शिमला। हिमाचल के डी.जी.पी सोमेश गोयल ने हिमाचल की जेलों में कैद कैदियों पर बनी डाक्यूमेंन्ट्री फिल्म ‘Behind the Bars’ के पोस्टर और प्रोमो का लोकार्पण पुलिस हेडक्वार्टर में किया। सुमेश गोयल डीजीपी जेल भी हैं।
डा. देव कन्या ठाकुर द्वारा निर्देशित यह डाक्यूमेंन्ट्री फिल्म हिमाचल की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी जेल नाहन, सहित प्रदेश की अन्य जेलों में शूट की गई है। यथार्थवादी सिनेमा के माध्यम से फिल्म इतिहास में पहली बार जेलों का जीवन फिल्माया गया है। जेल में आने के बाद एक कैदी अपने जीवन को चार दिवारी के भीतर कहां देखता है और जीवन के प्रति उसका नजरिया कैसे बदल जाता है व जेलों को सजा गृह न कह कर सुधार गृह कहना कितना तर्कसंगत है, यह फिल्म इसी मसले पर बनी है।
फिल्म की डायरेक्टर डा0 देव कन्या ठाकुर का कहना है कि वह ‘वी शान्ताराम ‘ की फिल्म ‘दो आखें बारह हाथ‘ से वह बेहद प्रभावित रही है। जिससे कैदियों के जीवन में सुधार के लिये एक जेलर ने कदम उठाया था। ‘‘मनुष्य को भूल सुधार का एक और अवसर मिलना चाहिये‘‘ इस विषय पर बनी यह फिल्म भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जाती है। ‘‘Behind the Bars’ ‘ फिल्म भी कैदियों के जीवन मूल्यों, उनके सुधार के प्रति प्रतिबद्धता और समय के साथ जेलों के भीतर के परिदृष्य में आये बदलाव की फिल्म है।
डी.जी.पी सोमेश गोयल का कहना है कि जब कोई व्यक्ति जेल के भीतर आता है तो वह बिल्कुल नई दुनियां में प्रवेश करता है। सामाजिक और मानसिक स्तर पर वह टूट चुका होता है। अब ऐसे जीवन की नई शुरूआत करनी होती है।
और हम उम्मीद करते है कि लोगों का नजरिया ‘Behind the Bars’ के बाद निश्चित रूप से जेलों को सुधार गृह कहने के लिये प्रेरित करेगा।
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