शिमला/अर्की। उड़ी के बाद देश के बार्डर पर बेशक हिंदुस्तान के जवान मर मिटने के लिए तैयार हो और देश में देशभक्ति की बयार भी चल रही हो लेकिन हिमाचल के स्कूलों, कालेजों मेंं कई श्ाहजादे अलग ही रंग बिखेर रहें हैं।
अर्की के एक निजी स्कूल के बाहरवीं के छात्र होने का दावा करने वाले तीन छात्र अर्की से करीब 20 किलोमीटर दूर बंगोरा स्कूल के पास फर्राटा बाइक चलाते हुए पुलिस के हाथ चढ़े। तीनों एक ही बाइक पर बिना हैलमेट के हवा से बातें कर रहे थे। तीनों शहजादे कुनिहार के निवासी होने का दावा कर रहे थे। बारहवींं में पढ़ रहे इन छात्रों की जब चैकिंग की गई तो इनके बस्ते से हैरान करने वाली चीजें मिली।
बस्ते में स्कूल की वर्दी के साथ संतरा ब्रांड की शराब की बोतल मिली। नमकीन का लिफाफा और डिस्पोजेबल गिलास मिले। बड़ी बात ये कि इन शहजादोंं के गले में देवानंद स्टाइल में रूमाल लटके हुए मिले। बाइक चला रहा एक शहजादा मौके से फरार हो गया। लेकिन बंगोरा में नाबालिग छात्रा का शिक्षक द्वारा कथित यौन शोषण के बाद माहौल पहले ही तनाव पूर्ण था और स्थानीय लोगों ने घेरा डाल रखा हुआ था। वहीं मौके के लिए डीएसपी भी आ रहे थे। तो जनाब ने बाइक छोटे रोड़ पर डाल दी और आखिर शिकंजे में आ गया।
पता नहीं अर्की पुलिस की इन लड़कों के साथ क्या सहानुुभूति थी। बरामद शराब की बोतल से शराब जमीन पर उडेल दी। बाइक के कागजात भी नहीं देखें। हैलमेट नहीं पहनने का भी चलाना नहीं किया गया। बाइक किसकी है, कहीं चोरी की तो नहीं थी, ये भी पता नहीं किया। स्कूल से फरार और शराब पीकर बाइक इन होनहारों का मेडिकल भी नहीं कराया गया। जबकि देश दुनिया में सभी को माालूम है कि किशोर अपराध की दुनिया के बादशाह बनते जा रहे हैं। दिल्ली में एक लड़की को सरेराह दिनदहाड़े चाकूओं से गोदकर मार दिया। एक टीचर पर दो किशोरों ने क्लास में हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया।
छठी बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह की पुलिस अजीब है। पता नहीं गृह सचिव प्रबोध सक्सेना और डी.जी.पी. संजय कुमार की पुलिस को क्या हो गया है। प्रोफेशनिल्ज्म कहीं नजर ही नहीं आता। बिहार व उतर प्रदेश की तरह की स्थिति हो गई है। अपराधियों से पुलिस की इस तरह की सहानुभूति घातक है। बहरहाल इन तीनों के माता-पिता को थाने में जरूर बुलाया गया।
इन तस्वीरों में देखें इन शहजादों के चंद अंदाज-:
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