शिमला। भारतीय जनता पार्टी ने नगर निगम चुनावों से पहले नगर निगम में भ्रष्टाचार को लेकर वामपंथियों व कांग्रेसियों को घेरते हुए चुनाव समय पर न कराने के लिए प्रदेश की वीरभद्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग की हैं। पांच सालों में नगर निगम में हुए कारनामों पर भाजपा ने एक चार्जशीट तैयार कर राज्यपाल को आचार्य देवव्रत को भेजी हैं जिसमें वामपंथियों पर इल्जाम लगाया गया है कि उन्होंने शिमला शहर को स्लम बना दिया हैं।जो शहर दुनिया भर में पर्यटन के लिए मशहूर हैं व स्व्च्छता के क्षेत्र में देश में 47वें स्थान पर पहुंच गया हैं। कम्युनिष्टों तथा भ्रष्ट कांग्रेसीसरकार दोनों ने मिलकर शिमला शहर को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोडी है।
भाजपा शिमला मंडल ने कहा कि वामपंथी मेयर व डिप्टी मेयर शहर की समस्याओं का समाधान करने के स्थान पर विदेशी दौरों पर मौज-मस्ती करते रहे।
ये रही बीजेपी की चार्जशीट-:
पिछले पांच वर्षों में कम्युनिस्टों तथा काग्रेंस सरकार शिमला की जनता को पीने का पानी देने में असफल रही है व जनता से सीवरेज सैस के नाम पर भी अवैध वसूली की जा रही है। यही नहीं शहर के सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भ्रष्टाचार के अड्डे बने हुए है ठेकेदारों के साथ मिलकर भ्रष्टाचार हो रहा है।
शिमला शहर की जनता को कांग्रेस सरकार कम्युनिस्टों की मिली भगत से पीलिया फैला। जिसके कारण 32 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पडा।
शिमला नगर-निगम के मेयर व डिप्टी मेयर ढिंढोरा पीटते थकते नहीं थे कि वो यूनिट-ऐरिया मैथड़ शिमला में लागू नहीं होने देंगे जबकि सत्ता में आने के बाद इस प्रणाली को लागू करके टैक्स का बोझ जनता पर ड़ाल दिया।यही नहीं ग्रीन टैक्स के नाम पर पर्यटकोंके लिए कोई सुविधा दिए बिना वसूली की जा रही है।
कम्यूनिस्ट जब से नगर निगम की सता पर काबिज हुए है तब सें प्रदेश के बाहर से आने वाले लोग अवैध रूप से बाजारों में बैठ रहे हैं जिससे बाजार व गलियां संकरी होती जा रही है व शहर की जनता को परेशानी हो रही है।
वामपंथियों व कांग्रेसी सरकार के गठजोड़ के कारण शिमला मे अवैध, निर्माण तीव्र गति से बढा़ है जिसका मुख्य कारण भ्रष्टाचार है। शहर में भरयाल कूड़ा संयत्रसे एक ठेकेदार भाग गया तथा अब दूसरी कंपनी को काम सौंपा गया है। इस कुड़ा संयंत्र के निर्माण व कार्य की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
शिमला के हॉलीलॉज को जाने वाली सड़क को चौड़ा करने के लिए जबरदस्ती निजी भूमि लेने के लिए अधिकारियो द्वारा दबाव डाला जा रहा है व जोधा निवास स्थित पार्किंग के साथ खड़े हरे पेडों को काटने की अनुमति नगर निगम व सरकार द्वारा किस आधार पर दी गई। जबकि वर्ष 2003 में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वन व पेड़ों को काटने से रोकने के लिए नगर निगम की पार्किंग की ऊपरी मंजिल के निर्माण को रोक दिया था। इसी प्रकार हॉलीलॉज में गेस्टहाउस के निर्माण के लिए नगर निगम व सरकार द्वारा ही पेड़ को काटने की अनुमति प्रदान कर अपराध किया गया एशियन विकास बैंक के सहयोग से मालरोड़ क्षेत्र के सौदर्यकरण परियोजना को बदला जा रहा है हरियाली के स्थान पर कंकरीट की दीवारें बनाई जा रही है अनारकली के जंगलो को बदल कर घटिया लोहे के जंगले लगाए जा रहे हैं । मालरोड़ के दोनों तरफ पत्थर बिछा कर सड़क को संकरा किया जा रहा है। वर्षा शालिकाओं को हैरीटेज़ की अनदेखी की जा रही है तथा निर्माण कार्यो मे भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।
एशियन डवलपमेंट बैंक का पैसा भारी भरकम पैमाने पर व्यय किया जा रहा है तथा लाखों रूपया खर्च करके हिमाचल से बाहर की वस्तुओं को भारी भरकम मानदेय व वेतन पर नियुक्त किया गया।
साहेब सोसाइटी द्वारा जो पैसा इक्ट्ठा किया जा रहा है जिसका दुरूपयोग किया जा रहा है। अगर नगर-निगम निचले स्तर पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती करे तो लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
स्मार्टसिटी जो कि शिमला शहर को मिलनी थी लेकिन वामपंथी और वर्तमान काग्रेंस सरकार की मिली भगत से स्मार्ट सिटी को शिमला शहर से वंचित रखा गया। शहर को स्मार्ट सिटी से वंचित रखने के लिए वामपंथियों व सरकार ने शिमला शहर को मिले अंकों के साथ छेड़-छाड़ कर धर्मशाला को स्मार्ट सिटी बना डाला।
केंद्र सरकार द्वारा जो अमृत मिशन में करोड़ों रूपया दिया जा रहा है जिसका वामपंथियों व काग्रेंस द्वारा दुरूपयोग किया जा रहा है। जबकि यह पैसा शहर के विकास के लिए दिया था।
एसआरएल लैब को फायदा पहुंचाने के लिए टेस्टिंग का काम आउटसोर्स किया गया निजी लैब में टेस्ट के दाम बार-बार बढाए जा रहे है व अस्पताल का बडा भाग इनको सौंपा गया है अपने चहेते कर्मचारियों को नौकरियां दी जाती है और उनका वेतन सामान्य वेतन से 30 प्रतिशत अधिक होता है।
जेएनएनआरयूएम के तहत 800 बसों की खरीद की गई जिसमे 300 करोड़ भारत सरकार से प्राप्त हुआ था। इन बसों की बॉडी बनाने में बडा घोटाला हुआ है। ये बसें शिमला शहर में चलाई जानी थी लेकिन ये बसें शिमला की सड़कों मे चलने लायक नहीं है लम्बी बसों के कारण शिमला में आए दिन जाम लगता है।2ण् कारपोरेट केयर सोसायटी नामक संस्था की ओर से नौकरियां आउटसोर्स पर दी जा रही हैं जिससे एक भी विशेषज्ञों से 52000/- पर हस्ताक्षर लिये जाते है तथा उसे केवल 25000/- रूपये दिया जाता है । कराइस्ट चर्च व कैथोलिक चर्च के सौन्दर्यीकरण के नाम पर भी करोडों रूपये खर्च किये जा रहे हैं। जिसके लिए कारपोरेट केयर सोसायटी द्वारा नियुक्त करवाए गए सलाहकारों को लाखों रूपया दिया जा रहा है।
टाउन हॉल की रैनोवेशन के नाम पर मामूली बदलाव के नाम पर करोडों रूपये खर्च किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री अपने चहेते शहरी विकास मंत्री के प्रेममें इतने मदहोश हो गए हैं कि 68 लाख की आबादी वाले छोटे से प्रदेश में दूसरी राजधानी बनाने की घोषणा करके शिमला के महत्व को कम कर रहे हैं।सरकार व नगर निगम की कार्यप्रणाली का नमूना इस वर्ष जनवरी में देखा। जब एक रात बर्फ गिरने के बाद शहर 7 दिन तक बिजली और पानी से महरूम रहा नगर निगम के रास्तों को चलने के लायक बनाने मे भी 15 दिन लग गए।
भाजपा शिमला मंडल का आरोप है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश चुनाव आयोग तथा नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए लोकतन्त्र की हत्या कर रहें है व नगर निगम का चुनाव न करवाकर संविधान का उल्लंघन कर रहें हैं। भाजपा राज्यपाल से मांग की हैं कि उपरोक्त तथ्यों को ध्यान मे रखकर प्रदेश सरकार को भंग करने की सिफारीश करें, चुनाव आयोगों को बरर्खास्त करें और आरोपो की जांच उच्च जांच एजेंसी से करवाकर कार्यवाही करने के आदेश दें।
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