धर्मशाला, 8 फरवरी: प्राकृतिक आपदाओं खासकर भूकंप से होने वाले जानमाल के नुकसान से निपटने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इसमें पुलिस, होमगार्ड के साथ-साथ एनसीसी, एनएसएस के छात्रों ने भी हिस्सा लिया।
धर्मशाला में अचानाक अफरा-तफरी मच गई। कहीं ऐबुलेंस के सायरन बज रहे थे तो कहीं पुलिसकर्मी इधर-उधर भाग रहे थे। ये नजारा था प्राकृतिक आपदाओं के दौरान उनसे निपटने के लिए बनाई जा रही रणनीति का। पूरे प्रदेश भर में इस प्रकार के अभ्यासों का सिलसिला चल रहा है। वहीं अभ्यास के दौरान सरकारी और गैर-सरकारी सभी संस्थानों को एलर्ट पर रखा गया था।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं जिलाधीश कांगड़ा संदीप कुमार कहा कि इस दौरान जिले में 10 जगहों पर भूकंप से प्रतीकात्मक नुकसान मानकर मॉक ड्रिल की गई। उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भूकंप जैसी किसी आपदा के समय बेहतर प्रबंधन के लिए प्रशासन की तैयारियों एवं क्षमता का आकलन करना और प्रबंधों एवं व्यवस्था में कमियों का पता लगाकर विश्लेषण एवं सुधार करना था। उन्होंने कहा कि प्रशासन अभ्यास के दौरान सामने आई कमियों को ठीक करेगा, ताकि ऐसी किसी भी स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सके।
इसमें सेना की भी मदद ली गई तथा उनकी ओर से इस अभ्यास की निगरानी के लिए एक अधिकारी तैनात किया गया था। सेना के अधिकारी ने अभ्यास के दौरान गतिविधियों को लेकर अपनी आब्जर्वेशन बर्ताइं।
जिलाधीश कांगड़ा ने कहा कि जिला में करीब 250 छोटे बड़े पुल हैं, जिनमें से कई संवेदनशील हैं । इन पुलों के सुधार के लिए शीघ्र कार्य किया जाएगा । इसके अलावा भूकंप आने पर पुलों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मार्ग बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग के पास 2-3 बैली ब्रिज होना जरूरी है। इसके लिए प्रदेश सरकार के लिए आग्रह किया गया है, ताकि आपदा में यातायात की कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जा सके।
इस दौरान प्रत्येक बचाव दल के साथ आपातकालीन वाहन, स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी घटना स्थलों के लिए रवाना की गई। इस दौरान 108 आपातकालीन सेवा का भी सहयोग लिया गया। पुलिस मैदान में चिकित्सा एवं राहत शिविरों की स्थापना की गई, जहां घायलों को लाया गया, वहीं लोगों के लिए भोजन इत्यादि की व्यवस्था के लिए भी आवश्यक कदम उठाए गए।
शिमला, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू सहित सभी जिलों में आपदा प्रबंधन बोर्ड अलर्ट पर है और सुनियोजित तरीके से मॉक ड्रिल को अंजाम दे रहा है। प्रदेश सरकार के निदेशानुसार लोगों को आपदा के बारे में जागरूक करने के मकसद से कांगड़ा में जिला प्रशासन द्वारा मेगा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान स्कूल के बच्चों को भी भूकंप से बचने के तरीके बताए गए।
इस मौक ड्रिल में होमगार्ड, पुलिस जवानों ने दिखाया कि कैसे आपदा के समय में राहत और बचाव कार्य किए जा सकते हैं। इस दौरान पूरे ऑपरेशन को खुद उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार ने लीड किया। इस दौरान सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे और मॉक ड्रिल के दौरान दिखाया कि किस तरह से हर महकमा आपदा के समय में अपनी भूमिका निभाता है।
डीसी संदीप कुमार ने बताया कि इस मेगा मॉक ड्रिल से काफी कुछ सीखने को मिला खासकर यहां सभी विभागीय कर्मचारियों का आपस में अच्छा तालमेल देखने को मिला जिससे लगता है कि आपदाओं से निपटने के लिए कर्मचारी सक्षम है। जिला उपायुक्त ने बताया कि 200 स्वयंसेवकों ने काम किया जिसमें काफी विधार्थियों ने भी भाग लिया।
ब्यूरो रिपोर्ट
(1)