शिमला। अपनी सरकार होने के बावजूद प्रदेश में मंडी संसदीय व तीन विधानसभा हल्कों के लिए हो रहे उपचुनावों में पार्टी को जिताऊ प्रत्याशी नहीं मिल रहे है। आलाकमान की ओर से न जाने कितने सर्वे कराए जा चुके है लेकिन तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है कि कौन स प्रत्याशी सीट निकाल कर भाजपा की झोली में डाल सकता है। । बीते रोज धर्माशाला में भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई व प्रत्याशियों के नामों का पैनल भी तैयार किया गया लेकिन आलाकमान की ओर से उन्हीं नामों पर मोहर लगेगी इस बावत पार्टी में कोई दावे से कुछ नहीं कह पा रहा है। पैनल में भी कई -कई नाम शामिल किए गए है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अर्की विधानसभा हलके से रतन सिंह पाल का नाम सबसे आगे है। यहां से पहले दो बार विधायक रह चुके गोंबिंद राम शर्मा यहां से रतन पाल सिंह के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाए हुए हैं। उधर,जुब्बल कोटखाई से चेतन बरागटा का नाम अंतिम माना जा रहा है। बरागटा को अपने पिता नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद सहानुभूति वोट मिलने की संभावना है। पार्टी ने इसीलिए उनके नाम को सबसे आगे रखा है । लेकिन यहां पर पूर्व जिला परिषद सदस्य नीलम सरकेक बगावत पर उतारू है।
मंडी संसदीय हलके में प्रत्याशी के मामले में भाजपा सबसे ज्यादा संकट में है। मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है लेकिन यहां पर कौन कब बगावत कर जाए कुछ नहीं कहा जा सकता। सूत्रों के मुताबिक यहां से ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा पायल वैद्य, पूर्व सांसद महेश्वर सिंह
के अलावा जयराम ठाकुर मंत्रिमंडल में मंत्री महेंद्र सिंह और सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल के नाम भी लगातार उछाले गए है। लेकिन महेश्वर सिंह को छोड़ कर बाकी सब किसी न किसी तरह चुनाव मैदान में उतरने से कतराते रहे है। अगर ब्रिगेडियर खुशहाल सिंह को टिकट मिला तो उनका मुकाबला संभवत: कांग्रेस की प्रत्याशी प्रतिभा सिंह से होगा। हालांकि भाजपा के कुछ नेता व कार्यकर्ता सिने तारिका कंगणा रणौत को मंडी से चुनाव मैदान में उतारने की वकालत करते रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यह कह कर कि मंडी से किसी कार्यकर्ता को टिकट मिलेगा, उनके नाम पर विराम लगा दिया है हालांकि आलाकमान किसके नाम पर मोहर लगाएगा यह किसी को मालूम नहीं है।
जिला कांगड़ा में फतेहपुर विधानसभा से पूर्व सांसद कृपाल परमार और बलदेव ठाकुर के नाम आगे किए जा रहे है। लेकिन तय अभी कुछ भी नहीं है। चुनाव समिति की बैठक के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह और प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना पूरा ब्योरा आलाकमान भेज चुके है।
लेकिन आधिकारिक तौर पर भाजपा के नेता जुबान खोलने को तैयार नहीं है। ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ता भी व संभावित प्रत्याशी भी असंमजस में है कि वह प्रचार में उतरे या न उतरे। आठ तारीख को नामाकंन भरने की आखिरी तारीख है और भाजपा में यह तय नहीं है कि प्रत्याशियों के नामों की घोषणा किस तारीख को होनी है। यह तब है जब प्रदेश में भाजपा की अपनी सरकार है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि टिकट किसे मिलना है ये आलाकमान ही तय करेंगे। कल प्रत्याशियों की घाोषणा हो जाएगी उन्होंने कहा कि इस बावत कुछ नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि जब उनसे नाम मागेंगे तो वह नाम भेज देंगे व जब उन्हें बुलाया जाएगा तो वह दिल्ली जाएंगे। साफ है कि टिकट के बंटवारे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की राय ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। अन्यथा इस मौके पर पार्टी अध्यक्ष तो आलाकमान में बैठकें कर रहे होते।
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