मंडी। केंद्र की मोदी सरकार की किसान व मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदेश सीटू ने पांच अप्रैल को दिल्ली चलों का एलान कर दिया हैं। पांच अप्रैल को संसद भवन दिल्ली पर दस लाख मजदूर -किसान विरोध रैली करने जा रहे है व इसमें प्रदेश भी बडी संख्या में मजदूर व किसान शिरकत करेंगे।
मंडी में मजदूर- किसान संयुक्त जिला स्तरीय सम्मेलन में सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार मज़दूरों और किसानों के ख़िलाफ़ नीतियां बना रही है।सरकार बाल विकास, मिड डे मील, स्वास्थ्य, मनरेगा योजना के बजट में निरन्तर कटौती कर रही है और सभी सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थानों को निजी हाथों को बेच रही है।
मोदी सरकार ने इस बजट में ही मनरेगा के बजट में 33 फीसद कटौती कर दी है व ऑउटसोर्सिंग,ठेके और फिक्स्ड टर्म का रोज़गार दिया जा रहा है।मज़दूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने 44 श्रम क़ानूनों को समाप्त करके चार सहिंताओं में बदला जा रहा है।
सम्मेलन में किसान सभा के राज्य सचिव होतम सौंखला ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी का वादा केंद्र सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है और स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट भी लागू नहीं कि है।
जिला मंडी सीटू के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्ग और हवाई अडडों के लिए अधिकृत की जा रही भूमि का चार गुणा मुआवजा देने की सरकार से मांग की जाएगी।बल्ह में बनाये जाने वाले हवाई अड्डे का विरोध किया जाएगा और इसे किसी गैर उपजाऊ भूमि पर बनाया जाये।इसके अलावा जंगली जानवरों और आवारा पशुओं की समस्या के समाधान की भी मांग उठाई जायेगी।
सम्मेलन में निर्णय लिया गया कि सीटू से जुड़ी यूनियनें और हिमाचल किसान सभा 1 मार्च से घर घर संपर्क अभियान शुरू करेगी और पहले चरण में 15 मार्च को खण्ड व ज़िला स्तर पर प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।दूसरे चरण में 5 अप्रैल तक चलाया जाएगा और दिल्ली संसद भवन के बाहर होने वाली रैली तक चलेगा।जिसके तहत 20 हज़ार घरों में दस्तक दी जायेगी और पर्चा वितरण किया जायेगा।15 मार्च को मंडी, सरकाघाट,, धर्मपुर, पधर, जोगिन्दरनगर,निहरी, बालीचौकी और जंजैहली में प्रदर्शन किये जायेंगे।
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