तपोवन/धर्मशाला।कांग्रेस विधायकों ने आज तपोवन में शुरू हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही इंवेस्टर मीट को लेकर जयराम सरकार पर संगीन लांछनों की झड़ी लगा दी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने शोकोदगार के बाद इंवेस्टर मीट का पर चर्चा की मांग करते हुए संगीन इल्जाम लगाया कि इंवेस्टर मीट पर कुछ नौकरशाहों की मिलीभगत से जयराम सरकार ने हिमाचल के अब तक इतिहास का संभवत:सबसे बड़ा घोटाला कर डाला है।
उन्होंने कहा कि ये 16 करोड़ का घोटाला है। कांग्रेस भी चाहती है कि प्रदेश में निवेश हो लेकिन सरकार ने जिस तरह का तौर-तरीका अपनाया उससे लगता है कि ये हिमाचल के इतिहास का अब तक सबसे बड़ा घोटाला हो जाएगा।
मुकेश ने अपने इल्जामों में कुछ नौकरशाहों को भी लपेट लिया व कहा कि नौकरशाहों ने साजिश रच कर ये घोटाला किया है। जिस समय नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री सदन में ये इल्जाम लगा रहे थे,उस समय अधिकारी दीर्घा में इंवेस्टर मीट आयोजित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नौकरशाहों में मुख्य सचिव श्रीकांत बाल्दी,अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार व प्रधान सचिव आबकारी व कराधान और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव आइपीएस अधिकारी संजय कुंडू मौजूद थे। इस बीच सतापक्ष व विपक्ष दोनों की ओर से नारेबाजी व शोरगुल शुरू हो गया।
मुकेश का कहना था कि तमाम काम छोड़कर इस मसले पर चर्चा की जाए। सदन का माहौल शांत करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष राजीवबिंदल कुछ कहने के लिए अपनी सीट पर खड़े हो गए लेकिन नेता प्रतिपक्ष नहीं रुके और सरकार पर एक के बाद एक करके संगीन इल्जामों की झड़ी लगा दी।
दोनों ओर से हो रही नारेबाजी और शोरगुल के बीच बिंदल कई देर तक नजारा देखते रहे व बाद में उन्होंने शोरगुल के बीच विधानसभा की कार्यवाही को आगे बढ़ा दिया व कांग्रेस विधायकों ने इसके विरोध में सदन से वाकआउट कर दिया।
वाकआउट के बाद में बिंदल ने नेता प्रतिपक्ष व अन्य कांग्रेस विधायकों की ओर से नियम 67 के तहत नोटिस को नामंजूर कर दिया।
विपक्ष की ओर से वाकआउट करने के बाद जयराम ठाकुर ने इसे प्रदेश में निवेश रोकने के लिए कांग्रेस विधायकों की साजिश करार दिया व आगाह किया कि सरकार ईमानदारी से इस दिशा में आगे बढ़ रही है, इस तरह का रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस ने अपने कार्याकाल में क्या किया है वह सब सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री खुद उद्योग मंत्री रह चुके है। इन्होंने बंगलोर,मुबंई,अहमदाबाद और दिल्ली में इंवेस्टर मीट के नाम पर चार धाम किए व एक भी पैसे का निवेश नहीं आया। जयराम ने कहा कि इंवेस्टर मीट के लिए 12 करोड़ रुपए तो केंद्र सरकार ने ही दिए है। उनहोंने मुकेश अग्निहोत्री की ओर से सदन में इस्तेमाल भाषा पर भी तल्खी में नाराजगी जताई व कहा विकास के मामले राजनीति नहीं की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ईंट का जवाब पत्थर से देगी।
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