शिमला।बिजली बोर्ड के बीओडी की कल होने वाले बैठक में बोर्ड की जनरेशन विंग और सिस्टम आपरेशन यानी ट्रांसमिशन विंग में करीब सात सौ फंक्शनल पदों को समाप्त करने के संभावित फैसले की आशंका के बीच बिजली बोर्ड के कर्मचारियों में हाहाकार मच गया है। इनमें से छह सौ के करीब पद तो जनरेशन विंग के ही है।याद रहे इससे पहले सुक्खू सरकार बिजली बोर्ड से 81 के करीब आउटसोर्स पर लगे चालकों को नौकरी से हटा चुकी है।वो अब दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।
बीओडी के इन पदों को समाप्त करने के फैसले की आशंका के बीच आज बिजली बोर्ड कर्मचारी व अभियंता संयुक्त मोर्चा ने अपनी राज्य कार्यकारिणी के सदस्यों से आभासी बैठक कर सभी को आगामी जंग के लिए तैयार रहने का आहवान कर दिया है।
इस बीच बिजली बोर्ड प्रबंधन ने 31 जनवरी को मोर्चा को वार्ता के लिए बुलाया है। लेकिन मोर्चा का कहना है कि जब बोर्ड इस वार्ता से पहले ही सात सौ पदों को समाप्त करने का फैसला 30 जनवरी की बीओडी की बैठक में ले लेगा तो इस वार्ता के कोई मायने नहीं हैं।
मोर्चा की ओर से कहा गया है कि कल बीओेडी में होने वाले फैसलें के समीक्षा की जाएगी और अगर फैसले कर्मचारी विरोधी हुए तो सरकार के खिलाफ जंग छेड़ दी जाएगी।
बहरहाल,मोर्चा के सह संयोजक हीरालाल वर्मा के हवाले से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक मोर्चा ने बिजली बोर्ड में चल रही पदों को समाप्त करने की प्रक्रिया का बिजली बोर्ड कर्मचारी व अभियंता ने पुरजोर विरोध जताया और कहा कि यदि सरकार इस प्रक्रिया में आगे बढ़ेगी तो कर्मचारी अभियंता व पेंशनर्ज राज्य व्यापी आंदोलन की ओर बढ़ने के लिए मजबूर होंगे।
मोर्चा के संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड़ में चल रहे इन घटना क्रर्मो पर सयुंक मंच ने 11 फरवरी 2025 को हमीरपुर में विशाल जिला बिजली पंचायत बुलाई है। उसके बाद अन्य जिला में भी कर्मचारी,अभियंता, पेंशनर व उपभोक्ता ऐसी जिला पंचायत का आयोजन कर इन नीतियों का विरोध करेगा।
उन्होंने कहा बिजली बोर्ड पिछले दो दशकों से कर्मचारियों के अभाव से जूझ रहा है और बिजली बोर्ड की संख्या मात्र 13800 रह गई है जबकि नब्बे के दशक में बोर्ड में 43000 कर्मचारी हुआ करते थे।
आज बोर्ड़ लाइन, सबस्टेशन व अन्य ढांचे में कई गुना वृद्धि हुई है वहीं उपभोक्ताओं की संख्या 6 लाख से 30 लाख हो गई है लेकिन यह हैरानी की बात है बिजली बोर्ड प्रबंधन व प्रदेश सरकार बिजली बोर्ड में भर्ती करने के बजाए कर्मचारियों की संख्या कम करने युद्धस्तर पर कार्य कर रहे है।
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