शिमला। वेतन में 20 फीसद की बढ़ोतरी समेत दर्जन भर मांगो को लेकर आज दूसरे दिन भी विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से राजधानी समेत प्रदेश भर के तमाम सरकारी बैंकों की 65 00 शाखाएं बंद रही व इनमें कामकाज पूरी तरह से ठप रहा। दो दिनों तक की इस हड़ताल की वजह से प्रदेश में 250 करोड़ का नुकसान आंका ज रहा है।
यूनाइटेड फोरम आफ बैूंक यूनयिन के बैनर तले बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों की नौ यूनियनों को जुड़े साढ़े नौ हजार से ज्यादा कर्मचारियों व अधिकारियों ने कामकाज ठप रखा।
राजधानी शिमला व जिला मुख्यालयों में इन कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन भी किए और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बैंक कर्मचारियों ने कहा कि सरकार आंदंोलनकारी कर्मचारियों के साथ वार्ता करने से कतरा रही है और तारीख पर तारख दे रही है।
अपनी मांगों को लेकर हड़ताली बैंक कर्मचारियों ने राजधानी में जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिश व विरोध प्रदर्शन किया। हड़ताली बैंक कर्मचारी सुबह दस बजे से लेकर एक बजे तक धरने पर रहे व जमकर नारेबाजी करते रहे। इन कर्मचारियों ने हड़ताल से दूर रहने वाले कर्मचारियों पर भ्ी गुस्सा निकाला व कहा कि घर में बैठक कर कुछ होने वाला नहीं है। अगर तमाम कर्मचारी आंदोलन में शामिल नहीं होंगे तो बात नहीं बनेगी।
यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन के प्रदेश संयोजक गोपाल शर्मा ने इस मौके पर कहा कि केंद्र की मोदी सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। उनकी हड़ताल एक फरवरी तक जारी रहेगी। अगर उनकी जायज मांगों को नहीं मांना गया तो 11, 12 व 13 मार्च को दोबारा तीन दिन की हउÞताल की जाएगी। अगर तब भी उनकी मांगों पर गौर नहीं हुआ तो तमाम बैंक र्मचारी एक अप्रैल से अनिश्चित कालीन के लिए सड़कों पर उतर जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वह एक अरसे से वेतन में 20 फीसद की बढ़ोतरी, अधिकारियों के काम के घंटें तय करने,सेवानिवृति के बाद मिलने वाले लाभों पर आयकर न लगाने, परिवार पेंशन में सुधार और बैंकों में सप्ताह में पांच दिनों तक काम करने की पहले वाली स्थिति बहाल करने की मांगे है। लेकिन मोदी सरकार इन मांगों को नजरअंदाज कर रही है।उन्होंने कहा कि बैंक कर्मियों के पास अब आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहंी बचा है।
इन कर्मचारियों ने कहा कि आज देश की वित मंत्री ने बजट भाषण के दौरान कहा कि बैंक देश की रीढ़ की हडड़ी है लेकिन आज बैंक कर्मी सड़कों पर है।
हिमाचल प्रदेश बैंक इंप्लाइज फेडरेशन के महासचिव प्रेम वर्मा ने कहा कि राजधानी ही नहीं प्रदेश के बाकी जिलों में भी सार्वजनिक बैंकों में कामकाज ठप रहा । उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी जायज मांगों पर गौर करना चाहिए अन्यथा कर्मचारियों को मजबूरन सड़कोंं पर उतरना पड़ेगा।
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