शिमला। देहरा से कांग्रेस विधायक कमलेश ठाकुर आज सदन में पहली बार आई और उनका जिक्र होते ही सदन में ठहाके भी लग गए। सदन में प्रश्नकाल से पहले सतापक्ष व विपक्ष के बीच गतिरोध को दूर करने के लिए जददोजहद चल रही थी उसी समय भाजपा विधायक सतपाल सत्ती ने मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू को लपेट लिया। उन्होंने कहा सदन में कुछ लोग है जो नहीं चाहते कि सदन ठीक से चले। ये हम मुख्यमंत्री को अलग से बाहर बता भी देंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को संभल जाना चाहिए । सदन में आज भाभी जी भी आई है और अगर भाभी जी के सामने हम कुछ कहेंगे आपको बुरा लगेगा।
वो आपको ही कहेंगी कि वो सदन में नहीं आएंगी क्योंकि आप की तो सदन में झंड ही बहुत होती हैं। महिला विधायक सदन में पहली बार आई है और पहली बार लड़ना अच्छा नहीं लगता ।
इसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस विधायक कमलेश ठाकुर का स्वागत किया। सतापक्ष व विपक्ष के बीच पिछले दिनों से चली आ रही तनातनी को दूर करने के लिए चल रही बहस का जवाब देने के लिए जब मुख्यमंत्री सुक्खू उठे तो उन्होंने कहा कि पत्नी का नाम लेकर डराने की कोशिश तो न करे।विपक्ष ने भी पत्नी का नाम लिया है।
सुक्खू के इतना बोलते ही उदयोग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने सिक्सर मारते हुए कहा कि आप पत्नी से डरते हैए, ऐसा आभास नहीं था। इस पर सदन में ठहाके लग गए।
इससे पहले सदन में सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच चल रही तनातनी को दूर करने के लिए चल रही बहस के दौरान उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने याद दिला दिया कि जयराम सरकार में तो कांग्रेस पर देशद्रोह का मुकदमा दायर कर दिया था जो आज भी चल रहा है। सदन से बाहर कर दिया था और कांग्रेस विधायक तब तंबू डालकर धरना दे रहे थे जयराम कहते थे नेता प्रतिपक्ष को बदल दो।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीते रोज भाजपा के विधायक राज्यपाल के पास चले गए कि स्पीकर को हटाओ। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या स्पीकर इस तरह से हट जाएंगे। कांग्रेस के पास बहुमत हैं। वोटिंग करा लो। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मसला तो बातचीत के बाद ही सुलझेगा।
स्पीकर के खिलाफ लाए गए अविश्वास पत्र को लेकर स्पीकर ने कहा कि ये नियमों के मुताबिक नहीं था।स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस 14 दिन पहले देना होता है। इसके अलावा उसमें आरोप,मानहानि से जुड़े जैसे शब्द नहीं होने चाहिए। लेकिन नोटिस में ये तमाम तरह के शब्द शामिल थे।इसलिए इसे रदद किया जाता है।
इसके बाद सदन में सतापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध दूर हो गया और प्रश्नकाल शुरू हो गया।
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