की याचिका खारिज कर दी।
सुप्रीम कोर्ट की मोहर लग जाने के बाद अब स्पेशल कोट वन और प्रदेश हाईकोर्ट के फैसलो पर मोहर लगा दी है।
इस सीडी को भाजपा ने 2012 के चुनावाें व इससे पहले वीरभद्र सिंह के खिलाफ जनता के बीच खूब जहर उगला था।इस मामले में मुख्यमंत्री व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह को स्पेशल जज वन की अदालत ने 1 दिसंबर 2012 में वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से एक दो दिन पहले वरी कर दिया था।
सीडी को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने धर्मशाला में जारी किया था व इसे भाजपा ने हाथों हाथ लेकर पूरे प्रदेश में बजाया था। 2007 के विधानसभा चुनावों में ये सीडी खूब बजी थी। इसके बाद प्रदेश में धूमल की सरकार आ गई । बाद में कटवाल ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दे दी । इससे पहले ये याचिका सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस टीएस ठाकुर की बैंच में लगी थी। ठाकुर ने याचिका को सुनने से इंकार कर दिया था।
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