मेरे जैसे छोटे बच्चे कभी कहते थे कि मेरा भारत महान है। पर मुझे अब ये कहते हुए शर्म आती है क्योंकि आधे से ज्यादा भारतीय तो नशा करते है। इनमें युवक ही नहीं युवतियां भी पीछे नहीं है। पहले तो बीड़ी,सिगरेट, गुटखा,खैनी, तंबाकू शराब आदि के ही नशे किए जाते थे लेकिन अब तक चिटटे की पुड़ियां,नशीली गोलियां और नशे के इंजेक्शन जान ले रहे है। व्यक्ति शुरू में इन्हें शौक के तौर पर लेता है लेकिन बाद में ये इनकी आदत बन जाती है। अगर ये नशा न करे तो ये मर भी सकते है।
छा गया है मातम और वक्त रो रहा है,
अरे देखिए जनाब, मेरे देश को क्या हो रहा है?
जम चुका है खून रगों में आज के नौजवानों के
मिल जाती है जवानी गिरी हुई आजकल मयखानों में ।
परिवार जाग रहा है, राह तकते हुए,
पर आने वाला आ रहा नशे में सरकते हुए।
हैरानी यह है कि नशे का सामान बाजार में कम कीमतों में आसानी से मिल रहे है जिससे कोई भीआम आदमी इन्हें आसानी से ले सकता है। समाज व सरकार नशे के दुष्परिणामों को जानती है लेकिन फिर भी नशीले पद्वार्थ किसी भी जगह आसानी से मिल जाते है। तंबाकू, बीड़ी, गुटखा आदिको दुकानों पर बड़े अच्छे ढंग से सजाया जाता है ताकि लोग इनकी ओर खींचे चले आए।
स्कूलों के बच्चों में नशाखोरी संगति के के चलते फैलती है। कम उम्र में ये बच्चे राह भटक जाते हैऔर ऐसे लोगों के संगति करते है जो नशा को अपना जीवन समझते है और कई बार युवा भी नशे के चंगुल में संगति के कारण फंस जाते है।
हमारे सिनेमा जगत का नशाखोरी फैलाने में बहुत बड़ा हाथ है। टीवी व फिल्मों में खुलेआम शराब,सिगरेट गुटखा आदि का सेवन करते पात्र दिखाए जाते है। जिन्हें देखकर बच्चे व युवा नशे की ओर से आकर्षित होते हैं और नशा करना शुरू कर देते है।
अब ये पंक्तियां-:
गुटखे ने गटक ली
कई लोगों की जान,
अब तुम तो संभल जाओ
बचाओ अपनी जान।
सब जानते है नशा एक अभिशाप है जो हमारे समूल जीवन को नष्ट कर देती है। नशे की लत से पीड़ित व्यक्ति परिवार के साथ-साथ पूरे समाज पर बोझ बन जाता है। नशे से युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा पीड़ित है। इस पीढ़ी को नशे के चंगुल से बचाने के लिए सरकार नए नए अभियान चलाती है। आप ही बताएं, ऐसे में भारत कैसे महान बनेगा। भारत महान बन सकता है। अगर भारतीय नशा करना छोड़ दे तो भारत महान बन सकता है। अगर भारत के युवा नशा करना छोड़ देंगे तो न महिलाएं विधवा होंगी और न बच्चे अनाथ।
नशे की लत से शरीर नष्ट हो जाता है। चिटटा,भांग ,चरस, शराब तंबाकू व सिगरेट पीने से फेफड़े,दिल, लीवर और न जाने क्या -क्या खराब होने लग जाता है। धूम्रपान करने वाले से उसे ही नहीं उसके साथ वाले को भी नुकसान होता है। । सिगरेट व गुटखे के पैकेटों पर तो लिखा ही हुआ होता है कि इसक ो पीना व खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है फिर भी लोग इसे मजे से लेते है। मुंह का कैंसर ,गले का कैंसर आदि सब नशे के कारण होता है।
अगर भारतवासी नशा करना छोड़ देेंगे तो भारत एक बार फिर सोने की चिड़ियां बन जाएगा
।
आखिर में ये पंक्तियां-;
नशा जो करता है इंसान
कभी न हो उसका कल्याण,
उसको त्यागे सब प्राणी
जल्द मिलता है शमशान।
अक्षित कुमार
कक्षा आठवीं
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बसंतपुर,
गांव नाल्टू,डाकघर बसंतपुर,
तहसील सुन्नी ,जिला शिमला
हिमाचल प्रदेश।
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