शिमला। विमल नेगी की मौत को लेकर पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि वो पिछले छह महीनों में 27 दिनों में छुटटी पर रहे थे।ये सब आफिस के दस्तावेज और बायोमेट्रिक्स डाटा खंगालने के बाद सामने आया है। हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन में हाजिरी बायोमेट्रिक्स के जरिए लगती थी।
पुलिस जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अभी तक जो तथ्य सामने आए है उसके मुताबिक विमल नेगी ने पिछले छह महीनों में जितनी बार भी छुटटी के लिए आवेदन दिया उनकी छुटिटयां मंजूर हुई हैं। कारपोरेशन में छुटिटयों के लिए आनलाइन आवेदन किए जाने का तंत्र विकसित हैं।
विमल नेगी जिन दिनों छुटटी पर रहे थे उन समय उनसे कार्यालय में ही काम कराया जाता रहा था या नही, इस बावत जांच के दौरान विमल नेगी की कॉल डिटेल रिकार्डिंग निकाली गई है। इससे पता चलता है कि वो इन छुटिटयों के दौरान शिमला कार्यालय में नहीं रहे थे।
विमल नेगी मौत की जांच को लेकर पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है और तमाम इल्जामों का मिलान तथ्यों से करने में जुटी हैं। ताकि इस मौत के पीछे की गुत्थी को सुलझाया जा सके।
मिली जानकारी के मुताबिक नेगी तनाव में तो थे और कार्यालय में वो शाम को आठ –साढ़े आठ बजे तक रहते थे। लेकिन पुलिस ऐसे किसी पुख्ता सबूत की तलाश में है अदालत में जिसकी काट न मिल सके और अगर किसी ने कोई दबाव बनाया था तो वह बच न सके।
विमल नेगी के परिजनों और कर्मचारी यूनियनों की ओर से पावर कारपोरेशन के एमडी हरिकेष मीणा, कारपोरेशन के निदेशक इलेक्ट्रिकल देशराज और निदेशक शिवम प्रताप सिंह पर विमल नेगी को प्रताडि़त करने व उससे गलत काम कराने के लिए दबाव बनाया जाने का इल्जाम लगाया गया हैं।
शिमला पुलिस ने इस बावत एक एफआइआर दर्ज की है जिसमें कारपोरेशन के तत्कालीन एमडी हरिकेष मीणा, देशराज और शिवम प्रताप सिंह का नाम शामिल किया गया हैं।
इस मामले में देश राज की जमानत याचिका 26 मार्च को प्रदेश हाईकोर्ट से रदद हो चुकी है। लेकिन पुलिस उसे पकड़ने में नाकाम रही।इस बीच देशराज ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया है और संभवत: मामले की सुनवाई सात अप्रैल को होनी हैं।
याद रहे बीते रोज बिजली बोर्ड के एसएलडीसी के पूर्व एमडी व अखिल भारतीय इंजीनियर फेडरेशन के संरक्षण सुनील ग्रोवर इस मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार शर्मा के शर्मा के समक्ष दी गवाही में कई कुछ लिख कर दिया था। जिसमें कहा गया था कि नेगी को कोई छुटटी नहीं दी जाती थी। लेकिन पुलिस जांच इस दावे के विपरीत खुलासा कर रही हैं। अभी जांच प्रक्रिया में हैं और पूरी तस्वीर जांच पूरी होने के बाद ही साफ होगी।
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