शिमला। विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना ह्यआयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जो देशभर में 50 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के लिए उपलब्ध करवाई गई है, को हिमाचल प्रदेश में प्रभावी ढंग से कार्यान्वित किया गया है। राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के सभी 4,83,643 पंजीकृत परिवारों को इस योजना में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त योजना में सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना-2011 के आधार पर राज्य में चयनित 2,78,245 परिवारों को शामिल किया गया है। इस प्रकार यह योजना प्रदेश की लगभग एक-तिहाई आबादी यानि 22 लाख लोगों को लाभान्वित करेगी।
क्या है योजना के घटक
योजना के अंतर्गत लाभार्थी परिवार को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपये तक काक लाभ प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए कोई भी आयु सीमा निर्धारित नहीं की गई है। लाभार्थी योजना काक लाभ पूरे देश में किसी भी पंजीकृत अस्पताल में प्राप्त कर सकते हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में डे-केयर सर्जरी सहित लगभग 1800 उपचार प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है। उपचार के लिए 183 अस्पतालों को पंजीकृत किया गया है जिसमें 153 अस्पताल सरकारी तथा 30 अस्पताल निजी क्षेत्र में हैं और आवश्यकतानुसार अन्य अस्पतालों को भी योजना में पंजीकृत किया जा रहा है।
कैसे हो योजना में शामिल
योजना के तहत 52,207 लोगों को गोल्डन कार्ड जारी किए जा चुके हैं। ये कार्ड पंजीकृत अस्पतालों में जारी किए जा रहे हैं। इसके अलावा लोक मित्र केन्द्रों के माध्यम से भी गोल्डन कार्ड जारी करने का कार्य आरंभ किया गया है। लाभार्थी को अपना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड, आधार कार्ड और राशन कार्ड लेकर गोल्डन कार्ड बनावाने जाना होगा। लोक मित्र केन्द्र में 30 रुपए की राशि देकर यह कार्ड बनावाया जा सकता है। इस कार्य के निष्पादन के लिए प्रदेश में 3600 लोकमित्र सक्रिय हैं।
हिमकेयर योजना:
आयुष्मान भारत या अन्य चिकित्सा प्रतिपूर्ति योजना में शामिल नहीं होने वाले परिवारों के लिए प्रदेश सरकार के अभिनव प्रयासों से दो योजनाओें मुख्यमन्त्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना व हिमाचल प्रदेश सार्वभौमिक योजना को जोड़कर हिमकेयर योजना आरम्भ की है। योजना के अंतर्गत 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक, 70 प्रतिशत से अधिक विकलांगता वाले व्यक्ति, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिकाएं, मिड-डे-मील कर्मी, अंशकालीक कर्मी, दिहाड़ीदार, अनुबंध कर्मचारी तथा आशा कार्यकतार्ओं को शामिल किया गया है। अन्य परिवार 1000 रुपये देकर योजना में कार्ड बनवा सकते हैं।
योजना में एक परिवार के किसी भी सदस्य अथवा एक से अधिक सदस्यों को अस्पताल में भर्ती होने पर 5 लाख रुपये के नि:शुल्क उपचार का प्रावधान है। पहली जनवरी, 2019 से ई-कार्ड जारी किए जा रहे हैं और यह कार्य 31 मार्च तक जारी रहेगा। योजना के तहत प्रदेश के लगभग 6.50 लाख लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमन्त्री चिकित्सा सहायता कोष:
मुख्यमन्त्री चिकित्सा सहायता कोष का गठन मुख्यमन्त्री के बजट भाषण 2018-19 के अनुरूप किया गया है। इसका मुख्य उद््देश्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित जरूरतमंद गरीब लोगों को सहायता प्रदान करना है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाएगा।
क्या है योजना के लाभ:
कोष के अन्तर्गत गंभीर बीमारियों के ईलाज के लिए सहायता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त जरूरतमंद गरीब लोगों को कोष के माध्यम से बहिरंग विभाग और अन्य विविध खर्चों की प्रतिपूर्ति करने का भी प्रावधान रखा गया है।
किन अस्पतालों के लिए मिलेगी सहायता:
योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, पी.जी.आई. चण्डीगढ, सरकारी आयुर्विज्ञान अस्पताल सैक्टर-32, चण्डीगढ़, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान, नई दिल्ली तथा प्रदेश सरकार द्वारा आयुष्मान भारत प्रधान मन्त्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत पंजीकृत अस्पतालों में उपचार सहायता प्रदान की जाएगी।
क्या है प्रक्रिया:
कोष के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए लाभार्थी को मुख्यमंत्री के कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसके लिए उपचार अनुमान प्रमाण पत्र, राशन कार्ड अथवा बीपीएल कार्ड, प्रधानमन्त्री जन-आरोग्य योजना कार्ड/मुख्यमन्त्री राज्य स्वास्थ्य देखभाल योजना कार्ड/यूनिवर्सल हैल्थ प्रोटेक्शन कार्ड (यदि लाभार्थी इन योजनाओं मे पात्र है), पहचान पत्र, सत्यापित बिलों की प्रतियां (यदि लाभार्थी ने अपना ईलाज पहले करवा लिया है) जैसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। योजना के अन्तर्गत अभी तक 10 बच्चों को कॉक्लीयर इम्पलांट सर्जरी के लिए 55 लाख रुपए की राशि अनुमोदित की गई है।
सौजन्य-: प्रेम ठाकुर
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