शिमला। नए साल का जश्न मनाने के लिए राजधानी के ऐतिहासिक रिज पर पहुंची हजारों सैलानियों की भीड़ को शाम सवा आठ बजे के करीब पुलिस ने अचानक खदेड़ दिया और रिज और माल रोड़ को अचानक खाली करवा दिया गया । पुलिस के इस तरह के अचानक कदम उठाने से सैलानियों व स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया । पहले कहा गया कि कोई आंतकी धमकी आई है लेकिन इस बात की न तो पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू और न ही शिमला एसपी ने पुष्टि की।
उधर जिला प्रशासन की ओर से होटलियरों से कहा गया कि अगर कोई संदेहास्पद व्यक्ति , वस्तु या हरकत दिखें तो पुलिस व प्रशासन को तुरंत जानकारी दें। इस बात की पुष्टि प्रदेश होटल इंडस्ट्री एंड स्टाकहोल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहिंदर सेठ ने भी की । उन्होंने कहा कि उन्हें प्रशासन की ओर से आठ बजे के करीब फोन आया था कि अगर कोई संदेहास्पद व्यक्ति या हरकत नोटिस में आती है तो तुरंत इतिल्हा करे। उन्होंने उनके संपर्क के तमाम होटलियरों को यह संदेश भिजवा भी दिया।
वह पुलिस व जिला प्रशासन के इस कदम से आहत भी नजर आए और कहा कि अगर इस तरह का रवैया रहा तो पर्यटन उदयोग तबाह हो जाएगा।
बहरहाल, बहुत बार फोन करने पर एसपी शिमला मोनिका भुटुंगरू ने कहा कि कोविड की वजह से रिज व माल रोड़ को खाली कराया गया है। बहुत ज्यादा भीड़ हो गई थी। ऐसे में यह कदम लिया गया। उन्होंने किसी तरह की आतंकी धमकी या अन्य वजह को सिरे से खारिज कर दिया।
जो भी हो लेकिन कोविड को लेकर इस तरह भीड़ हटाना का पुलिस व प्रशासन का तर्क समझ से परे है। रिज व मालरोड़ पर तो सुबह से ही तिल धरने की जगह नहीं थी। सुबह से ही कोविड के तमाम नियमों की धज्जियां उड़ रही थी। यह राजधानी में ही नहीं बल्कि तमाम पर्यटन स्थलों पर ऐसा ही हो रहा था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक ने कह रखा था कि नए साल तक कोई पाबंदी किसी पर नहीं है मास्क व सामाजिक दूरी का पालन करे। लेकिन शिमला पुलिस और प्रशासन के इस कदम के पीछे जरूर कुछ और हैं।
उधर, शाम को पुलिस दल के साथ पुलिस के खोजी कुते भी रिज मैदान पर पहुंच गए। कहा जा रहा है कि क्या ये कुते रात को कोविड का विषाणु तलाशने आ रहे है। लेकिन सूत्र कहते है कि रिज को लेकर कोई जानकारी पुलिस को मिली थी। इसलिए आनन फानन में यह सब किया गया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई पुष्ठि नहीं कर रहा है। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्र कहते है कि कोई अलर्ट आया था।
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