शिमला। वोटिंग से एक दिन पहले छठी बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ नगर निगम चुनावों से एक दिन पहले शिमला संकल्प-2017 नामक विजन डाक्यूमेंट निकालकर एक सौ चालीस साल पुरानी पार्टी किस गर्त में पहुंच गई हैं,ये साबित कर दिया हैं। दुनिया में शायद ही कोई ऐसा नेता होगा जिसने प्रचार समाप्त होने के दिन अपना विजन डाक्यूमेंट जारी किया होगा। लेकिन वीरभद्र सिंह व सुक्खू ने ऐसा कर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी व पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जतला दिया है कि वो क्या कर सकते हैं।
ये सब पार्टी के सह प्रभारी राजाराम पाल के सामने हुआ।रिपोर्ट दिल्ली जाएगी या नहीं ये मालूम नहीं हैं। वैसे भी पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी नानी के यहां इटली गए हैं।बाकी आलाकमान में कोई पूछने वाला ही नहीं हैं।
शिमला संकल्प-2017 नाम के इस विजन डाक्यूमेंट का स्तर हास्यस्पद हैं। संभवत: पार्टी व सरकार ये मानकर चल रही है कि शिमला की जनता को कुछ भी परोस दो वो आपके साथ चलने को मजबूर हैं।एम सी चुनावों से पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व कांग्रेस पार्टी यही साबित करने पर तुली हैं।
सबसे पहले पार्टी ने तय किया कि वो इस बार किसी को भी चुनाव में नहीं उतारेगी। कांग्रेस से जुड़े लोगों ने खुद ही परचे भरे।जिस दिन नामाकंन वापस लेने का दिन था उस दिन पार्टी ने ये एक सूची जारी कर दी व एलान किया कि इतने प्रत्याशी कांग्रेस समर्थक हैं। ये उस दिन किया जिस दिन नामांकन वापस लेने का दिन था। चुनाव उतरे पार्टी समर्थक सरेआम बोले की पार्टी ने उन्हें लावारिस की तरह छोड़ दिया।
इतना होने के बाद कांग्रेस पार्टी के कारनामें यहीं नहीं रुके । चुनाव प्रचार के लिए कोई नेता ही नहीं उतरा। जो उतारे वो भी वो बेअसर माने गए। सरकार में ताकत मंत्रियों ,कौल सिंह ठाकुर, और मुकेश अग्निहोत्री व पार्टी की वरिष्ठ नेत्री व जिसके प्रभार में पंजाब विधानसभा का चुनाव जीता गया उस पार्टी की वरिष्ठ नेत्री आशा कुमारी को भी प्रचार से बाहर रखा गया। मजेदार ये है कि परिवहनमंत्री बाली प्रचार खत्म होने के दिन चंद घंटों के लिए प्रचार में उतरे व खूब मालाएं पहनवाई।
आखिर में जब हाहाकार मचने लगा तो 12 जून को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को प्रचार में उतारा गया । वो कुछ वार्डों में गए। 13 तारीख को भी उन्हें कुछ बैठकें की। इसके बाद कांग्रेसियों को लगा कि भाजपा व माकपा परचे निकाल रहे तो वोटिंग से दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने चार पेज का एक विजन डाक्यूमेंट निकाल दिया,जिसमें विजन कम कन्फ्यूजन ज्यादा हैं।14 तारीख को ही चार बजे प्रचार खत्म हो गया।15 को आधिकारिक तौर पर प्रचार नहीं हो सकता। 15 जून को वो अर्की के बाड़ीधार में मेले में शिरकत करने जा रहे हैं।16 जून को वोटिंग हैं।
प्रदेश सरकार व कांग्रेस पार्टी की ओर से निगम चुनावों को जिस तरह से हैंडल किया गया इसकी सही रिपोर्ट अगर किसी भी पार्टी के आलाकमान तक पहुंच जाए व आलाकमान गंभीर हो तो ,सरकार व पार्टी के मुखिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता। लेकिन प्रदेश कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस आलाकमान के अपने ही कारनामे हैं।
छठी बार सीएम बने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जिनके पास अफसीरों की लंबी चौड़ी फौज हैं,पार्टी में जिनका गजब का दबदबा है, उन्हें किस तरह का विजन डाक्यूमेंट जारी किया व किस समय किया इसके ही नेता कहते है कि इससे बेहतर था कि चुपचाप रहते । फजीहत नहीं होती। फजीहत भी सारा मीडिया बुलाकर करवाई।
वो इसे पढ़ लेते व उनके कद के हिसाब से कंटेंट न होता तो ऐसा विजन डाक्यूमेंट जारी ही नहीं करते। लेकिन बताते है कि विजन डाक्यूमेंट सुबह ही छप कर आया। कांग्रेस में जो भी इन चुनावों के दौरान हुआ वो दिलचस्प था लेकिन पार्टी व सरकार का रवैया ये साफ करने के लिए काफी है कि जनता व वोटर की क्या हैसियत हैं। समझा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की जितनी खस्ता हालत इन चुनावों में उभर कर आई हैं वैसी स्थिति पहले कभी नहीं हुई। ये तमाम स्थिति पार्टी के सह प्रभारी राजा राम पाल के सामने रही हैं। लेकिन बावजूद इसके ये माना जा रहा है कि निगम पर वामपंथियों के साथ मिलकर कांगेस इस बार भी कब्जा कर ले तो हैरानी नहीं होनी चाहिए। हालांकि भाजपा ने इन चुनावों में बहुत ताकत झोंक रखी हैं।
यहां पढ़े नगर निगम चुनावों में वोटिंग से दो दिन पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू की ओर से मीडिया को जारी किया गया विजन डाक्यूमेंट-:
यहां पढ़े नगर निगम चुनावों में वोटिंग से दो दिन पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सुक्खू की ओर से मीडिया को जारी किया गया विजन डाक्यूमेंट-:
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