शिमला।हिमाचल प्रदेश के जवां व स्मार्ट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ओकओवर से सरकारी नामी होटल पीटरहाफ में बच्चों के कार्यक्रम के डेढ़ घंटा बाद पहुंचे। जबकि इस कार्यक्रम में राजधानी व आसपास के स्कूलों के बच्चे सुबह आठ बजे पीटरहाफ पहुंच गए थे।
अंतराष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर प्रदेश स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग और हिमाचल राज्य एडस नियंत्रण समिति की ओर से पीटरहाफ में कार्यक्रम रखा गया था। इस कार्यक्रम में युवा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को 11 बजे पहुंचना था।
आयोजकों ने इस कार्यक्रम के लिए विभिन्न स्कूलों के बच्चों को यहा बुलाया था जिसमें से डीएवी स्कूल के बच्चे आठ बजे पीटरहाफ के ग्राउंड में पहुंच गए थे जबकि पोर्टमोर की बच्चियां नौ बजे आ गई थी। बाकी बच्चे भी दस बजे तक यहां पहुंच चुके थे। इसके अलावा राजधानी की निजी नर्सिंग संस्थानों से प्रशिक्षु नर्से भी नौ बजे के करीब यहां पहुंच गई थी।
अब सबको इंतजार था कि मुख्यमंत्री तय समय 11 बजे कार्यक्रम में पहुंच जाए। लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू जब साढ़े ग्यारह बजे तक भी नहीं पहुंचे तो बच्चे अपनी सीटों से उठने लग गए। लगा कि मुख्यमंत्री 12 बजे तक आ ही जाएंगे। लेकिन जनाब मुख्यमंत्री 12 बजे तक भी पीटरहाफ नहीं पहुंचे।अब बच्चों का सब्र टूटने लगा तो जिस मंच से मुख्यमंत्री ने भाषण देना था उस मंच से महिलाओं को लेकर चुटकुले सुनाए जाने लगे।
मंच से माइक पर कहा जाने लगा कि” महिलाएं बहुत बातूनी होती है। वह आपस में जब बातें करती है तो अपनी पति की बातें करती हैं। एक बार एक पति को अपनी पत्नी बाजार में मिली तो उसके पति ने उससे कहा कि बहन जी आपको कहीं देखा हैं”। इत्यादि इत्यादि बातें की जाती रही। ये सब उस कार्यक्रम में होता रहा जहां पर विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने शिरक्त कर रखी थी।
इस मौके पर डीएवी स्कूल के बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वो सुबह आठ बजे यहां आ गए थे। पोर्टमोर स्कूल की बच्चियों ने कहा कि वो नौ बजे यहां पहुंच चुकी थी। क्या उन्हें खाने पीने को कुछ दिया गया था तो इन बच्चियो ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं दिया गया है।पानी वो वहां लगे आरओ से पी रहे हैं।
कुपवी की एक संस्था ने यहां पर रक्तदान शिविर लगा रखा था लेकिन जब जनाब मुख्यमंत्री तय समय पर नहीं पहुंचे तो युवाओं से रक्तदान करवाना शुरू कर दिया गया। युवाओं ने कहा कि उन्हें जल्दी जाना हैं।
आखिर में जनाब मुख्यमंत्री साढ़े 12 बजे के करीब अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ पीटरहाफ पहुंचे और रक्तदान शिविर का उदघाटन किया और मंच की ओर जैसे ही जाने लगे तो मीडिया वालों ने घेर लिया ।
लेकिन जनाब मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात ही नहीं की यानी बाइट ही नहीं दी। जनाब मुख्यमंत्री को यानी सत्ता का गलियारा कवर करने वाले मीडिया वाले कहने लगे कि जनाब मुख्यमंत्री ऐसा ही करते है। वो कहते है कि पहले भाषण सुनों उसके बाद बाइट दूंगा।
शायद ये मीडिया वाले सच ही कहते होंगे।वो भी कहते रहे है कि वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल दो ही मुख्यमंत्री रहे हैं जो समय के पाबंद थे व समय की इज्जत करते थे जबकि जयराम की तरह सुक्खू भी आराम से आते हैं।इसी तरह की जुमले बच्चों ने भी हवा में उछाले कि प्रदेश का मुख्यमंत्री समय का पाबंद नहीं हैं।
दिलचस्प ये रहा है जनाब मुख्यमंत्री तो साढे बारह मौके पर पहुंच गए लेकिन शिमला से कांग्रेस विधायक हरीश जनारथा तो मुख्यमंत्री के बाद पीटरहाफ की ओर दनदनाते हुए गए हैं।
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