तपोवन/ धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का धर्मशाला के तपोवन में पांच दिनों तक चले शीतकालीन सत्र का भाजपा सदस्यों के वॉकआउट ,पांच बिलों के पास होने के साथ आज शुक्रवार को सत्रावसान हो गया है।सदन में आज कई बार दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली ।भाजपा के निलंबित विधायकों को कोई राहत नहीं मिली व उनका निलंबन वापस नहीं किया गया।उन्हें आज भी विधानसभा परिसर में घुसने नहीं दिया गया ।
बीते रोज निलंबित की तरह भाजपा के तीन सदस्यों सुरेश भारदवाज , राजीव बिंदल और रण्ाधीर शर्मा आज भी सदन की विपक्षी दीर्घा में उनकी सीटें खाली रहीं । उन्हें आज भी गेट पर रोक दिया। स्पीकर बृज बिहारी बुटले ने विपक्षी सदस्यों के इस आग्रह को कि उन्हे कम से कम कैंपस में तो आने दिया जाए ,को यह कह कर कि नियमों के मुताबिक हाउस की परिधि विधानसभा के गेट तक हैं।इसलिए उन्होंने खुद ये आदेश दिए हैं कि निलंबित विधायकों को गेट से अंदर न आने दी जाए। स्पीकर बुटेल ने भाजपा सदस्यों को ये कहकर निरुतर करने की कोशिश की कि ये नियम आपने ही बनाए हैं।
इस बीच मंत्री कौल सिंह ने कहा कि अगर हाउस की परिभाष बदलनी है तो इसके लिए नियमों संशोधन करना पड़ेंगा अभी हाउस की परिभाष में गेट के भीतर का पूरा परिसर शामिल हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने स्पीकर पर नियमों को बदलने का आरोप लगाया और एक सांसद का हवाला देते हुए कहा कि लोकसभा से निलंबित करने के बावजूद भी वो संसद के सेंट्रल हाल से प्रेस कांफ्रेंस करता था। इस पर बाद में कौल सिंह ठाकुर जो कानून मंत्री भी हैं, ने स्पष्ट किया प्रतिपक्ष के नेता धूमल सही कह रहे है लेकिन लोकसभा के नियम इसकी इजाजत देते हैं। जबकि यहां ‘हाउस’ की परिभाष बाहर गेट तक हैं।
इस पर धूमल ने स्पीकर से कहा कि आप निलंबित विधायकों को कैंपस में आने की इजाजत देते है या नहीं । इसके जवाब में स्पीकर ने स्पष्ट किया कि जहां तक निलंबित सदस्यों का प्रश्न हैं वो नियमों के मुताबिक उन्हें कैंपस में आने की इजाजत नहीं देंगे और उनके निलंबन का ये प्रस्ताव सदन ने पारित किया हैं। उन्होंने कहा कि मेरा काम तो कार्यवाही कंडक्ट करना हैं व मैं नियमों के मुताबिक ही चलाउंगा।
धूमल ने कहा कि अगर स्पीकर भाजपा के निलंबित विधायकों का सम्मान नहीं करते हैं तो वो सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते। धूमल ने कहा कि ये तानाशाही का विरोध करेंंगे और ये उन्हें आपातकाल की याद दिलाता हैं। इसके बाद धूमल समेत पूरा विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया।
इससे पूर्व प्रश्नकाल में भाजपा विधायक रविंद्र सिंह रवि की ओर वन विभाग के विश्राम घरों को बुक करने के मसले वन मंत्री और भाजपा सदस्य सतपाल सती के बीच जमकर नोकझोक देखने को मिली इसके अलावा वन मंत्री ठाकर सिंह भरमौरी भाजपा विधायक रविंद्र सिंह रवि से भी भिड़े । थोड़ी देर के लिए सदन का माहौल गमा गया । रविंद्र रवि ने कुक्कर के ढक्कन की खरीद में किसी घपले की ओर भी इशारा किया।
रवि का कहना था कि वो विधनसभा की पीएसी कमेटी के अध्यक्ष हैं व उनकोंं हिमाचल या वन विभाग के विश्राम गृहों में कमरें बुक कराने हो तो कई कई बार अफसरों को बोलना पड़ता हैं। उन्होंने पूरक प्रश्न पूछा था कि कमरों को बुक करने की क्या प्रक्रिया हैं और पिछले चार सालों में इनकी आक्यूपेंसी कितनी रही हैं। इस पर वन मंत्री भरमौरी ने कहा कि कमर्शियल विश्राम गृह नहीं हैं और यहां पर गरीब व अमीर सभी को पहले आओ -पहलेे पाओ की नीति के आधार पर कमरे बुक किए जाते हैं।
वन मंत्री ने सदन में चौपाल में 13 मकानों व सात गउ शालाअें और स्टोरों के आग लगने से तबाह होने पर कहा कि सरकार ने प्रभावित परिवारों को मकान बनाने के लिए लकड़ी मुहैया कराएगी व इन्हें खाद्यन भी मुहैया कराया गया हैं। विभाग ने मामले में एफआईआर भी दर्ज कर दी हैं।
प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य महेंद्र सिंह ठाकुर ने कामगारों को बांटी जाने वाली वाशिंग मशीनों , इंडक्शन चूल्हों व सोलर लैंप व साइकिलों के वितरण में विसंगतियां होने का सवाल उठाया व कहा कि इसमें किसी बड़े घपले का संकेत मिल रहा हैं। उनहोंने कहा कि आइटमें देने के बजाया नकदी क्यों नहीं दी जाती।
इस पर उदयोग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मनरेगा में पचास व निर्माण कार्यों में 90 दिनों तक काम पूरा कर लेते है उन्हें ये आइटमें दी जाती हैं।पहले नकदी भी दी गई लेकिन ये पाया गया कि लोगों ने पैसे तो ले लिए लेकिन आइटमें नहीं खरीदी। जबकि सरकार की मंशा है कि इन लोगों के घरों मं ये आइटमें मुहैया हो ताकि जीवन स्तर बढ़े। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार ने कांट्रेक्ट रेट कर रखा है व सभी आइटमों की कीमत बाजार भाव से कम हैं। कामगारों व नरेगा मजदूरों को एलजी की वाशिंग मशीनें आवंटित की जा रही हैं। उन्होंने सभी विधायकों का आहवान किया कि वो अपने अपने विधनसभा क्षेत्रों में कामगारों व मनरेगा मजदूरों को जागरूक करे। महेंद्र सिंह की इस मंशा को कि किसी को मशीन मिल रही हैं तो किसी को इंडक्शन चूल्हें ,जो कि एक विसंगति हैं सभी को एक सी आइटमें मिलनी चाहिए थह। मुकेश अग्निहोत्री ने स्पष्ट किया कि सभी को ये आइटमें बारी बारी से मिलती हैं । लेने वालों को दावा करना होता हैं। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कागगारों के चयन में धांधली होने के भी अंदेशा जाहिर किया व कहा कि जो कामगार कहीं फैक्टरी में काम कर रहें हैं उन्हें सीटू की यूनियनें निर्माण कार्य में लगे होने के सर्टिफिकेट देकर इन आइटमों को हासिल कर रहे हैं । उन्होंने अग्निहोत्री से इन सर्टिफिकेटों की जांच कराने की मांग की। इस मुकेश अग्निहोत्री ने कोई सीधा जवाब तो नहीं दिया पर कहा कि ”जो काम सीटू वाले कर सकते हैं वो मै व आप नहीं कर सकते”।
प्रश्नकाल के दौरान ही भाजपा विधायक जयराम ठाकुर ने पहले हो चुके शिलान्यास व भूमिपूजन को दोबारा से करने का मसला उठाया। उन्होंने कहा कि उन्हींं के हलके में बालीचौकी में मिल्कफेड के अध्यक्ष ने उस स्कूल का शिलान्यास कर दिया जिसका 27 मई 2012 में वो खुद उदघाटन कर आए थे। इस बावत जब वहां के लोगों ने उदघाटन की पटिटका तोड़ दी तो उनके खिलाफ एफआईआर कर दी । इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां पर पहले से शिलान्यास हुए हैं वहां दोबारा नहीं होना चाहिए।
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद सदन में पांच विधेयकों को पारित किया गया । जिनमें हिमाचल प्रदेश ट्रांसफर ऑफ लैंड रेगुलेशन बिल, हिमाचल प्रदेश नगर निगम दितीय संशोधन बिल, जातीय क्षेत्रों के लोगों को कर्ज लेने के लिए अपनी भूमि को मॉर्टगेज करने हिमाचल प्रदेश विद्युत शुल्क अधिनियम ,हिमाचल प्रदेश वैट संशोधन बिल व हिमाचल प्रदेश प्रेवश माल कर संशोधन बिल शामिल हैं।
सदन के समापन से पहले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सत्र के दौरान कई खटटे मिटठे क्षण देखने को मिले लेकिन जिस मकसद से ये सत्र बुलाया गया था काफी हद तक वो मकसद पूरा हुआ हैैं।विपक्ष पर प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कि सदन की कार्यवाही को जिस प्रकार से व्यवधान डाला गया हैं उससे सदन की गरिमा को ठेस पहुंची हैैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सदस्य स्पीकर की कुर्सी पर बैठ गया ये बेहूदगी की पराकाष्ठा थी। उन्होंने इसके लिए भाजपा सदस्यों को निलंबित करने फैसले को सही बताया व कहा कि स्पीकर ने सदन की गरिमा की रक्षा की हैं और ये तो जो सबसे ल्न्यूनतम सजा थी वो दी है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर प्रदेश वासियों को नए साल की शुभ कामनाएं दी।
सइसके बाद स्पीकर बृज बिहारी बु टेल ने कहा कि पांच दिनों तक चले इस सत्र में पहली बार सदन में सभी प्रश्नों के जवाब ऑनलाइन दिए गए और एक भी प्रश्न की हार्डकॉपी मुहैया नहीं कराई गई। उन्होंने कहा कि सदन में 248 तारांकित व 120 अताराकिंत प्रश्नों के जवाब उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा पांच विधेयक पारित किए गए। उन्होंने कहा कि नियम 101 के तहत दो गैर सरकारी संकल्पों को पेश किया गया जिसमें से नोटबंदी पर लाए गए संकल्प पर चर्चा की गई जबकि दूसरे संकल्प को आगामी सत्र के लिए स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि नियम 130 के तहत एक प्रस्ताव , नियम 62 के तहत दो और नियम 324 के तहत तीन प्रस्तावों पर चर्चा हुई और सदन में समितियों के 24 प्रतिवेदनों को पेश किया गया । इसके बाद स्पीकर बी बी बुटेल ने सभी प्रदेश वासियों को नए साल की शुभकामनाएं देने के साथ ही पांच दिवसीय विधानसभा को अनिश्िचित काल के लिए स्थगित कर दिया ।
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