शिमला। जब से भारतीय जनता पार्टी में नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल की जगह मोदी सरकार में मंत्री जगत प्रकाश नडडा को आगामी विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाने का हल्ला मचा हैं, तभी से भाजपा में हाशिए पर धकेले गए बड़े नेता शांंता कुमार वीरभद्र सिंह के खिलाफ हमला करने से पीछे नहीं हटते हैं।
धूमल ने एक अरसे से वीरभद्र सिंह पर हमला बोलना बंद कर दिया हैं। उनके पुत्र भी सियासी वजहोंसे ही गाहे बगाहें वीरभद्र पर हमला बोलते हैं। जबकि धूमल हमलावार होते थे तो जे पी नडडा वीरभद्र सिंह के खिलाफ जुबान तक नहीं खोलते थे।वीरभद्र भी शांता व नडडा के गुणगान गाने से कभी पीछे नहीं हटते थे। लेकिन अब तस्वीर बदली हैं।
चूंकि अब धूमल अक्सर खामोश रहते हैं शांता कुमार वीरभद्र सिंह के खिलाफ हमलावर हो गए हैं। राजनीतिक तौर पर धूमल ने शांता व नडडा को बहुत पीड़ाएं पहुंचाई हैं। शांताकुमार को प्रदेश की राजनीति से बाहर कर दिया वहीं नडडा को भी इतना बेइज्जत किया था वो सरकार से मंत्री पद छोड़कर चले गए थे।
पार्टी के लोग बताते हैं कि अब दोनों धूमल से हिसाब-किताब पूरा करने पर आ गए हैं। शांता के सारे चेले(एक को छोड़कर) पार्टी में आ गए हैं। बेशक अभी वो पार्टी में बड़े ओहदों पर नहीं हैं।
राजधानी शिमला में शांता कुमार ने वीरभद्र ही नहीं कांग्रेस आला कमान पर भी हमला बोला। उन्होंने वीरभद्र सिंह को सलाह दी कि वो मुख्यमंत्री पद से निकाले जाने से अच्छा है कि सम्मानपूर्वक स्वयं हट जाएं। अन्यथा प्रदेश की जनता कुछ माह पर उन्हें हटा ही देगी या शायद कांग्रेस हाईकमान की नींद खुल जाए तथा वीरभद्र को मुख्यमंत्री के पद से हटा दे। शांता कुमार ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री पद की गरिमा धूमिल की है और पद पर बने रहने का अधिकार खो दिया है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस हाईकमान में न हो हाई है और न ही कमान। शायद वह स्वयं नेश्नल हैराल्ड मामले में जमानत पर हैं। इसलिए वह मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल के इतिहास में ऐसी निंदनीय व शर्मनाक परिस्थिति कभी नहीं आई, जैसी वर्तमान समय में है। भारत की इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि पद पर बैठे मुख्यमंत्री को अपनी व परिवार के साथ जमानत लेनी पड़ी हो। मुख्यमंत्री को लगातार अदालत के चक्कर काटने पड़ रहे हो, जो प्रदेश के लिए शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज दिखाई नहीं देती है। जहां मुख्यमंत्री पूरे परिवार के साथ जमानत पर हो वहां शासन चल नहीं रहा है। कोटखाई घटना हिमाचल के इतिहास में सबसे शर्मनाक घटना है। देव भूमि आज अपराध भूमि बनता जा रहा है। लेकिन दुर्भाग्य है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी दिल्ली में आंखे बंद कर इस घटना को देख रही है।
उन्होंने चुटकी लेते हुए सवाल किया कि वीरभद्र सिंह सरकार चला भी रहे हैं या नहीं और जितनी चल रही है वह कौन चला रहा है, यह पता नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के माथे पर कलंक लग रहा है।
शांता कुमार ने कहा कि कोटखाई गुडिया प्रकरण में जिस तरह की रिपोर्ट सामने आई हैं, उससे साफ है कि इस मामले में ऊपर के स्तर पर हस्तक्षेप हुआ है। इस मामले में पहले किसी ओर के नाम आना फिर किसी और को पकड़ा जाना। इसके बाद हवालात में आरोपी का मर्डर होना एक गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि कहानी आई कि हत्या वाला आरोपी एप्रूवर बन रहा था। जो शक पैदा करता है कि इसमें ऊपर के लोगों का हाथ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सीबीआई इसकी निष्पक्ष जांच करेगी तथा अपराधी पकड़े जाएंगे।
राजधानी में शांता के साथ बिंदल को छोड़कर पूरा धूमल खेमा मौजूद था। जिनमें खुशी राम बालनटहा ,सुरेश भारद्वाज मौजूद थे। बिंदल को लेकर अभी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वो पलटी मार चुके हैं या नहीं।
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