भारी जनांदोलन के बीच बा्रग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना (76) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है । वह देश छोड़ कर फिनलैंड चली गई हैं। पड़ौसी देश बांग्लादेश में हाल के ही दिनों में पूरा देश आंदोलन की राह पर था और पुलिस व सेना के दम पर लोगों के विरोध को कुचलने का प्रयास हो रहा था।
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज रहमान ने खुलासा किया है प्रधानमंत्री शेख हसीना से इस्तीफा दे दिया है और देश छोड़ कर चली गई हैं।
याद रहे बांग्लादेश में पांच लाख लोग सड़कों पर थे और हिंसा में तीन सौ से ज्यादा लोगें की जानें जा चुकी हैं। बांग्लादेश के आजाद होने के बाद ये देश में अब तक सबसे बड़ी हिंसा हैं। याद रहे बांग्लादेश 1971 में पाकिस्तान से टूट कर आजाद हुआ था।
सेना प्रमुख जनरल रहमान ने कहा कि वह देश की सत्ता संभाल रहे है और राष्ट्रपति से अंतरिम सरकार गठित करने का आग्रह करेंगे।
बांग्लादेश से मिल रही जानकारियों के मुताबिक जब आंदोलन कारियों ने उनके महल को घेर लिया तो शेख हसीना हैलीकाप्टर से देश की सरहदों से बाहर निकली।
हसीना सरकार लगातार दक्षिणपंथी ताकतों के निशाने पर रही थी। दक्षिणपंथी संगठनों का इल्जाम था कि वो सत्ता में बने रहने के लिए संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही हैं।
बांग्लादेश में 1971 की आजादी में भाग लेने वाले सेनानियों के लिए सरकारी नौकरियों में कोटा देने के सरकार के फैसले के खिलाफ छात्रों ने जबरदस्त आंदोलन चला रखा था। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था लेकिन इसके बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी थे।
शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद देश की राजधानी ढाका में जश्न का महौल हैं।
इससे पहले भारत के पड़ौस में श्री लंका में भी ऐसा ही हो चुका हैं। ये सब घटनाएं भारत के लिए चुनौती पूर्ण हैं।
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