शिमला।सुप्रीम कोर्ट के शिकंजे में फंसे हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन व बीसीसीआई के अध्यक्ष्ा पद से हटाए गए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर अजीब प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंने टविटर पर लिखित में अपना बयान के अलावा वीडियो भी अपलोड़ किया हैं।
ठाकुर ने ये बयान एमपी के लेटर हैड पर लिखा हैं।
ठाकुर ने लिखा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता हैं कि बीसीसीआई रिटायर जज के अधीन बेहतर काम कर सकता हैं तो उन्हें उनकी शुभ कामनाएं। ।उन्होंंने लिखा है कि वो एक नागरिक की तरह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं।येअलग बातहैकि सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समित की सिफारिशें न मानने केलिए उनका अवमानना नोटिस भेजा हैंं।
यहां पढ़े अनुराग ठाकुर की ओर से बीसीसीआई से सुप्रीम कोर्ट की ओर से उन्हें हटाने के बाद दिया बयान-:
आलोचकों के मुताबिक अनुराग ठाकुर की इस तरह प्रतिक्रियाएंं उनके लिए आत्मघाती बताई जा रही हैैं व उनके अंहकार की अभिव्यक्ति करार दिया जा रहा हैं। बीसीसीआई के मसले पर अनुराग ठाकुर एक अरसे से सुप्रीम कोर्ट को चुनौती सी देते आ रहेे हैं,जो बीसीसीआई से उनकी बर्खास्तगी की एक बड़ी वजह लग रही हैं। अनुराग को लेकर बिहार क्रिकेट एसोसिएशन नेसुप्रीम कोर्टमें ही खुलासा किया था कि वो हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने और उसी की टीम के कप्तान बने और रणजी ट्रॉफी का मैच खेला था। अनुराग रणजी से आगे कहीं खेले हो इसकी जानकारी नहीं हैं।
संभवत: जिस तरह का रवैया बीसीसीआई के मसले पर अनुराग का रहा हैं वो देश के इतिहास में कम ही देखने को मिला हैं। अब ये स्टैंड लेना व कहना कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि बीसीसीआई का कामकाज रिटायर जज बेहतर चला सकते हैं तो उनकी शुभकामनाएं,अपने में अजीब हैैं।उनसे परिपक्कव व मंझे हुए राजनीतिज्ञ तरह प्रतिक्रिया की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन उनकी प्रतिक्रिया बचकानी किस्म की हैैं।कहा जा रहा है कि उनके सलाहकार गड़बड़ किस्म के हैं। उन्हें बीसीसीआई की तारीफ करने से पहले जस्टिस मुदगल कमेटी की रिपोर्ट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए था।लेकिन उन्होंने ऐसा किया। उनके छोटे भाई अरुण धूमल भी सोशल मीडिया फेसबुक पर कई कुछ लिखते रहे हैंं ।
क्रिकेट सेक्स ,सटटे और ड्रग्स का खेल बन ता जा रहा था।जस्टिस मुदगल रिपोर्ट में बहुत कुछ ऐसा हैं जो क्रिकेट के प्रशासन और उसके कर्ताधर्ताओं के कामकाज को लेकर बड़े गंभीर सवाल उठाता हैं।
उधर,तात्कालिक तौर अनुराग के राजनीतिक दुश्मन (बीच में दोस्ती भी होती रही हैं) व हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सीमा में रह कर प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंंने कहा कि अनुराग ठाकुर के बीसीसीआई से बाहर किए जाने पर उनका कुछ भी कहना नहीं हैं।ये अनुराग ठाकुर व बीसीसीआई के बीच का मामला हैं। वीरभद्र सिंह व अनुराग व उनके छोटे भाई अरुण धूमल के बीच एक दूसरे पर तल्ख व निम्न स्तर के जुबानी हमले होते रहें हैं। ये वीरभद्र सिंह ही हैं जिन्होंने अनुराग ठाकुर पर एचपीसीए को लेकर मामले दर्ज कर रखे हैं व धूमल परिवार ने भ्रष्टाचार के मामलों में वीरभद्र सिंह को जेल भेजने का इंतजाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी हैैं ।आज सीमए की नपी तुली प्रतिक्रिया हैं। आगामी चुनावी समर में किसके मुंह से क्या निकलेगा ये देखना दिलचस्प होगा।जबकि पूर्व मुख्यमंत्री व अनुराग ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल ने भी नपी तुली प्रतिक्रिया दी हैं व कहा कि अनुराग ठाकुर ने हमेशा खेलों को बढ़ावा दिया व अदालत के फैसले पर ज्यादा बोलना ठीक नहीं ।
लेकिन मुख्यमंत्री के पुत्र व प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह ने अनुुराग ठाकुर की बर्खास्तगी पर खूब जहर उगला हैं। विक्रमादित्य ने मीडिया से कहा कि ये अनुराग ठाकुर की नालायकी की वजह से हुआजो ये दिन देखना पड़ा। उन्होंने कहा कि ठाकुर ने एचपीसीए में भी रंग दिखाए लेकिन बीसीसीआई में उनका खेल नहीं चला।
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