शिमला। प्रदेश सरकार ने उद्योगों में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को एक हजार रुपए प्रतिमाह की दर से अधिकतम दो सालों के लिए कौशल विकास भत्ता प्रदान करने का फैसला लिया हैं। ऐसे सभी युवक जिनकी शारीरिक अक्षमता 50 प्रतिशत से अधिक है को इस योजना के तहत 1500 रुपए प्रतिमाह की दर से यह भत्ता दिया जाएगा और यह भत्ता निजी क्षेत्र में काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों को मिलेगा जिनका मासिक वेतन 15000 रुपए तक है। उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ने कहा कि किस उम्र से किस उम्र तक के कर्मचारियों को यह अदा किया जाना हैं यह अभी तय करना हैं। उन्होंने कहा इस बावत ढांचा खड़ा करना हैं।
यह संभवत: जयराम ठाकुर मंत्रिमंडल का विवादास्पद फैसला हैं। कौशल भता कुशलता बढ़ाने के लिए दिया जाता हें। जो नौकरी में लग ही गए उन्हें कौशल भता देने का औचित्य से परे हैं। इससे अच्छा तो यह होता की जयराम सरकार बेरोजगारों को बेरोजगारी भता अदा कर देती।
बहरहाल ,यह फैसला आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता मे हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया ।
मंत्रिमण्डल ने इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के मेधावी विद्यार्थियों को संघ लोक सेवा आयोग,कर्मचारी चयन आयोग की ओर से आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए मेधा प्रोत्साहन योजना को शुरू करने का फैसला भी लिया हैं।
इस योजना के तहत सीएलएटी,एनइइटी,आइआइटी,जेइइ,एम्स,एएफएमसी,एनडीए आदि प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना के तहत एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता या वास्तविकता के अनुसार, जो भी कम हो, ऐसे मेधावी छात्रों को प्रदान की जाएगी। बशर्ते विद्यार्थी की सालाना पारिवारिक आय 2.50 लाख रुपए से अधिक न हो। चालू वित्त वर्ष के दौरान इस योजना के तहत पांच करोड़ खर्च किए जाएंगे।
मंत्रिमंडल ने ग्रामीण क्षेत्रों में गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच व सुगमतापूर्वक खर्चा वहन करना सुनिश्चित करने व निजी क्षेत्र द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने व सार्वजनिक स्वास्थ्य लक्ष्यों के साथ संरेखण के लिए व स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावी, कुशल, सुरक्षित और किफायती बनाने के लिए राज्य में स्वास्थ्य में सहभागिता योजना आरम्भ करने का फैसला लिया। योजना के तहत एक करोड़ रुपए तक के निवेश पर 25 प्रतिशत का पूंजी उपदान- भवन, मशीनरी और उपकरणों पर निर्धारित मानदंडों के अनुसार निजी क्षेत्र में एलोपेथिक अस्पताल स्थापित करने के लिए किसी भी व्यक्ति, फर्म, कम्पनी, ट्रस्ट व सोसायटी को निर्धारित क्षेत्र में स्थापित करने के लिए प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत अधिकतम 75 लाख रुपए की ऋण राशि पर तीन वर्षों के लिए पांच प्रतिशत ब्याज उपदान प्रदान किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने पुलिस विभाग में 32 वर्ष से अधिक सेवाकाल पूरा करने वाले मानद मुख्य आरक्षी तथा मुख्य आरक्षी की सेवाओं को मानद सहायक उप-निरीक्षक में पदनामित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान करने का फैसला लिया।
मंत्रिमण्डल ने शिक्षकों की कमी से निपटने के लिए शिक्षा विभाग में सीधी भर्ती के माध्यम से अनुबंध आधार पर विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर शिक्षकों के 230 पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने राजकीय बीएड कॉलेज धर्मशाला में विभिन्न श्रेणियों के छ: अतिरिक्त पदों को सृजित करने व भरने की मंजूरी प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने मैसर्ज गायत्री जल विद्युत परियोजना (प्राईवेट लिमिटेड) को आवंटित बर्नुआला-बरून्द लघु जल विद्युत परियोजना को दो चरणों में विभाजित करने का फैसला किया। निर्णय के अनुसार दो मेगावाट की चरण-1 बर्नुआला बरून्द की उंचाई सीमा को 1990-1765 मीटर व 0.80 मैगावाट क्षमता की बर्नुआला, बरून्द-1 चरण-2 की एलीवेशन रेंज को 1700-1615 मीटर किया गया है। निमार्ता कम्पनी को मौजूदा जल विद्युत नीति के तहत प्रीमियम, सुरक्षा शुल्क तथा प्रसंस्करण शुल्क नए सिरे से जमा करना होगा।
मंत्रिमण्डल ने लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंडी जिला में मंडी सदर विकास खण्ड तथा सराज विकास खण्ड को पुनर्गठित करके विभिन्न श्रेणियों के दस पदों के सृजन सहित एक नया विकास खण्ड बालीचौकी गठित करने का निर्णय लिया।
मंत्रिमण्डल ने चम्बा जिले की ग्राम पंचायत बधईगढ़ के कुंगा, ग्राम पंचायत चर्दा के खांडार और ग्राम पंचायत सिंगधार के शाला में इन ग्राम पंचायतों के बच्चों को उनके घर-द्वार पर प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्राथमिक स्कूल खोलने का निर्णय लिया।
मंत्रिमण्डल ने 19 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं जिनमें कांगड़ा जिले के रा.व.मा.पा. पनाहर-बलाह, कोटलू तथा बहीन, शिमला जिले की रा.व.मा.पा. कांगल, ऊना जिले की रा.व.मा.पा. पलकवाह तथा बसोली, मंडी जिले की रा.व.मा.पा. मोवीसेरी, मलोह, जरोल, मांहूनाग, किलिंग, कमलाह तथा समौर, हमीरपुर जिले के रा.व.मा.पा. बटरान तथा चौड़ू, सिरमौर जिले की रा.व.मा.पा. पुरूवाला, जामनीवाला, बर्मा पापड़ी, बकरास में विज्ञान संकाय की कक्षाएं आरम्भ करने का निर्णय लिया। इसके अलावा मंत्रिमण्डल ने शिमला जिले के रा.व.मा.पा. कांगल, ऊना जिले के रा.व.मा.पा. पंडोगा व पलकवाह, मंडी जिले के रा.व.मा.पा. मोवीसेरी, मोरला, कमलाह, समौर, पांगणा, कांगड़ा जिले के रा.व.मा.पा. बहीन, सिरमौर जिले के रा.व.मा.पा. अजौली व मानपुरा देवरा में वाणिज्य संकाय की कक्षाएं आरम्भ करने को भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने इन पाठशालाओं में पीजीटी के आवश्यक पदों को सृजित करने व भरने की भी स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने सिरमौर, मंडी तथा ऊना जिले के आठ प्राथमिक पाठशालाओं का स्तरोन्नयन कर माध्यमिक पाठशाला तथा दो माध्यमिक पाठशालाओं का उच्च पाठशालाओं में स्तरोन्नयन करने का निर्णय लिया और साथ ही आवश्यक पदों का सृजन कर इन्हें भरने की भी स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल ने मंडी जिला के थट्टा में आवश्यक पदों के सृजन सहित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने को स्वीकृति प्रदान की।
मंत्रिमण्डल ने आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग में परियोजना निदेशक का नया पद सृजित करने का भी फैसलालिया।
मंत्रिमण्डल की बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य उद्योग विभाग राज्य में उद्यमियों को निवेश के लिए आकर्षित करने के लिए अगले वर्ष फरवरी माह में ग्लोबल इंवेस्टर मीट आयोजित करेगा। निवेशकों को खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, अधोसंरचना विकास, वैलनेस सेंटर, आयुष केन्द्र, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, साहसिक पर्यटन व इको पर्यटन तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए आकर्षित करने पर बल दिया जाएगा।
घरेलू व विदेशी उद्यमियों को हिमाचल प्रदेश में अपार सभावनाओं को प्रदर्शित करने के प्रयास किए जाएंगे ताकि वे प्रदेश में निवेश के लिए प्रेरित हो सकें। यह भी निर्णय लिया गया कि यदि आवश्यकता हुई तो निवेशकों की सुविधा के लिए मौजूदा औद्योगिक नीति में संशोधन किया जाएगा।
मंत्रिमण्डल ने भारत रत्न सरदार बल्लभ भाई पटेट की जयंती को बड़े पैमाने पर मनाने का निर्णय लिया। राज्य तथा जिला स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिनमें मुख्यमंत्री व उनके मंत्रिमण्डल सहयोगी भाग लेंगे।
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