शिमला। प्रदेश में कांगडा से शुरू हुआ बर्ड फलू का कहर अब चार जिलों तक फैल गया और आहिस्ता-आहिस्ता बाकी जिलों की ओर से भी बढ रहा है। जिला कांगडा व बिलासपुर के अलावा आज जिला सिरमौर और जिला मंडी भी मृत कौए पाएं गए हैं। हालांकि अभी जिला सिरमौर व मंडी में मृत पाए गए कौओं में बर्ड फलू की पुष्टि नहीं हुई है। जिला सिरमौर के पांवटा में वन विभाग ने 61 मृत कौओं को अपने कब्जे में ले लिया है व इनमें से पांच के नमूने जालंधर की प्रयोगशाला को भेज दिए है। मंडी के त्लयाडा से भी वन विभाग की ओर से देर शाम को नमूने जालंधर को भेजे गए हैं।
कांगडा के अलावा बाकी जिलों से प्रवासी पक्षियों में बर्ड फलू का मामला अभी सामने नहीं आया है। वन विभाग के अधिकारियों मुताबिक मंडी व पावंटा में मृत पाए गए कौए बर्ड फलू से ही मरे है।ऐसी संभावना है।केवल सैंपल की रिपोर्ट ही आनी है।
खबर लिखे जाने तक प्रदेश में अभी मुर्गे -मुर्गियों में ये फलू नहीं पाया गया है। हालांकि पशुपालन विभाग ने जिंदा मुर्गें जालंधर व भोपाल के प्रयोगशाओं को भेजे है। बीते दिनों जिला सोलन के चक्की मोड पर तीन सौ के करीब मुर्गियां व चूजें नीचे नाले में फैंके हुए पाए गए थे। इससे जिला सोलन प्रशासन में हडकंप मच गया था। पशुपालन विभाग ने इनके नमूने लेकर इन्हें दफना दिया था। लेकिन इन नमूनों की रिपोर्ट नहीं आई हैं।प्रदेश में अभी पोल्ट्री फार्मों में बर्ड फलू ने दस्तक नहीं दी है।
पशु पालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जालंधर की उतरी अंचल की क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला ने विभाग की ओर से भेजे नमूनों की जांच करने से इंकार कर दिया है। विभाग को बताया गया है कि हरियाणा से ज्यादा नमूने आ रहे है । ऐसे में हिमाचल के नमूनों को भोपाल भेजने की सिफारिश की जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि विभाग ने नमूनों को भोपाल भेज दिया है व अभी तक उनके पास कोई भी रिपोर्ट नहीं पहुंची है।
उधर पांवटा में मृत कौओं के पाए जाने के बाद रेणुका झील में आए प्रवासी पक्षियों पर खतरा मंडरा गया हैफ। राज्य वन्य प्राणी वार्डन अर्चना शर्मा ने कहा कि रेणुका के अलावा बिलासपुर में गोविंद झील में भी प्रवासी पक्षी आते है। सुंदरनगर में भी झील है। वहां भी प्रवासी पक्षी आते हें।लेकनि अभी वहां से प्रवासी पक्षियों के मारे जाने की रिपोर्ट नहीं है। यहां पर कम संख्या में ये पक्षी आते है। कौओं के मृत पाए जाने के बाद उनमें भी बर्ड फलू आ जाए यह खतरा तो बना ही हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के तमाम जलाशयों की निगरानी की जा रही है व तमाम चिडियाघरों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।इसके अलावा तमाम एहतियात बरते जा रहे है।
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