शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के 53वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर दावा किया कि उनकी सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता या जीरो टॉलरेंस की नीति है और सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पेपर लीक मामले में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को निलंबित कर दिया गया है और अब चयन पूर्ण रूप से योग्यता के आधार पर निष्पक्षता और पारदर्शी तरीके से किया जाएगा।
वह हिमाचल के 53वें पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय हमीरपुर में उत्साह और उल्लास के साथ मनाए गए राज्य स्तरीय समारोह में बोल रहे थे।
लेकिन प्रदेश में सस्ता होने के कारण स्मगल हो रहे डीजल और भ्रष्ट प्रधानों का अपने पद पर बने रहना उनका व उनकी सरकार भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरंस का यह दावा पूरी तरह से विपरीत हैं।जयराम सरकार के कार्याकाल में बददी के एक ही पेट्रोल पंप से अप्रैल 2022 से दिसंबर 2022 तक नौ करोड रुपए का डीजल हरियाणा व झारखंड के लिए स्मगल हो गया लेकिन जिन टैंकरों के जरिए यह स्मगल हुआ उन पर कोई कार्रवाई नहीं हैं। प्रदेश के कितने और पेट्रोल पंप प्रदेश में सस्ते डीजल को बाहरी राज्यों के लिए स्मगल कर रहे है, इस बावत कहीं कोई छानबीन नहीं हैं।
इसी तरह सुक्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में पेपर लीक होने पर आयोग के कामकाज को तो निलंबित कर दिया लेकिन बाकी विभागों में क्या हुआ इस बावत चुप्पी साधी हुई हैं। अपने घोषणापत्र में कांग्रेस पार्टी ने जयराम सरकार में नियुक्तियों में धांधलियों की जांच को लेकर जांच आयोग बिठाने का वादा किया था लेकिन 45 दिन की सुक्खू सरकार अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं कर पाई। अभी भी विभागों में वही अधिकारी बैठें जिन्होंने ये नियुक्तियां की हैं । जब तक जांच आयोग बनेग तब तक कितने सबूत रहेंगे कितने मिट जाएंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता हैं।
भ्रष्टाचार के मामले में सुक्खू जीरो टॉलरेंस का दावा तो सार्वजनिक स्तर पर कर गए लेकिन जिन पंचायत प्रधानों के खिलाफ प्रारंभिक जांच में विभाग की जांच समितियों ने प्रथम दृष्टया सबूत जयराम सरकार में ही एकत्रित कर दिए थे, उनके खिलाफ तक कार्रवाई नहीं हो पाई हैं। जयराम सरकार में तो इन प्रधानों को राजनीतिक आश्रय मिलता रहा क्या सुक्खू सरकार में भी यह सिलसिला जारी हैं, यह बडा सवाल हैं। नालागढ की लग पंचायत के प्रधान का मामला तो पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह के दरबार तक पहुंच गया हैं और इस मामले में जिस तरह सरकार के अधिकारी जांच के नाम पर कार्रवाई को लंबित कर पिछली जयराम सरकार की आंखों में धूल झोक रहे थे उसी तरह सुक्खू सरकार की आंखों में भी धूल झोंकी जा रही हैं। क्या चंद अधिकारी पूरी सरकार, मंत्री व मुख्यमंत्री के आंखों में धूल झोंक सकते हैं। इस बावत मंत्री अनिरुद्ध सिंह और मुख्यमंत्री सुक्खू को अपने प्रतिमान तय करने होंगे कि भ्रष्टाचार को चंद अधिकारियों के व्यक्तिगत पैमानों व दंभ के आधार पर मापा जाना है या कानून व नियमों की मूल भावना के आधार पर परखा जाना हैं।
हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस के मौके पर इन बिंदुओं पर पैमाने तय नहीं किए जाएंगे तो फिर किस दिन किए जएंगे।हालांकि इस समारोह में सुक्खू ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर जनता की नजरों में एक उम्मीद जरूर जगाई है लेकिन वह इस कसौटी पर खरे उतर पाएंगे यह अभी देखा जाना हैं। हालांकि 45 दिनों की सरकार में वह इस कसौटी पर खरे उतरे हो ऐसा नहीं कहा जा सकता। हालांकि आकलन करने के लिए यह बेहद कम समय हैं। चूंकि उन्होंने हिमाचल के पूर्ण राज्यत्व दिवस के समारोह के मौके पर जीरो टॉलरेंस का मसला उठाया सो 45 दिनों के कामकाज के आकलन में इस बावत कुछ विशेष उनकी सरकार किया गया हो ऐसा कुछ सामने नहीं आया । यूं भी भ्रष्टाचार पर तो तुरंत प्रहार किया जाता हैं। जयराम सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने चुनावों से पहले एक आरोपपत्र भी तैयार किया था। इस आरोपपत्र पर कौन जांच कर रहा है ये किसी को पता नहीं हैं।ये आरोपपत्र हैं कहां ये भी किसी को पता नहीं हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री का क्रप्शन पर जीरो टॉलरेंस का दावा मजबूत नजर नहीं आ रहा हैं।
इस समारोह में ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये का ऋण विरासत में मिला है। उन्होंने इस मौके पर जयराम सरकार की कई विफलताओं को सार्वजनिक किया जिन्हें वह पिछले 45 दिनों में कई बार सार्वजनिक मंचों से उठा चुके हैं।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने व्यवस्था परिवर्तन के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि वर्तमान सरकार ने इसके दृष्टिगत कई महत्वाकांक्षी कदम उठाए हैं
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने कौशल्या देवी धर्मपत्नी स्व. दित्तू राम, शीला देवी धर्मपत्नी स्व. चौधरी राम, आतो देवी धर्मपत्नी स्व.लतूरिया राम, दुर्गी देवी धर्मपत्नी स्व. गंगा राम और बंती देवी धर्मपत्नी स्व. गरीब दास को सम्मानित किया।
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