शिमला। मंडी से पूर्व भाजपा सांसद राम स्वरूप शर्मा की ओर से 17 मार्च को दिल्ली में अपने आवास में की गई आत्महत्या के पीछे के कारणों की सीबीआइ जांच की मांग को मंजूर न करने के विरोध में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने नारेबाजी करते हुए सदन से वाकआउट कर दिया। इससे पहले कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों-बीच पहुंच गए थे।
सुबह प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने इस मसले को सदन में उठाया व कहा कि दिल्ली पुलिस इस मामले की चार महीनों से जांच कर रही है और अभी तक फारेसिंक रिपोर्ट और कॉल डिटेल रिपोर्ट तक सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यह एक सांसद की मौत का मामला है। जब सांसद की मौत के मामले की जांच का यह हाल है तो आम आदमी के मामलों का क्या होता होगा ।
आज सुबह कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी,नंद लाल और सुंदर सिंह ठाकुर ने नियम 67 के तहत इस मसले पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया था। नेगी विधानसभा अध्यक्ष से इन नोटिसों को मंजूर कर इस मसले पर चर्चा करने की मांग कर रहे थे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश का एक सांसद आत्महत्या कर दें और उसके पीछे के कारणों की जांच भी न हो । उन्होंने कहा कि जब बालीवुड के अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने अत्महत्या की थी तो इस मसले पर देश भर में हंगामा खड़ा कर दिया गया था। लेकिन मंडी संसदीय हलके से भाजपा सांसद जो 18 लाख जनता का प्रतिनिधित्व करते थे उनके मामले की क्या सदन में भी बात नहीं करने दी जाएगी।
मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में कहा कि इस मामले की सीबीआइ जांच कराई जाए।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जब यह हादसा हुआ था तब कहा था कि अगर परिवार के सदस्य कहेंगे तो सरकार सीबीआइ जांच के आदेश कर देगी।अब उनके बेटे ने कहा है कि उनके पिता आत्महत्या नहीं कर सकते थे। वह दिल्ली पुलिस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी पिछले दिनों मिले है। ऐसे में प्रदेश सरकार को इस मामले की सीबीआइ जांच करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
कांग्रेस विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कोरोना का टीका लगाया था व जीना चाहते थे। वह आत्महत्या क्यों करते।
प्रश्नकाल न चलने की वजह से सतापक्ष की ओर से विपक्ष का विरोध किया जाने लगा व दोनों ओर से विधायक सदन में बोलने लग गए।इससे सदन में शोरगुल हो गया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कांग्रेस विधायकों से आग्रह किया कि वह प्रश्नकाल चलने दें लेकिन वह अपनी मांग पर अड़े रहे।
शोरगुल के बीच सदन के नेता व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि दिवंगत सांसद राम स्वरूप शर्मा की ओर से उठाया गया कदम बेहद दुखद था। उस दौरान उन्होंने उनके परिवार के सदस्यों जिनमें उनकी पत्नी व पुत्र शामिल थे, उनसे बात की थी । परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह कोई जांच नहीं चाहते है। जो जांच दिल्ली पुलिस की ओर से की जा रही है उसमें तेजी लाई जाए।
पिछले दिनों उनके पुत्र की ओर से यह बयान मीडिया में सामने आया कि उनके पिता आत्महत्या नहीं कर सकते थे। इसका उन्होंने संज्ञान लिया व राष्ट्रीय नेतृत्व से इस मसले को उठाया था। इसके अलावा उनके परिवार के सदस्यों से भी संपर्क किया गया था। लेकिन उनकी ओर से अभी तक इस तरह का आग्रह नहीं आया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली की अपराध शाखा की ओर से इस मामले की जांच कर रही व इस जांच में अभी दखल देकर जांच को प्रभावित नहीं करना चाहिए। हमें कुछ और इंतजार करना चाहिए। दिल्ली पुलिस ने जांच को पूरा करने का भरोसा दिया । लेकिन कांग्रेस विधायक इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और नारेबाजी करते रहे। कांग्रेस विधायक जगत सिंह नेगी ने कहा कि सीबीआइ जांच में जितनी देर की जाएगी उससे सबूतों के नष्ट होने का खतरा बना रहेगा। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने शोरगुल के बीच प्रश्नकाल शुरू कर दिया जिस पर कांगेस विधायक नारेबाजी करते हुए सदन के बीचों बीच आ गए। कुछ देर तक यहां नारेबाजी करने के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
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