शिमला। पिछल्ले तीन दिनों से प्रदेश भर में हो रही भारी बारिश से मची तबाही के दौरान प्रदेश सरकार ने बारिश व बर्फबारी में फंसे करीब एक हजार लोगों को सुरक्षित निकाला हैं।
प्रदेश मंत्रिमंडल की समीक्षा बैठक में यह खुलासा किया गया । मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बताया गया कि लाहौल-स्पीति के कोकसर में फंसे 120 लोगों मढ़ी से 23 और रोहतांग कुल्लू से 31 लोगों को सुक्षित निकाला गया है। इसके अतिरिक्त कुल्लू के फोजल में फंसे 33 लोगों को भी सुरक्षित निकाला गया है। इनमें 21 लोगों को वायुसेना की सहायता से और 14 लोगों को अन्य साधनों द्वारा सुरक्षित निकाला गया है।
बैठक में यह भी बताया कि लाहौल-स्पीति में कोकसर से 45 वाहनों को वापस लाया गया है। इसी प्रकार जवाहर नवोदय विद्यालय चंबा से 600 विद्यार्थियों और शिक्षकों व चंबा जिले के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मैहला से 100 विद्यार्थियों को स्थानांतरित किया गया है। इसके अतिरिक्त चंबा जिले में राख के तीन परिवारों को भी लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है।
बैठक में बताया गया कि लाहौल स्पीति के केलंग में सिक्किम राज्य के 12 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल कर केलंग स्थित एक होटल में ठहराया गया है।
बैठक में बताया गया है कि 23 और 24 सितंबर को भारी बारिश के कारण भरमौर में 60 भेड़ व बकरियां भूस्खलन की चपेट में आकर दब गई हैं।
इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व और लोक निर्माण मनीषा नंदा ने पंजाब के राजस्व आयुक्त को भी स्थिति से अवगत कराया व उनके साथ चमेरा बांध डाटा साझा किया ताकि पंजाब सरकार द्वारा आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इसके अतिरिक्त, चमेरा बांध अधिकारियों को भी पंजाब में रणजीत सागर बांध के साथ अपने बांध से सम्बन्धित डाटा साझा करने की सलाह दी गई है।
उपायुक्त चंबा ने पठानकोट के उपायुक्त को आवश्यक एहतियात बरतने को कहा
है।इससे पहले दोपहर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से कहा कि पिछल्ले तीन दिनों में प्रदेश भारी तबाही मची हैं । उन्होंने कहा कि इस बावत सरकार प्रधनमंत्री कार्यालय व गृहमंत्री को नुकसान की रिपोर्ट भेज रही हैं।
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