शिमला। प्रदेश के विभिन्न विभागों,बोर्डों व निगमों में आउटसोर्स पर तैनात कर्मचारियों के लिए नीति बनाने का एलान हो गया हैं।मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अाज ये एलान आउटसोर्स कर्मचारी संघ की ओर से पीहटरहॉफ में आयोजित समारोह में किया
युवा कांग्रेस अध्यक्ष व अपने पुत्र विक्रमादित्य सिंह के साथ समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इन कर्मियों की मांग यथार्थ है और इस पर शीघ्र ही सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आरम्भ में सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के प्रसार के उद्देश्य से सीमित अवधि के लिए आऊटसोर्स किया गया था, लेकिन उन्हें जीवन भर आऊटसोर्स आधार पर रखना न्यायोचित नहीं है।वीरभद्र सिंह ने कहा कि आऊटसोर्स कर्मियों का सेवाकाल और लम्बे समय तक नहीं रहनी चाहिए। इन कर्मियों के लिए एक नीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आऊटसोर्सिंग का चलन न केवल भारतवर्ष, बल्कि अन्य देशों में भी है।
उन्होंने कहा कि जल वाहकों की नियुक्ति महज स्कूलों में पानी ढोने के लिए नहीं की गई थी, बल्कि गरीब से गरीब व्यक्ति को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल में पानी का नल है, लेकिन जल वाहकों की नीति को लेकर हमारी सरकार का विश्वास गरीबों, विधवाओं, दिव्यांगजनों को रोजगार प्रदान करने पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार आऊटसोर्स कर्मियों की शिकायतों को लेकर गम्भीर है और निश्चित तौर पर इनका समाधान करेगी।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि हालांकि कुछ ताकतें हैं, जो पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक लोगों में खाई उत्पन्न करने की कोशिश कर रही हैं। वे चुनाव समीप आते ही लोगों को बांटने की कोशिश में लग जाते हैं और यदा-कदा अपने उद्देश्य में सफल भी होते हैं, लेकिन लोगों को उनके मनसूबों व दुष्प्रचार को समझना होगा।
युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि आऊटसोर्स कर्मियों के नियमितिकरण के लिए नीति बनाने की मांग वर्तमान सरकार के चार वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर धर्मशाला में आयोजित रैली में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष उठाई गई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले ही आऊटसोर्स कर्मियों के लिए अनुबंध नीति तैयार करने पर विचार कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आऊटसोर्स कर्मियों के लिए नीति तैयार कर हिमाचल प्रदेश देश का अनुकरणीय (रोल मॉडल) बनेगा। उन्होंने इन कर्मियों को अनुबन्ध नीति के अन्तर्गत लाने के उपरान्त अनुबंध अवधि को कम कर तीन वर्ष करने की मांग का भी समर्थन किया।
अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एवं राज्य इंटक के अध्यक्ष हरदीप बाबा तथा राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष एसएस जोगटा ने भी इस अवसर पर अपने विचार प्रकट किए।
हिमाचल प्रदेश आऊटसोर्स कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष धीरज चौहान ने कहा कि आऊटसोर्स कर्मचारी गत 16 वर्षों से राज्य सरकार के सभी विभागों, बोर्डों तथा निगमों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे आऊटसोर्स कर्मचारियों को उनके संबंधित विभाग में ही नियमित करने का आग्रह किया।
संघ ने आऊटसोर्स कर्मचारियों को राज्य सरकार की अनुबंधित नीति के दायरे में लाने तथा सरकारी नौकरियों में नियमित होने से पूर्व तीन वर्ष का अनुबंधित कार्यकाल रखने का आग्रह किया।
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