शिमला। कांग्रेस विधायकों ने आज मानसून सत्र के तीसरे दिन आउटसोर्स पर पिछले दरवाजे से की जा रही भर्तियों के मामले में प्रश्नकाल स्थगित कर चर्चा न कराने पर अपना विरोध जताते हुए सदन से नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर दिया।
कांग्रेस विधायकों ने आज सुबह इस मसले पर प्रश्नकाल शुरू नहीं होने दिया । कांग्रेस विधायक इंद्रदत लखन पाल ने प्रश्नकाल शुरू होने से पहले इस मसले को उठाते हुए कहा कि जयराम सरकार पर इल्जाम लगाया कि तमाम कायदे कानूनों को दरकिनार करते हुए प्रदेश में आठ हजार के करीब भर्तियां कर दी है। इस मसले पर चर्चा होनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कांग्रेस विधायकों से कहा कि प्रश्नकाल चलने दे और इस मसले पर बाद में बात हो सकती है। लेकिन कांग्रेस विधायक अपनी मांग पर अड़े रहे। हालांकि बाद में कांग्रेस विधायकों के इन तमाम इल्जामों को सिरे से खारिज कर दिया व कहा कि विपक्ष केवल राजनीति मकसद से इस मसले को उठा रहा है।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों के साथ धोखा हो रहा है। उन्होंने संगीन इल्जाम लगा दिया कि मुख्यमंत्री और जल शक्ति मंत्री के केवल दो हलकों में ही पांच हजार भर्तियां हो गई।उन्होंने सदन में इन तमाम भर्तियों को लेकर श्वेत पत्र लाने की चुनौती दे डाली। मुकेश ने कहा कि इन भर्तियों को लेकर न तो मेरिट को तरजीह दी जा रही है और न ही रोस्टर अपनाया जा रहा है। बेरोजगारों के साथ सरेआम छल किया जा रहा है। सदन में दोनों ओर से इस मासले पर शोर गुल हो गया। भाजपा विधायक विनोद कुमार ने कहा कि कांग्रेस विधायक अपने दौर का समय याद करे । कांग्रेस सरकार में क्या नहीं हुआ। इस पर कांग्रेस विधायक इंद्र दत लखन ने कहा कि अगर कांग्रेस ने गलत किया था अब की सरकार उसे जारी क्यों रखे हुए हैं। मुकेश ने कहा कि आउटसोर्स पर भर्तियां करना सरकार की आदत बन गई है। नियमित तौर पर तो भर्तियां हो ही नहीं रही है।
शोरगुल के बीच विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने दोनों दलों के विधायकों को अपनी सीट पर बैठने का आग्रह किया व कहा कि वह व्यवस्था दे रहे है। उन्होंने व्यवस्थ देते हुए कहा कि उन्हें कांग्रेस विधायकों की ओर से दिए गए स्थगन प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया है।
सदन के पहले ही दिन बेरोजगारों को लेकर नेता प्रतिपक्ष का प्रश्न लगा था। इसके बाद नियम 130 के तहत भी नोटिस दिया गया है जिस पर आगामी दिनों में सदन में चर्चा हो सकती है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह एकतरफा फैसला है। प्रश्नकाल में जो उनका प्रश्न लगा था कि वह प्रदेश में कितने बेरोजगार हैं इसे लेकर था, यहां मसला पिछले दरवाजे से भर्तियों का है। विधानसभा अध्यक्ष ने इस बीच प्रश्नकाल शुरू कर दिया व कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया।
कांग्रेस विधायकों के वाकआउट करने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस विधायकों के तमाम आरोपों को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस का इस मसले को उठाने का केवल राजनीतिक मकसद हे। उन्होंने कहा कि तमाम नियमों का पालन हुआ है। कांग्रेस सरकार सदन में सफेद झूठ बोल कर गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने याद दिलाया कि 2017 के चुनावों से पहले आउटसोर्स कर्मियों को पीटरहाफ के बाहर किसने एकत्रित किया था व तब उनसे तलवारें व मुकुट तोहफें किसने लिए थे। तब कांग्रेस सरकसर के नेताओं ने इनसे बउ़े-बड़े वादे किए थे लेकिन कुछ नहीं । जयराम ने कहा कि कांग्रेस में नेता बनने को लेकर होड़ मची है। कोई किसी की नहीं सुनता है। चंकि पार्टी में कोई वरिष्ठ नेता नहीं बचा है ऐसे में यह पार्टी पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना हो गई है।
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