धर्मशाला/तपोवन। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आज वो घट गया जिसकी सत्र शुरू होने से पहले पक्ष व विपक्ष ने उम्मीद नहीं की थी । भाजपा के तीन वरिष्ठ विधायकों सुरेश भारद्वाज, राजीव बिंदल और रणधीर शर्मा को सत्र के बचे शेष काल के लिए सदन से निलंबित कर दिया है। उधर, अपने तीन विधायकों को निलंबित किए जाने की जानकारी मिलने पर भाजपा ने भी स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान किया है। स्पीकर को इस बावत नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि आज विपक्ष के प्रति सदन में अध्यक्ष का जो व्यवहार रहा और जो नियम व संविधान को बदलने की उन्होंने बातें की है उनके खिलाफ अविश्वास संकल्प लाया गया है।
स्थगन काल के दौरान सदन में सतापक्ष की गैैरमौजूदगी में भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज स्पीकर की कुर्सी पर बैठ गए व वहां से मजाक – मजाक में एलान कर दिया कि सदन दिन भर के लिए सदन स्थगित हो गया। इस बीच सदन में कांग्रेस सदस्य भी आ गए और स्पीकर के मार्शल ने सुरेश भारदवाज से कहा कि स्पीकर आ गए है। इस पर सुरेश भारद्वाज झट से उठे और विपक्षी दीर्घा की ओर से चले गए।इसके बाद भाजपा सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया ।
इससे पहले बीते रोज के एजेंडे को आज के एजेंडे पर शमिल रखना है या नहीं इस मसले पर सहमति बनाने के लिए सदन को पंद्रह मिनट के लिए स्थगित कर दिया ताकि स्पीकर के साथ विपक्ष के नेता बैठकर कोई रास्ता निकाल सके।
प्रश्नकाल शुरू होने से पहले भाजपा विधायक स्पीकर के आसन तक उपर जाने वाली आखिरी सीढ़ी तक पहुंच गए थे व वहां से नारेबाजी करते रहे थे ।
बाद में विपक्ष की गैरमौजूदगी में सदन में कांग्रेस विधायक संजय रत्न, अजय महाजन ,मोहन लाल बा्रक्टा और कुलदीप कुमार की ओर से नोटबंदी से हुई असुविधा पर लाए गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई । मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने चर्चा का जवाब दिया। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भाजपा सदस्यों की गैरमौजूदगी में सदन व स्पीकर की अवमानना करने व अमार्यादित नारेबाजी करने को लेकर सुरेश भारद्वाज , राजीव बिंदल और रणधीर शर्मा को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव पेश कर दिया। अग्निहोत्री ने कहा कि भाजपा सदस्य के इस कृत्य से सदन आहत हैं व जिस सदस्य ने ये किया वो भी आहत होगा। उन्होंने कहा कि स्पीकर के आसन के पास चले जाना,सिर के उपर जाकर नारेबाजी करनेे की आजादी किसी विधायक को नहीं हैं। ये परंपराओं का अपमान है, सदन का अपमान है,अध्यक्ष का अपमान है। सदन में राजनीतिक अराजकता का माहौल बना दिया है। ऐसे में आसन के पस पहुंचने वाले ,स्पीकर की सीट पर बैठने वाले व नारेबाजी करने वाले इन विधायकों को निलंबित किया जाए। इनहोंने सदन की अवमानना की है व घोर अपराध किया है। सतापक्ष ने सर्वसम्मत से इस प्रस्ताव को पारित कर भाजपा के इन तीनों विधायकों को निलंबित दिया।
इससे पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा अपने लंबे राजनीतिक जीवन में चाहे वो लोकसभा में रहे हो या विधानसभा में कभी भी ऐसी बेहूदगी नहीं देखी।उन्होंने न केवल सदन की अवमानना की बल्कि स्पीकर के पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचा दी है। वीरभ्रद सिंह ने नेता प्रतिपक्ष को लपेटते हुए कहा कि ये सब धूमल की मौजूदगी व इशारे पर हुआ हैं। हालांकि धूमल दो बार प्रदेश के सीएम रह चुके हैं। उन्होंने स्पीकर की ओर मुखातिक होकर कहा कि आपके पदासीन होने से पहले एक मेंबर आपकी कुर्सी पर बैठ जाए इससे ज्यादा बेइज्जती ,अपमान इस सदन का क्या हो सकता हैं। ऐसा दृष्य विधानसभाओं व लोकसभा में आज तक नहीं हुआ होगा ।
राजस्व मंत्री कौल सिंह ने कहा कि स्वयंभू पीठासीन अधिकारी बन कर स्पीकर की कुर्सी पर बैठने से ज्यादा सदन की और क्या अपमान हो सकता है।शायद लोकतांत्रिक इतिहास में ये पहली बार हुआ हैं।उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य पूर्ण है। युवा विधायक अनिरुद्ध ने कहा कि निंदा करने से कुछ नहीं होगा कार्रवाई की जानी चाहिए।
उधर, नेता प्रतिपक्ष ने प्रेम कुमार धूमल ने बाद में मीडिया को जारी बयान में स्पीकर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया व कहा कि यह गंभीर समस्या है और नियमों के विपरीत निर्णय देने के कारण सदन की कार्यवाही को प्रभाावित किया गया है। उन्होंने कहा कि विधान सभा सदस्यों द्वारा आग्रह किया गया कि नियम के विपरीत निर्णय न लें लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि मैं नियम बदल सकता हूॅं। उन्होंने कहा कि अविश्वास संकल्प में पिछले चार सालों में विधान सभा विशेषकर ई-विधान में की गई भर्तियों एवं खरीद आदि में नियमों का उल्लंंघन भी शामिल है। धूमल ने कहा कि इसलिए हमने अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विधान सभा को उनके पद से हटाने के लिए संकल्प प्रस्तुत किया है।
धूमल ने कहा कि आज जब सदन में चर्चा हो रही थी और अध्यक्ष ने कहा कि ”मैं नियम बदल सकता हूॅ और संविधान भी बदल सकता हूं”। धूमल ने कहा कि जो आज सदन में मंत्री मौजूद है वो वेल आॅफ द हाउस में आकर मेरे टेबल के सामने असभ्य गीत गाते थे। उन्होंने कहा कि फिर भी भाजपा सरकार ने इस बात को यह कहकर अनदेखा कर दिया कि लोकतंत्र में यह सब कुछ होता रहता है।
धूमल ने कहा कि मौजूदा कांग्रेस सरकार ने आज आपातकाल की यादें ताजा कर दी है। उन्होंने कहा कि हमारे सदस्यों को सदन से निलंबित कर दिया गया है। कल सदन में इस मामले को उठाया जाएगा और यदि सदन में सदस्यों के हक में फैसला नहीं आया तो विपक्ष उसका कड़ा विरोध करेगा।
उधर, स्पीकर के खिलाफ मोर्चा खोलने पर स्पीकर कार्यालय भी हरकत में आ गया व कहा कि स्पीकर के खिलाफ दिए नोटिस को प्रकाशित नहीं किया जा सकता ।इस तरह आज सदन व सदन के बाहर खूब गर्मागर्मी रही। अब देखना ये है कि आगामी दो दिनों में क्या गुल खिलने वाले हैं।
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