शिमला।हिमाचल प्रदेेश के तीन बड़े नेताओंं व उनके परिवार के सदस्यों की आेेर से जोड़ी गई बेहिसाब संपति के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह तो मोदी सरकार की सीबीआई,इडी के शिकंजे में है तो पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुुमार धूमल व उनका परिवार प्रदेश विजीलेंस की आंच झेल रहा है। अब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुुक्खविदंर सुक्खू अपनी संपतियों को लेकर जांच के दायरे में आ रहे है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुक्रवार को हमीरपुर में मीडिया से बातचीत में कहा कि वो सरकार सुक्खू पर संपति को लेकर लगे आरोपों से जुडेे तथ्यों को वेरीफाई कराएंगे।
सुक्खू पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के अलावा हमीरपुर भाजपा के नेताओं ने जमीन खरीद मामले बेनामी संपति खड़ी करने के आरोप लगाएं थे।धूमल ने कहा था कि सुक्खू बेहिसाब व बेनामी संपति एकत्रित की है। जबकि भाजपा के दूसरे नेताओं ने खुलासा किया था कि सुक्खू की संपति में सात सौ गुना इजाफा हुआ है।
दूरसंचार घोटाले में दाेेषी व पूर्व कांग्रेसी मंत्री सुखराम के बेहद करीबी रहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व उनके बेटे व भाजपा सांसद व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के भी सखा रहे है।इस तरह के आरोप पिछले दिनोंं कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता दीपक शर्माने भी उछाले थे। हालांकि दीेपक शर्मा को पार्टी से निलंबित किया हुआ है।
सूत्र बताते है कि जब सुक्खू थोड़ा से इधर -उधर होनेे लगते है तो धूमल व उनका परिवार उनके कारनामों को जरा सी हवा देकर उन्हें रास्ते पर ले आते है। बीते दिनों धूमल व उनकी पार्टी के नेताओं की ओर से लगाए इल्जाम भी इसी कड़ी के माने जा रहे है।बहरहाल मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने तथ्योंं को वेरीफाई करने की बात कह कर अपनी चाल चली हो लेकिन सुक्खू को मुश्किल में तो डाल ही दिया है।
पार्टी प्रवक्ता नरेश चौॅहान ने सुक्खू के हवाले से कहा कि सुक्खू ने जमीन खरीदी है तो ये बेनामी कैसे हो गई। इसके अलावा धूमल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही गई है। कानूनी कार्यवाही हो या न हो लेकिन एक दूसरे के कारनामों का खुलासा तो हो ही रहा है।
चूंकि वीरभद्र सिंह व उनके परिवार के खिलाफ सीबीआई व ईडी ने अभियान छेडा़ हुआ है । पार्टी के करीबी सूत्र बताते है कि सीबीआई व इडी से बचने के लिए वीरभद्र व धूमल परिवार के बीच सांठगांठ भी हो चुकी है।सबूत के तौर पर पिछले साल ओकओवर में धूमल की वीरभद्र व उनके बेटे विक्रमादित्य के साथ हुई बैठक की एक तस्वीर मीडिया को जारी हुई थी। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले ही दोस्त है। मोदी की मंडी रैली में वीरभद्र सिंह उनसे रूबरू भी होंगे।बताते है की मोदी सरकार में वित मंत्री जेटली को भी आइने में उतार लिया गया है। लेकिन पेच अदालत का फंस रहा है।
वीरभद्र सिंह ने एक अरसा पहले धूमल व उनके बेटों की ओर से एकत्रित की गई संपतियों की जांच करने केलिए विजीलेेंस को हरी झंडी दी थी। ये जांच शिमला के एसपी व मुख्यमंत्री के लाडले पुलिस अफसर डी डब्ल्यू नेगी को दी गई थी। उन्होंने काफी कुछ एकत्रित भी किया है व धूमल परिवार की संपति वीरभद्र सिंह के राडार पर है। इसके अलावा धूमल व वीरभद्र दोनों के लाडले आईपीएस ए पी सिंह के पास भी बहुत कुछ पड़ा है।
बीते रोज प्रदेश सरकार में एडिशनल एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने कांगड़ा के एसपी संजीव गांधी को एक चिटठी लिखी है जिसमें उन्होंने अनुराग ठाकुर की एचपीसीए को बीसीसीआई से मिले125 करोड़ रुपए मिलने व ये पैसे कहां खर्च हुए इसकी जांच कराने की मांग की है। विनय शर्मा ने ही धूमल की संपतियों की जांच कराने की मांग भी कर रखी है ।इसके बाद वीरभद्र सिंह ने उन्हेंं धूमल के नक्शे कदम पर चलते हुए एडिशनल एडवोकेट जनरल लगा दिया था।
अपने पिछले कार्याकाल में धूमल ने वीरभद्र सिंह की सीडी कांड के मामले में वीरभद्र सिंह के दुश्मन व पूर्व संयुक्त निदेशक अभियोजन जीवन शर्मा को एडिशनल एडवोकेट जनरल लगा दिया था। जीवन शर्मा को वीरभद्र सिंह ने 2003 से 2007 तक की अपनी सरकार में निदेशक अभियोजन नहीं लगने दिया था।
ऐसे मेेेेंं प्रदेश के तीन बड़े नेता (ओहदों के हिसाब से) मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व कांग्रेस अध्यक्ष सुक्खू जांच के दायरे में है। हालांकि ये दिलचस्प है।
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