रजनीश शर्मा
हमीरपुर । यहां राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या में ट्रांसफर व रीलीविंग को लेकर उपजा विवाद थम गया है। रीलीविंग को लेकर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में गई मौजूदा स्कूल प्रिंसिपल नीना ठाकुर को कोई स्टे नहीं मिला है । नीना ठाकुर द्वारा दायर याचिका का 26 नवम्बर को निपटारा करते हुए ट्रिब्यूनल ने शिक्षा सचिव को केवल उचित स्टेशन देने के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि नीना ठाकुर को 21 नवम्बर को स्कूल प्रिंसिपल जोगिंद्र पाल जीड़ रीलीव कर दिया था लेकिन 22 नवम्बर को सुबह फिर से उसी स्कूल में हाजिÞरी लगा दी । स्कूल में ट्रांसफर व रीलीविंग को लेकर उपजे विवाद के बाद नीना ठाकुर इंसाफ के लिए 24 नवम्बर को प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की शरण में चली गयी थी। ट्रिब्यूनल के आए आदेशों के बाद वर्तमान प्रिंसिपल जोगिंद्र पाल जीड़ ही राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या में प्रिंसिपल रहेंगे जबकि नीना ठाकुर को किसी अन्य उचित स्कूल में जॉइनिंग देनी होगी । याद रहे नीना ठाकुर यहां पर फरवरी 2016 में आई थी व जयराम सरकार ने उनका तबादला मंडी के धर्मपुर में कर दिया था।
क्या था मामला
21 तारीख को गर्ल्ज़ स्कूल हमीरपुर में जोगिंद्र पाल जीड़ ने स्कूल प्रिंसिपल के रूप में जॉइनिंग दे दी । यह जॉइनिंग जोगिंदर पाल ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के आदेशों के बाद स्कूल में दी। जोगिंदर पाल मंडी जिÞला के धर्मपुर उपमंडल के हियून पैहड़ स्कूल से ट्रांसफर होकर हमीरपुर पहुँचे । उन्होंने 21 नवम्बर को पदभार सम्भालते ही दोपहरबाद यहाँ तैनात प्रिंसिपल नीना ठाकुर को रीलीव कर दिया व इस बारे सूचना शिक्षा सचिव, शिक्षा उपनिदेशक हमीरपुर व शिक्षा उपनिदेशक मंडी को कार्यालय पत्र द्वारा दे दी । नीना ठाकुर को मंडी जिÞला की हियून पैहड़ पाठशाला में अपनी हाजरी लगानी थी लेकिन वह गर्ल्ज़स्कूल में पहुँचकर हाजरी रजिस्टर में हाजिÞरी लगाकर पूरा दिन स्कूल में रही ।
मौजूदा स्कूल प्रिंसिपल नीना ठाकुर का कहना है कि वह प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के निर्णय से संतुष्ट है व शिक्षा सचिव से मिलकर उचित स्टेशन लेने की अपील करेंगी।
इस बारे में स्कूल प्रिंसिपल जोगिंद्र पाल जीड़ ने कहा कि वह 60 प्रतिशत विकलांग है व सेवनिवृति की दहलीज पर हैं। प्रशासनिक ट्रिब्यूनल व हाई कोर्ट के निर्णय के बाद ही उन्होंने गर्ल्ज़ स्कूल हमीरपुर में प्रिंसिपल के रूप में कार्यभार सम्भाला । जीड़ ने ट्रिब्यूनल से जुलाई में अपना तबादला करवा लिया था लेकिन उन्हें कोई स्टेशन नहीं दिया जा सका था।
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