शिमला। बीती सात जनवरी को आय से अधिक संपति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह समेत छहआरोपियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट की अदालत ने आरोप निर्धारित कर दिए हैं। 29 जनवरी को वीरभद्र सिंह का नबंर हैं। ऐसे में अब राहुल गांधी की कांग्रेस असमंजस में है कि मंडी लोकसभा हलके से कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी किसे बनाया जाए। मंडी से कांग्रेस नेता कौल सिंह ठाकुर तो एमएलए का चुनाव तक हार गए । वह पिछल्ली सरकार में मंत्री थे।
हालांकि आरोप निर्धारित हो जाने के बाद चुनाव लड़ने पर कोई संवैधानिक पांबदी नहीं हैं। चूंकि कांग्रेस पार्टी रफाल व बाकी मामलों को मोदी सरकार को भ्रष्टाचार के मामलों पर घेर रही हैं। ऐसे में अगर भ्रष्टाचार के मामलों से घिरे किसी प्रत्याशी को टिकट दिया गया तो भाजपा को कांग्रेस पार्टी को घेरने का मौका मिल जाएगा।
मंडी जिला से ही नौ विधानसभा हलके भाजपा के कब्जे में हैं। इसके अलावा किन्नौर व रामपुर में यह जरूरी नहीं कि कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा मत ही पड़ जाए। कांग्रेस पार्टी भाजपा नेता महेश्वर सिंह पर दांव खेल सकती हैं। लेकिन महेश्वर सिंह अभी भाजपा नेताआकें से मेल जोल बढ़ा रहे हैं।
बहरहाल, दिल्ली की सीबीआइ अदालत में वीबीएस मामले में क्या हुआ यह जाने यहां -:
सात जनवरी के प्रतिभा सिंह बाकी आरोपियों समेत अदालत में पेश हुई और अदालत की ओर से उन्हें थमाए आरोपपत्र पर उन्होंने दस्तख्त कर दिए। विशेष जज अरुण भारद्वाज ने प्रतिभा सिंह व बाकी पेश हुए आरोपियों के खिलाफ आरोप निर्धारित कर दिए। प्रतिभा सिंह के अलावा इस मामले में सेब आढ़ती चुन्नी लाल चौहान, जोगेंद्र सिंह घालटा,लवण कुमार,राम कुमार भाटिया व वक्कामुला चंद्रशेखर के खिलाफ भी आरोप निर्धारित कर दिए गए हैं।
मामले में मुख्य आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह,उनके बीमा एजेंट आनंद चौहान और एक अन्य आरोपी प्रेम राज के खिलाफ 29 जनवरी को आरोप निर्धारित किए जाएंगे। उन्हें अगली सुनवाई को अदालत में हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई 29 जनवरी को निर्धारित की गई हैं।
वीरभद्र सिंह,आनंद चौहान और प्रेम राज की ओर से अदालत में आज छूट की अर्जी दाखिल की गई। वीरभद्र सिंह की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि उनकी आंखों में संक्रमण हैं इसलिए वह अदालत में पेश होने में असमर्थ हैं। इसलिए उन्हें छूट दी जाए। अदालत ने उनकी अर्जी मंजूर कर ली व अगली सुनवाई 29 जनवरी को निर्धारित कर दी।
वीरभद्र सिंह की ओर से अदालत में पैरवी कर रही उनकी वकील तरन्नुम चीमा ने कहा कि
वीरभद्र सिंह आज अदालत में पेश नहीं हो पाए। इसलिए छूट की अर्जी दी गई।
याद रहे सीबीआई ने सितंबर 2015 में आय से अधिक संपति मामले में वीरभद्र सिंह उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व बाकियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13/2 के अलावा भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465 और 471 के तहत जालसाजी,जाली दस्तावेज तैयार करने व इस्तेमाल करने और धोखाधड़ी करने को लेकर एफआइआर दर्ज की थी। इसके बाद उनके विभिन्न ठिकानों पर सीबीआइ ने छापेमारी भी की थी।
यह मामला तब का है जब वीरभद्र सिंह 28 मई 2009 से 26 जून 2012 तक इस्पात मंत्री थे। सीबीआइ न अपने चालान में कहा है इस दौरान वीरभद्र सिंह ने आय से अधिक संपति एकत्रित की और उसे सफेद करने के लिए आयकर रिटर्न में इस संपति को कृषि आय घोषित किया। सीबीआइ ने अदालत में दायर चालान में यह दस करोड़ की रकम बताई हैं।
इस कृषि आय बताने के लिए वीरभद्र सिंह ने आनंद चौहान के साथ मिल कर सेब के बगीचे के प्रबंधन व उससे इस आय के होने के जाली दस्तावेज तैयार किए।
आनंद चौहान ने अपने खाते से वीरभद्र सिंह , उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह व बच्चों के नाम पांच करोड़ के कराए बीमा की रकम जमा कराई थी।
इतनी बड़ी रकम जमा होने पर आयकर विभाग ने आंनद चौहान से पूछताछ की तो चौहान ने कहा था कि यह रकम वीरभद्र सिंह की है व सेब की खरीद फरोख्त से आय हुई हैं। वीरभद्र सिंहने बाद में तीन सालों की रिवाईज्ड रिटर्न जमा कराई थी। इस तरह ये मामला सामने आ गया। सीबीआइ ने अपने चालान में कहा है कि प्रतिभा सिंह ने वीरभद्र सिंह के साथ मिलीभगत की उसके व बच्चों के नाम बीमा कराने का जोर दिया।
आगामी लोकसभा चुनावों से पहले आरोप निर्धारित हो जाने के वजह से वीरभद्र सिंह ही नहीं प्रदेश कांग्रेस पार्टी को भी ये बड़ा झटका हैं।
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