शिमला/धर्मशाला ।चुनावी साल मेें 83वर्षीय बुजुर्ग मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने धर्मशाला को हिमाचल की दूसरी राजधानी घोषित करने का दांव चल कर विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी व इसके नेताओं को अपने जाल में फंसा दिया हैैं। वीरभद्र सिंह ने पहले बीते रोज मीडिया में धर्मशाला को विंटर केपिटल बनाने का संकेत दिया और जब मीडिया में मन मुताबिक रिस्पांस मिल गया तो आधिकारिक तौर पर उन्होंने कहा सरकार धर्मशाला को साल में दो महीने के लिए शीतकालीन राजधानी बनाने पर विचार कर रही हैं। राजनीतिक तौर पर ये घोषणा भाजपा के लिए खतरनाक है व उसके सता मेंं आने के मिशन के लिए मुश्किल खड़ी करने वाली हैं।
वीरभद्र सिंह अभी इस तरह के कई दांव चलने वाले हैं।गशर्ते वो सीबीआई व इडी के शिकंजे से बचेंं रहें तो।ये अलग मसला है कि सरकार का खजाना खाली हैं और कर्जा 40 हजार करोड़ के पार पहुंच गया हैं।धर्मशाला में विधानसभा सत्र ही सरकार को पांच करोड़ का बैठ रहा है व स्पीकर बीबी बुटेल खुद कह रहे हैं कि ये सफेद हाथी साबित हो रहा हैं । अब वहां अकादमी बनाने की डीपीआर बन रही हैं।विंटर राजधानी बनाने पर कितना खर्चा होगा ये बाद में पता चलेगा ।अभी तो चुनावी साल में राजनीतिक नफा नुकसान देखा जाना है।हिमाचल में कुल 12 जिले है व आबादी 70 लाख हैं। ऐसे में दो दो राजधानियांं नेताओं व अफसरों के टीए, डीए की मौज लगाएगा व रुतबेकार(जलवेवालेे) पत्रकार भी घूम फिर लिया करेंगे।
बहरहाल इस मसले पर उन्होंने कहा कि धर्मशाला का अपना अलग महत्व व इतिहास है और यह प्रदेश की दूसरी राजधानी बनने के लिए उपयुक्त स्थल है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों, जिसमें कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर तथा ऊना ज़िले भी शामिल हैं, के लिए धर्मशाला का विशेष महत्व है। इन क्षेत्रों के लोग इस विशेष दर्जे से लाभान्वित होंगे तथा उन्हें अपने कार्यों के लिए शिमला तक लम्बा सफर तय नहीं करना पड़ेगा। धर्मशाला न केवल भारत बल्कि विश्व में धार्मिक, प्राकृतिक तथा साहसिक पर्यटन सहित अनेक कारणों से प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला धर्मगुरू दलाई लामा का निवास स्थान भी है तथा विश्वभर से लोग यहां आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर 2005 में शिमला से बाहर हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पूर्ण शीतकालीन सत्र आयोजित किया गया था। तपोवन में पहले ही विधानसभा भवन कार्य कर रहा है, जिसकी आधारशिला उन्होंने अपने पूर्व शासनकाल के दौरान 2006 में रखी थी। यह शहर पहले ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 12 शीतकालीन विधानसभा सत्रों को आयोजित करने का गवाह है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने ही वर्ष 1994 में लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निवारण करने तथा क्षेत्र में विकास कार्यों की प्रगति को देखने के लिए वार्षिक शीतकालीन प्रवास की प्रथा आरम्भ की थी।
उनकी इस घोषणा के बाद उनके समर्थक मंत्रियों, बाकी नेताओं ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने के लिए उनका आभार भी व्यक्त कर दिया। सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों, मुख्य संसदीय सचिवों, विधायकों एवं विभिन्न बोर्डों-निगमों के अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों ने धर्मशाला को प्रदेश की दूसरी राजधानी घोषित करने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का आभार व्यक्त किया है।
आभार व्यक्त करने वालों में मुख्यमंत्री समर्थक कृषि मंत्री सुजान सिंह पठानिया, वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, मुख्य संसदीय सचिव नीरज भरती, जगजीवन पाल एवं इंद्र दत्त लखनपाल के नाम शामिल हैं।
परिवहन मंत्री व खुद को वीरभद्र सिंह केेबिनेट में तीसरे नंबर का मंत्री होने का दावा करने वाले जी एस बाली का नाम सरकारी विज्ञप्ति में नहीं हैं।बाली व वीरभद्र की इन दिनों सार्वजनिक तौर पर अनबन चल रही हैं।लेकिन अंदरूनी तौर पर दोनों एक ही हैं,ऐसा राजनीतिक विश्लेषक व दोनों के करतबोें पर एक अरसे से निगाह रखने वाले दावा करते हैं।संभवत: इसी लिए विज्ञप्ति में उनका नाम डाला गया हो।जो भी हो सरकारी विज्ञप्ति में आभर व्यक्त करने वालों की सूची से बाली को बेदखल कर दिया गया हैं। संभवत: ये सोच समझ कर किया गया होगा। सचिवालय में बड़े बाबू बताते है कि जब से फारका की जगह टी जी नेगी ने ली हैं तब से वीरभद्र एक के बाद एक राजनीतिक कांंड करते आ रहे हैं। फारका को वीरभद्र सिंह ने सीनियर अफसरों को दरकिनार कर चीफ सेक्रेटरी बना दिया था। उनकी जगह नेगियों में सबसे चंट (घाघ ) व ठंडे दिमाग के रिटायर अफसर टीजी नेगी को सीएम का सलाहकार व प्रधान निजी सचिव बनाया गया हैं।
फारका पहले टीजी नेगी को सीएम के करीब ज्यादा देर तक नहीं रहने देते थे।फारका के दुश्मन बाबू तो ये भी कहते है कि फारका की धूमल से समानांतर सेटिंग थी लेकिन अब उनकी जगह टीजी नेगी आ गए हैं तो धूमल खुद को फंसा हुआ सा पाते हैं। जब धूमल रिटायरियों पर तंज कसा करते थे तो ये रिटायरी अपने कुनबे में कहा करते थे कि मौका मिलना चाहिए हम भी अपना हुनर दिखला देंगे। लगता हैं अब हुनर दिखाना शुरू कर दिया हैं। बहरहाल ये अलग मसला हैैं।
उधर,इसके अलावा कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर और ऊना जिलों के सभी कांग्रेसी एवं निर्दलीय विधायकों, संबंधित जिलों के बोर्डों-निगमों के अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों ने आज एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहा कि धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाए जाने से इस पूरे क्षेत्र के लोगों का सम्मान बढ़ा है। अनेक सहुलियतें मिलने से लोग लाभान्वित होंगे और उनके जीवन में उन्नति एवं उत्थान का एक नया युग आरंभ होगा।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय संपूर्ण उत्तरी क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत बड़ी सौगात है, जिसके लिए समस्त क्षेत्रवासी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहेंगे।
चमची मारते हुए उन्होंने कहा (या उनकी जुबान से कहलवाया गया ) कि यह एक ऐतिहासिक कदम है और इस विचार के पीछे संपूर्ण क्षेत्र के लोगों के लिए वीरभद्र सिंह के दिल में व्याप्त स्नेह और चौतरफा विकास एवं व्यापक जनकल्याण की प्रबल भावना निहित है। उन्होंने हमेशा प्रदेश के संतुलित एवं समान विकास को तरजीह दी है और संपूर्ण हिमाचल को एकजुटता के सूत्र में पिरोया है। उन्होंने सभी लोगों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए सभी के न्याय संगत हक को दिलाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि धर्मशाला न केवल कांगड़ा जिला का मुख्यालय है बल्कि साथ लगते चंबा, हमीरपुर और ऊना जिला के लोगों के लिए केंद्रीय स्थल भी है। इसलिए धर्मशाला के दूसरी राजधानी बनने से इन जिलों के सभी लोगों को सीधा लाभ होगा। इससे क्षेत्र के लागों को घर द्वार पर अपनी समस्याओं के समाधान के अवसर प्राप्त होंगे। यह निर्णय प्रदेश की भावनात्मक एकता और लागों के बीच आपसी सौहार्द, सामाजिक समरसता और सद्भाव की भावना को और प्रगाढ़ करेगा।
सरकारी विज्ञप्ति में कहा इन नेताओं के हवाले से कहा गया है कि इस संपूर्ण क्षेत्र के विकास के प्रति कांग्रेस सरकार सदैव प्रतिबद्ध रही है। पूर्व में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के दूसरे परिसर का निर्माण कर यहां नियमित रूप से शीतकालीन विधानसभा सत्र आयोजित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। इस क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला में खोला गया। लोक निर्माण एवं सिंचाई तथा जनस्वास्थ्य विभाग के एसई कार्यालय खोल कर लोगों को सुविधा प्रदान की गई। टांडा अस्पताल को एम्स स्तर का बनाने के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि व्यय की गई है। इस क्षेत्र के तहत ऊना में आईआईआईटी, हमीरपुर और चंबा में मेडिकल कॉलेजए नगरोटा बगवां में राजीव गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज और फार्मेसी कॉलेज, युवाओं की सुविधा के लिए अनेक डिग्री कालेज एवं स्कूल खोले गए हैं। क्षेत्र में औद्योगिक विकास को व्यापक स्तर पर बल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस संपूर्ण क्षेत्र के सभी लोग मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की निस्वार्थ सेवा भावना के लिए उनके आभारी हैं।
जो भी 83 वर्षीय मुख्यमंत्री ने ये घोषणा कर सता में आने का सपना देख रही भाजपा को मुश्किल में डाल दिया हैं। एक तो अभी भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री का प्रत्याशी फाइनल नहीं हुआ है । अभी ये तय नहीं हैं कि बीजेपी की ओर से सीएम प्रत्याशी प्रेम कुमार धूमल होंगे या मोदी केबिनेट में मंत्री जे पी नडडा।उपर से वीरभद्र सिंह रोजाना जुल्मी घोषणा कर रहे हैं।
धूमल की ओर से मीडिया को आज जारी विज्ञप्ति में इस घोषणा को लेकर एक भी लफ्ज नहीं बोला गया हैं। धूमल इस मसले परबिलकुल चुप हो गए जैसे कि वो फंस गए हों। हालांकि पार्टी के उपाध्यक्ष गणेश दत्त ने जरूर कहा कि वीरभद्र व काॅग्रेस को हर बड़े मुददे में चुनाव से पूर्व याद आते है। चाहे वह धर्मशाला में शीत कालीन राजधानी घोषित करने का मुददा हो या कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे हो।
उन्होंने ने कहा कि भाजपा ने तो 1998 में ही धर्मशाला को शीतकालीन राजधानी के तौर पर मान्यता दे दी थी व सरकार शीत कालीन प्रवास के माध्यम से लोगों की जना सुविधायों उपलब्ध करवाती रही हैै।येे दावा वीरभद्र 1994 से करने का हल्ला मचा रहे हैं।गणेश दत ने कहा कि कांग्रेस की मौजूदा सरकार केवल हाजिरी लगाने के लिये धर्मशाला को शीतकालीन राजधानी बनायेंगी कह कर जनता को मूर्ख बनाती आई है।
भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि क्षेत्रवाद पर राजनीति करने का काॅग्रेस का पुराना स्वभाव है और काॅेग्रेस सरकार की नीतियाॅ व कार्यक्रम मौसम देखकर बदलती है।
भाजपा अपाध्यक्ष ने प्रेदेश सरकार से पूछा है कि सरकार में मंत्री गत् 4 वर्षीं मंे कितने दिन धर्मशाला सचिवालय में बैठे और कितने लोगों से सरकार में मंत्री मिले और उनमें द्वारा कितने लोगों ने सरकारी कार्य किये गये इस प्रकार सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिये, पार्टी उपाध्यक्ष ने कहा कि सर्कट हाउस में कमरे खोल कर, बंद कर राजधानी का सपना साकार नही हो सकता यह मात्र जनता को गुमाराह करने का मात्र साधन बन सकता है।
भाजपा उपाध्यक्ष ने कहा कि वर्तमान वीरभद्र सरकार ने जहाॅ प्रदेश की जनता में छला है वहीं प्रदेश में कर्मचारियों में भी बुरी तरह ठगा हैै। प्रो0 प्रेम कुमार धूमल की सरकार ने कर्मचारियों के लिये 4-9-14 की घोषणा 2009 से देने की घोषणा की थी लेकिन वर्तमान वीरभद्र सरकार ने 4-9-14 को 2006 में लागू करने की बात कही थी लेकिन कर्मचारी स्वयं ही बता पायेंगे कि अब 4-9-14 कब से दिया जा रहा है क्या यह कर्मचारियों के साथ धोखा नहीं है।
यही स्थिति बेरोजगार युवाओं के साथ भी है 2012 में कांगेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में बेरोजगारों को (1000) हजार रू बेरोजगारी भत्ता देने की बात की थी या घर से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वायदा किया था अब सरकार अपने वायदे से मुकर गयी है। इस प्रकार वर्तमान काॅग्रेस पार्टी की सरकार पर कौन सा वर्ग विश्वास करेगा।
(2)